रतलाम से रमेश सोनी की रिपोर्ट
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार ने अपना फैसला सुनाते हुए अभियुक्त कमल पिता रामसिंह बागरी और जगदीश पिता रामसिंह बागरी, तहसील आलोट जिला रतलाम को धारा 326 में 5 वर्ष का कठोर करावास और 1 हजार रुपए के अर्थदंड से दण्डित किया।
शासकीय अपर लोक अभियोजक अधिकारी हेमेन्द्र कुमार गोयल ने बताया कि दिनांक 28.जून.2013 को फरियादी विक्रमसिंह ने पुलिस थाना आलोट पर सूचना देते हुऐ बताया था कि वह ग्राम कंथारिया रहकर खेती मजदूरी करता है।
उसके पिता की दो पत्नियां होकर वह बड़ी पत्नी मैनाबाई का पुत्र है तथा दूसरी पत्नी प्रेमबाई के दो पुत्र कमल व जगदीश है।
उसके पिताजी ने जमीन के दो बराबर हिस्से करते हुए आधा हिस्सा उसे तथा आधा हिस्सा दोनों भाईयों को दे दिया है। वह उसके हिस्से की जमीन में उसके पिता के साथ ट्रेक्टर से सोयाबीन की फसल बो रहा था तभी उसके पास कमल और जगदीश आए और उसके पिता से बोले कि “इस जमीन पर में से मेरे को ओर हिस्सा दो” तो उसके पिता ने मना कर दिया, इतनी बात सुनते ही दोनों पिता व उसे मां-बहन अश्लील गालियां देने लगे, पिता ने मना किया तो जगदीश के हाथ में तलवार थी जिससे जगदीश ने उसके पिता को मारी जो उसके पिता को बाएँ हाथ में कोहनी के बीच लगकर खून निकलने लगा।
यह देखकर उसने उसके पिता को बचाना चाहा तो कमल जिसके हाथ में कुल्हाड़ी थी जिसके वार से उसके दाहिने हाथ के पोंचे पर लगकर खून बहने लगा।
यह देख कर वहां रहे ट्रेक्टर चालक मांगीलाल व मौके पर उपस्थित रमेश ने बीच-बचाव कराया, बीच बचाव के बाद दोनों बोले कि अगर उसे जमीन में और हिस्सा नहीं दिया तो जान से खत्म कर देंगे और दोनों भाग गए|
आरोपियों के जाने के बाद वह उसके पिताजी को व ट्रेक्टर चालक मांगीलाल, रमेश के साथ घायल अवस्था में ट्रेक्टर से थाने पहुंचे जहां फरियादी की रिपोर्ट पर आरोपियों के विरूद्ध थाना आलोट के अपराध क्रमांक 125/2013 अंतर्गत धारा 324, 294 506 एवं 34 भादवि तथा धारा 25 आर्म्सं एक्ट में पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
विवेचना दौरान फरियादी व आहतगण की एमएलसी व एक्सरे रिपोर्ट पर से धारा 326 भादवि का ईजाफा किया गया, साक्षी गण के कथन अंकित किए गए एवं आवश्यक अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र संबंधित अधीनस्थ न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
मामले में न्यायालय सुनील कुमार अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने अपना फैसला सुनाते हुए 30.अप्रेल.2022 को अभियोजन की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य को प्रमाणित मानते हुए आरोपीगण जगदीश और कमल को धारा 326 में 5 वर्ष का कठोर करावास और 1 हजार रुपए के अर्थदंड से दण्डित किया।
साथ ही आरोपी जगदीश को धारा 25(1-बी)(बी) आर्म्सड एक्ट्स में भी 1 वर्ष का कठोर कारावास एवं 5 सौ रुपए के अर्थदण्ड) से दण्डित किया।
प्रकरण में शासन की ओर से सफल पैरवी हेमेन्द्र कुमार गोयल अपर लोक अभियोजक आलोट द्वारा की गई।