भोपाल: प्रदेश भर के नायब तहसीलदार और तहसीलदार 23 अप्रेल को भोपाल में जुटेंगे। ये अधिकारी इस दौरान मुख्यमंत्री और राजस्व मंत्री, प्रमुख सचिव को बताएँगे कि अब समीक्षक ज्यादा हो गए हैं और काम करने वालों की संख्या लगातार घट रही है। अब तक सरकार में होता यह था कि काम करने वाले अधिक थे और समीक्षा करने वालों की संख्या कम थी लेकिन मौजूदा दौर में स्थिति उल्टी हो गई है और वर्किंग पिरामिड उलटा हो गया है।
राजधानी में इन अधिकारियों का जमावड़ा संघ का अधिवेशन करने और नई कार्यकारिणी का चुनाव करने को लेकर भी होगा। पांच साल से तहसीलदार संघ के चुनाव नहीं हुए हैं। ऐसे में अब 23 अप्रेल को नई कार्यकारिणी के लिए चुनाव कराया जाएगा। संघ के पदाधिकारी इस अधिवेशन में मुख्यमंत्री, राजस्व मंत्री और राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव से समय मांग रहे हैं।
इस दौरान पदोन्नति के कारण इस कैडर में बनी असमंजस की स्थिति की जानकारी भी मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का काम किया जाएगा। इस बैठक को लेकर पिछले रविवार को संघ पदाधिकारियों की गूगल मीट के जरिये चर्चा हुई थी जिसमें संघ की कार्यकारिणी बनाने और शासन के समक्ष कैडर की दिक्कतों को पहुंचाने का फैसला किया गया है।
संघ के कार्यकारी अध्यक्ष जितेंद्र तिवारी के अनुसार शासन की पुरानी व्यवस्था में काम करने वाले अधिक थे और समीक्षा करने वाले एक या दो होते थे। इस तरह एक पिरामिड सिस्टम का बनता था और काम की गुणवत्ता भी इसमें दिखती थी। अब टॉप लेवल पर समीक्षा करने वाले बढ़ गए हैं और काम करने वालों की संख्या घटी है। इसलिए वर्किंग सिस्टम का पिरामिड उल्टा हो गया है जिसका असर गुणवत्ता पर भी पड़ रहा है। शासन के संज्ञान में इसे लाकर पदोन्नति के जरिये बने गैप को खत्म करने की मांग की जाएगी।