फिल्म समीक्षा: आर आर आर देखनीय फिल्म

आर आर आर

फिल्म समीक्षा: आर आर आर देखनीय फिल्म

आर आर आर  (हिन्दी नाम राइज़ रौर रिवोल्ट, मूल तेलुगु नाम रौद्रम रानम रुधिरम ) देखनीय है फिल्म है।  फिल्म की पृष्ठभूमि स्वतंत्रता संग्राम बनाई गई है हालांकि यह फिल्म वास्तविकता के धरातल से दूर है तार्किक दृष्टि से भी फिल्म  खरी नहीं उतरती , लेकिन फिल्म की नयनाभिराम प्रस्तुति, शानदार नृत्य-संयोजन, जबरदस्त एक्टिंग और डायरेक्शन इस फिल्म को देखनीय बना देते हैं। अगर आप इस फिल्म को थ्री डी में फिल्म देखें तो आपका अनुभव और भी जबरदस्त हो सकता है. कुल मिलाकर तीन घंटे की शानदार फिल्म है। मनोरंजन से भरपूर! पैसा वसूल!

यदि आपको लगान पसंद आई हो, पुष्पा ने रोमांचित किया हो और बाहुबली  मनोरंजक लगी हो तो  आरआरआर आपको निश्चित ही पसंद आएगी।  लेकिन अगर आप भुवन शोम, सारा आकाश टाइप फ़िल्में  देखना पसंद करते हों तो इसे देखने जाने की ज़रुरत नहीं है। यह  पूरी तरह से कॉमर्शियल फिल्म है और इसका उद्देश्य मनोरंजन के सिवा कुछ नहीं है।  कहा जा सकता है कि यह  लगान, पुष्पा और बाहुबली का कॉकटेल है।

आर आर आर

बाहुबली में रामायण काल की झलक थी, इसमें लगान टाइप ब्रिटिश काल की झलक है। किस तरह ब्रिटिश साम्राज्य की नींव को खोदने का काम गोंड वनवासी युवा करते हैं, यह देखने लायक है।  कहानी में राम और सीता भी आ गए हैं और पुष्पा के पुष्पराज की तरह भीमा भी है। कहानी में सफ़ेद झंडे पर ववन्दे  मातरम और जल जंगल ज़मीन के नारे का उपयोग किया गया है।  जं

गल में हीरो की शेर से लड़ाई और फिर भीमा और राम नाम के पात्रों का ( राम चरण , जूनियर एनटीआर)की लड़ाई के सीन लाजवाब हैं।  उनका  चित्रण भी बेहद बारीकी से किया गया है। अजय देवगन और आलिया भट्ट के रोल भी हैं ताकि हिन्दीभाषी दर्शक इससे जुड़ सकें। आरआरआर  में दक्षिण के फिल्म उद्योग  के दो सबसे बड़े सुपरस्टार राम चरण और जूनियर एनटीआर पहली बार एक साथ आये हैं।  मानना पड़ेगा कि दोनों ही गज़ब के कलाकार हैं और उनकी फिटनेस के आगे सलमान खान भी फीके हैं। यह मूल रूप से तेलुगु फिल्म है जो हिन्दी , मलयालम, कन्नड़ और तमिल में एक साथ रिलीज हुई है। इसके गानों में दम  नहीं है।
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डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी

डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी जाने-माने पत्रकार और ब्लॉगर हैं। वे हिन्दी में सोशल मीडिया के पहले और महत्वपूर्ण विश्लेषक हैं। जब लोग सोशल मीडिया से परिचित भी नहीं थे, तब से वे इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। पत्रकार के रूप में वे 30 से अधिक वर्ष तक नईदुनिया, धर्मयुग, नवभारत टाइम्स, दैनिक भास्कर आदि पत्र-पत्रिकाओं में कार्य कर चुके हैं। इसके अलावा वे हिन्दी के पहले वेब पोर्टल के संस्थापक संपादक भी हैं। टीवी चैनल पर भी उन्हें कार्य का अनुभव हैं। कह सकते है कि वे एक ऐसे पत्रकार है, जिन्हें प्रिंट, टेलीविजन और वेब मीडिया में कार्य करने का अनुभव हैं। हिन्दी को इंटरनेट पर स्थापित करने में उनकी प्रमुख भूमिका रही हैं। वे जाने-माने ब्लॉगर भी हैं और एबीपी न्यूज चैनल द्वारा उन्हें देश के टॉप-10 ब्लॉगर्स में शामिल कर सम्मानित किया जा चुका हैं। इसके अलावा वे एक ब्लॉगर के रूप में देश के अलावा भूटान और श्रीलंका में भी सम्मानित हो चुके हैं। अमेरिका के रटगर्स विश्वविद्यालय में उन्होंने हिन्दी इंटरनेट पत्रकारिता पर अपना शोध पत्र भी पढ़ा था। हिन्दी इंटरनेट पत्रकारिता पर पीएच-डी करने वाले वे पहले शोधार्थी हैं। अपनी निजी वेबसाइट्स शुरू करने वाले भी वे भारत के पहले पत्रकार हैं, जिनकी वेबसाइट 1999 में शुरू हो चुकी थी। पहले यह वेबसाइट अंग्रेजी में थी और अब हिन्दी में है।

डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी ने नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर एक किताब भी लिखी, जो केवल चार दिन में लिखी गई और दो दिन में मुद्रित हुई। इस किताब का विमोचन श्री नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के एक दिन पहले 25 मई 2014 को इंदौर प्रेस क्लब में हुआ था। इसके अलावा उन्होंने सोशल मीडिया पर ही डॉ. अमित नागपाल के साथ मिलकर अंग्रेजी में एक किताब पर्सनल ब्रांडिंग, स्टोरी टेलिंग एंड बियांड भी लिखी है, जो केवल छह माह में ही अमेजॉन द्वारा बेस्ट सेलर घोषित की जा चुकी है। अब इस किताब का दूसरा संस्करण भी आ चुका है।