PWD के 100 करोड़ के कामों की निगरानी अब CM सचिवालय भी करेगा

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भोपाल: प्रदेश में लोक निर्माण विभाग, MPRDC द्वारा किए जाने वाले 100 करोड़ रुपए से अधिक के काम की निगरानी अब CM सचिवालय भी करेगा। CM सचिवालय के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग ने इस लागत के प्रोजेक्ट्स की डिटेल और वर्किंग प्रोग्रेस को सीएम डैशबोर्ड से जोड़ा है ताकि सचिवालय इसे देखने के साथ इस मामले में सीधे जानकारी लेने का काम कर सके।

उधर विभाग ने नवाचारों और नई तकनीक्स को बढ़ावा देने के लिए इंजीनियरों को हैदराबाद में ट्रेनिंग दिलाने का फैसला भी किया है। ये अधिकारी अगले माह ट्रेनिंग के लिए जाएंगे।

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पिछले माह लोक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान कहा था कि लोक निर्माण विभाग की बड़ी सड़क परियोजनाओं में वन और खनिज विभाग से स्वीकृति के लिए आॅनलाइन व्यवस्था करें। इसको लेकर भी लोक निर्माण विभाग ने काम शुरू किया है ताकि योजनाओं का क्रियान्वयन समय-सीमा में संभव हो सके।

वहीं विभाग द्वारा प्रदेश में संचालित 100 करोड़ रुपए से अधिक लागत के 68 प्रोजेक्ट की विशेष निगरानी के लिए ऐसे कामों को मुख्यमंत्री डैश बोर्ड से कनेक्ट किया है जिसके माध्यम से निगरानी की जा रही है। इसके बाद अभी विभाग पचास करोड़ रुपए से अधिक के कामों को भी इससे जोड़ने की तैयारी में है। विभाग ने यह भी तय किया है कि भारत सरकार की तर्ज पर प्रदेश में बड़े पुलों का निर्माण EPC (इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट कंस्ट्रक्शन) मॉडल पर किया जाए।

इंस्पेक्शन पर जाने वाले अफसर रियल टाइम फोटो करेंगे जियो टैग
विभाग ने इंजीनियरों की दफ्तर में बैठकर की जाने वाली फर्जी इंस्पेक्शन रिपोर्ट पर लगाम कसने का भी निर्णय लिया है। इसमें तय हुआ है कि सड़क, पुल और भवनों के निर्माण में गुणवत्ता बनाए रखने के लिए अधिकारी मौके पर विजिट करें। निर्माण सामग्री की जांच शासकीय प्रयोगशालाओं से समय-समय पर कराई जाए। विभागीय अधिकारियों की निरीक्षण प्रक्रिया पर निगरानी के लिए आॅनलाइन पोर्टल प्रारंभ किया गया है, जिसमें अधिकारी अपनी निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। वे जहां जाएंगे वहां जियो टैगिंग से रियल टाइम फोटो अपलोड करेंगे ताकि दूसरे अधिकारी भी इसकी निगरानी कर सकें।