महापौर-अध्यक्ष को नहीं केवल पार्षद उम्मीदवारों को देना होगा नामांकन के साथ शपथ पत्र पर जानकारी

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भोपाल:
प्रदेश के निकायों में होंने वाले चुनावों में अब महापौर और अध्यक्ष पद के चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को नामांकन पत्र के साथ शपथ पत्र पर कोई जानकारी नहीं देना होगा केवल पार्षद पद का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को नामांकन पत्र के साथ आपराधिक प्रकरण, सम्पत्ति और देनदारियों की जानकारी देना होगा।

वर्तमान परिस्थितियों में केवल पार्षद पद के डायरेक्ट चुनाव होने है। महापौर और अध्यक्ष के पद के इनडायरेक्ट चुनाव होंने है इसलिए केवल पार्षद पद के उम्मीदवार को ही नामांकन पत्र के साथ शपथ पत्र पर पूरी जानकारी देना होगा।

शपथ पत्र पर पार्षद पद के उम्मीदवारों को नामांकन पत्र के साथ एक शपथ पत्र भी देना होगा। इसमें उम्मीदवार कोअपनी आपराधिक पृष्टभूमि, अपनी सम्पत्ति और कर्ज तथा देनदारियों के साथ ही अपनी शैक्षणिक योग्यता की जानकारी भी देना होगा। शपथ पत्र निर्धारित शुल्क के स्टाम्प पेपर के साथ प्रस्तुत करना होगा। इसे अभयर्थी द्वारा सत्यापित किया जाएगा और मजिट्रेट, शपथ आयुक्त तथा नोटरी के समक्ष यह शपथित होगा।

कालम खाली छोड़ा तो नामांकन पत्र होगा निरस्त-
शपथ पत्र का प्रत्येक कॉलम पार्षद पद के उम्मीदवार को भरना अनिवार्य होगा। यदि किसी कालम की जानकारी निरंक है तो उस कॉलम में निरंक शब्द लिखना होगा। रिटर्र्निग आॅफीसर को यह जांच करना होगा कि सभी जानकारियां नामांकन पत्र के साथ दाखिल करते समय शपथ पत्र में भर दी गई ळै। यदि नहीं भरे है तो रिटर्निंग आॅफीसर अभ्यर्थी को रिक्त कॉलम को भरने के लिए स्मरण कराएंगे।अभ्यर्थी द्वारा किसी भी कॉलम को रिक्त नहीं छोड़ा जाना चाहिए। स्मरण कराने के बाद भी यदि कोई अभ्यर्थी किसी भी कॉलम को भरने में असफल रहा तो उसका नामांकन पत्र जांच,संवीक्षा के समय रिटर्निंग आफिसर नामांकन पत्र खारिज कर सकेगा।

रिटर्निंग आॅफीसर के नोटिस बोर्ड पर लगेगा शपथ पत्र-
रिटर्निंग आफिसर के नोटिस बोर्ड पर शपथ पत्र की प्रतियां प्रदर्शित की जाएंगी और मीडिया के माध्यम से प्रसारित की जाएगी। किसी निर्वाचक द्वारा मांगे जाने पर शपथ पत्र की प्रमाणित प्रतियां दो रुपया प्रत पृष्ट के मूल्य पर दी जाएगी।
शपथ पत्र नहीं देने पर नामांकन निरस्त-
जो उम्मीदवार नामांकन के साथ शपथ पत्र नहीं जमा करेंगे उनके नामांकन पत्र रिटर्निंग आफिसर द्वारा निरस्त कर दिए जाएंगे।

ये जानकारी देना होगी-
ऐसे लंबित अपराध की जानकारी जिसमें दो वर्ष या अधिक के कारावास की सजा दी जा सकती हो। जिन मामलों में न्यायालय ने संज्ञान लिया है। जिन मामलों में दोषी ठहराया है और करावास की सजा दी गई हो। स्वयं, पति, पत्नी और आश्रितों की सम्पत्ति और आय की जानकारी भी देना होग। बैंक सहकारी समितियों, डाकघर, वित्तीय संस्थाओं में जमा राशि, कर्ज की जानकारी देना होगा।जेवर, वाहन की जानकारी भी देना होगा। अचल सम्पत्ति भूमि एवं भवन की जानकारी देना होगा।