Amrawati (Andhra Pradesh) : आंध्रप्रदेश हाईकोर्ट ने स्पेशल चीफ सेक्रेटरी समेत तीन IAS अफसरों को कोर्ट की अवमानना पर जेल भेजने के आदेश दिए। इन तीनों वरिष्ठ अफसरों को एक-एक महीने की जेल और दो-दो हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई। इन्हें अदालत के स्पष्ट आदेश के बावजूद नियुक्ति न करने का दोषी माना गया है। जिन अधिकारियों को ये सजा हुई है, उनमें स्पेशल चीफ सेक्रेटरी (कृषि) पूनम मालाकोंडैया, तत्कालीन स्पेशल कमिश्नर (कृषि) और कुरनूल के तत्कालीन जिला कलेक्टर जी वीरापांडियान हैं।
यह मामला अक्टूबर 2019 में हाईकोर्ट के एक आदेश से जुड़ा है। हाईकोर्ट ने तब याचिकाकर्ता के बतौर ग्राम कृषि सहायक (ग्रेड 2) के पद पर नियुक्ति पर विचार का आदेश जारी किया था। ये भी कहा था कि इस बारे में दो सप्ताह के अंदर सरकारी अधिकारी उचित आदेश जारी करें। इसके बावजूद अधिकारियों ने न तो नियुक्ति के लिए कोई कदम उठाए और न कोर्ट से आदेश के अमल के लिए अतिरिक्त समय की मांग की। इसके बाद याचिकाकर्ता ने नवंबर 2020 में अदालत की अवमानना का मुकदमा दायर कर दिया। इसके एक महीने बाद ही दिसंबर 2020 में अधिकारियों ने आदेश जारी करके याचिकाकर्ता को पद के अयोग्य घोषित कर दिया।
अवमानना याचिका पर सुनवाई के बाद अब हाईकोर्ट ने तीनों आईएएस अफसरों को दोषी करार दिया है। इन अफसरों की तरफ से गुहार लगाई गई कि उन्हें कोई सजा न दी जाए। लेकिन, अदालत ने उनकी बात नहीं मानी। कोर्ट ने कहा कि उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों से अपेक्षा की जाती है कि वे कोर्ट के आदेश पर निर्धारित समयावधि में अमल सुनिश्चित करेंगे। लेकिन, इस मामले में अफसरों की लापरवाही साफ दिख रही है। हालांकि, दो अफसरों के अनुरोध पर अदालत ने सजा के आदेश पर अमल 6 हफ्ते के लिए टाल दिया। लेकिन, स्पेशल चीफ सेक्रेटरी (कृषि) से 13 मई से पहले हाईकोर्ट रजिस्ट्रार के सामने सरेंडर करने को कहा है।
पहले भी कोर्ट ने सजा दी
यह पहली बार नहीं है, जब आंध्रप्रदेश हाईकोर्ट ने IAS अफसरों को जेल भेजने का आदेश दिया है। इसी साल एक अप्रैल को हाईकोर्ट ने 8 IAS अफसरों को अदालत की अवमानना का दोषी मानते हुए दो-दो हफ्ते की जेल और एक-एक हजार के जुर्माने की सजा सुनाई थी। इस केस में कोर्ट के ऑर्डर के बावजूद अफसरों ने कई इमारतें खड़ी करवा दी थीं। बाद में अफसरों के आग्रह पर जेल की सजा के बजाय एक साल तक महीने में एक दिन वेलफेयर होस्टल में सेवा करने का निर्देश दिया था।