Indore : एक लड़की और उसके तीन दोस्तों ने मिलकर इंदौर के 368 लोगों को 5 करोड़ रुपए का चूना लगा दिया। पुलिस की केस डायरी के अनुसार पूजा थापा नाम की यह लड़की इस पूरे खेल की संचालक है। वह पहले भी फर्जी एडवाइजरी कंपनी चला चुकी है। वो फोन पर पैसे दोगुने होने का लालच देती थी और फिर अपने हथकंडे चलाकर लोगों को फांसती थी।
उसे इस खेल का पुराना एक्सपीरियंस है। पूजा ने अपने साथ पवन तिवारी, प्रकाश भट्ट और विजय जायसवाल को शामिल किया। पवन तिवारी को टीम का हेड बनाया गया। पुलिस रिकॉर्ड में इसे सरगना बताया गया है। अभी पूजा थापा पुलिस के हाथ के हाथ नहीं आई। लेकिन, उसकी 1 करोड़ 85 लाख रुपए की संपत्ति और गाड़ियां सहित 13 लाख रुपए पुलिस ने जब्त कर लिए। पुलिस को उसके परिचितों, रिश्तेदारों के दर्जनभर बैंक खाते मिले हैं। उन्हें भी पता नहीं था कि उनके खातों में धोखाधड़ी की रकम आ रही है। इस मामले में पुलिस ने अभी तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया है।
एडिशनल डीसीपी जयवीर सिंह भदौरिया ने बताया, 15 अप्रैल को 19वीं असम राइफल के राइफलमैन सौरभ मिश्रा ने ई-मेल से शिकायत की थी। कि उनके 3.78 लाख रुपए इंदौर की एक एडवाइज़री कंपनी ने ठग लिए हैं। उसके बाद की गई जांच में पुलिस के सामने पूरी गैंग आई। पूजा थापा की एक्सयूवी (17 लाख), बाइक (94 हजार), सोने की ज्वेलरी (1 लाख), पातालपानी में फार्म हाउस (6 लाख), ओमेक्स सिटी में प्लॉट (8 लाख), समृद्धी कॉरिडोर प्लॉट (5 लाख) और 14 लाख के दो प्लॉट जब्त किए। इसके अलावा पवन तिवारी से कार (25 लाख), रीवा में प्लॉट (22 लाख) और अन्य से 13 लाख रुपए, 25 मोबाइल, 10 लैपटॉप, घड़ियां, 50 से ज्यादा क्रेडिट व डेबिट कार्ड जब्त हुए हैं।
इस गैंग ने अधिकांश ट्रांजेक्शन बैंक ऑफ बड़ौदा के खातों में करवाए। क्योंकि, इस बैंक से ई-ट्रांजेक्शन में IFC कोड का इस्तेमाल किए बिना किसी भी बैंक में रुपए भेजे जा सकते हैं। ऐसे 12 खाते सीज किए गए। आरोपी कैलाश मौर्य, कपिल उर्फ रोहित हार्डिया, अनिल यादव अपने परिचितों के नाम पर खाते खुलवाए थे। इनमें निवेश के नाम पर ली गई राशि जमा होती थी। आरोपी यज्ञदत्त शर्मा, अमित जोशी खातों से नेट बैंकिंग के जरिए यह रकम निकालते। आरोपी मुरली पाटनकर इसे कैश करवाकर पूजा और पवन के पास पहुंचाता था। एक अन्य आरोपी अनुराग कंपनी में टीम लीडर की भूमिका निभाता।