सीने पर खंजर चल रहे हैं …

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रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध के 24 दिन हो चुके हैं। बर्बादी की इंतहा के बाद अब यूक्रेन का सीना खंजर से जख्मी हो रहा है। “खंजर” यानि “किन्झॉल” मिसाइल अब यूक्रेन के सीने को छलनी कर रही है। यूक्रेन के पास अब खोने को कुछ नहीं बचा है तो रूस के पास पाने को कुछ नहीं है। “जिद” है रूस के राष्ट्रपति पुतिन की, तो “जिद” है यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की। “जुल्म” करने की जिद पुतिन की, तो “जुल्म” सहने की जिद जेलेंस्की।
“झुकाने” की जिद है पुतिन की, तो “न झुकने” की जिद है जेलेंस्की की। इन्हीं जिदों में जल रहा है यूक्रेन तो आंच से झुलस रहा है रूस भी। पर मानने को कोई तैयार नहीं है। और अब तो ऐसा लग रहा है जैसे रूस-यूक्रेन युद्ध लोगों की आम जिंदगी का हिस्सा बन गया है। हो सकता है कि भारत रूस से सस्ता क्रूड ऑयल खरीदकर युद्ध का लाभ उठाने की दिशा में आगे बढ़ जाए। तो इस तरह युद्ध के नए आयाम सामने आ रहे हैं। कहीं सीने पर खंजर चल रहे हैं तो कहीं खुशी के मंजर पल रहे हैं। तो सम्मान की खातिर जुल्म सहे जा रहे हैं और सम्मान की खातिर ही जुल्म किए जा रहे हैं।
बात सम्मान की हो रही है तो मध्यप्रदेश कांग्रेस भी 20 मार्च को सम्मान दिवस मना रही है। यह दूसरा साल है। दो साल पहले इसी तारीख को कांग्रेस सरकार गिरी थी, कमलनाथ ने अपना इस्तीफा तत्कालीन राज्यपाल लालजी टंडन को सौंपा था। सीने पर खंजर चला था मध्यप्रदेश के कांग्रेस नेताओं के। “लोकतंत्र की हत्या” जैसा शब्द फिजां में गूंजा था। अपनों ने ही बेवफाई की थी। पांच साल सरकार में रहने का ख्वाब पंद्रह महीने में ही बिखर गया था। प
र कमलनाथ की जिद थी कि जो सड़क पर उतरकर लड़ाई लड़ना चाहते हैं, वह सड़क पर उतरने को आजाद हैं। तो फिर जो सड़क पर उतरे, उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। और भाजपा का दामन थामकर आग लगा दी सरकार में रहने के कांग्रेस के ख्वाब में। तो वह जो खंजर चला था कांग्रेस नेताओं के सीने पर, उससे दुखी हुई थी कांग्रेस और खुश होने का मौका मिला था भाजपा को। और सरकार बनाकर शिवराज ने लोकतंत्र की हत्या के आरोपों को जनता की अदालत में जाकर सिरे से खारिज करवा दिया था। और नए आयाम गढ़े थे मध्यप्रदेश की राजनीति में। तो अब सत्ता खोने के गम को कांग्रेस ने सम्मान दिवस का नाम देकर जिंदा रखा है। पर सीने पर चले खंजर घाव बनकर अब भी दर्द तो दे ही रहे हैं।
तो पंजाब में मान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर 25 हजार नौकरियां देने के फैसले पर कैबिनेट में मुहर लगा दी है। इससे पंजाब की जनता में खुशी होगी तो बहुतों के सीने पर खंजर चल चुके हैं। कश्मीर फाइल्स फिल्म भी सीने पर खंजर चला रही है उन सबके, जो इसे भाजपाईयों से जोड़कर खुद को बेवजह ही दूसरे पाले में खड़ा कर चुके हैं। और तरस उन पर जो इसे हिन्दू-मुस्लिम कहकर खुद को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। खैर खंजर न ही चलें तो बेहतर हैं। क्योंकि आग लगी तो धुआं तो दिखेगा ही और खंजर चले तो जख्म तो होगा ही, भले ही दिल ही जख्मी क्यों न हो।