Indore : कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला और विधायक विशाल पटेल ने कहा कि सड़क निर्माण में बेटरमेंट चार्ज के नाम पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा जनता पर जजिया कर लगाया गया है। अच्छी सड़क पाना जनता का अधिकार है और उसके लिए जनता से जबरन टैक्स की वसूली गलत है। MR-5 के निर्माण में इस तरह के टेक्स की वसूली का हम विरोध करते हैं और जनता इस टैक्स को नहीं चुकाएगी!
कांग्रेस विधायकों ने यहां जारी एक बयान में कहा कि जनता द्वारा नकार दिए जाने के बावजूद विधायक खरीदकर मुख्यमंत्री के पद पर काबिज हुए शिवराज सिंह चौहान द्वारा आज इंदौर वायर फैक्ट्री से लेकर सुपर कॉरिडोर में छोटा बांगड़दा तक मास्टर प्लान की सड़क MR-5 के निर्माण का भूमि पूजन किया जा रहा है। यह भूमि पूजन वर्चुअल होगा। इसके लिए स्थानीय स्तर पर आयोजित किए गए कार्यक्रम में जनता के द्वारा पिछले विधानसभा चुनाव में नकार दिए गए नेताओं को बुलाया गया है।
यह विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 1 और देपालपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता का अपमान है। इसके साथ ही इन दोनों क्षेत्रों के जनता के द्वारा निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का भी अपमान है। वैसे भी अपमानजनक कृत्य करते हुए विधायकों की खरीदी से सत्ता को हथियाने वाली सरकार से किसी सम्मानजनक और नैतिक आचरण की अपेक्षा भी नहीं की जा सकती है।
विधायक शुक्ला व पटेल ने कहा कि MR-5 का निर्माण इंदौर नगर निगम के द्वारा किया जा रहा है। नगर निगम शहरभर में हर साल 500 करोड रुपए से ज्यादा राशि खर्च कर सड़कों का निर्माण किया जाता है। निगम कभी भी, कहीं भी, किसी भी सड़क के निर्माण में बेटरमेंट चार्ज के रूप में राशि की वसूली नहीं करता। अब MR-5 के नाम पर जो सड़क बनाने का काम शुरू किया जाना है, उसमें नगर निगम के द्वारा बेटरमेंट चार्ज के रूप में वहां रहने वाले लोगों से राशि की वसूली करने का प्रावधान किया गया है। इस प्रावधान को प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार की मंजूरी से लागू किया जा रहा है। यह किसी सामान्य शुल्क का प्रावधान नहीं है, बल्कि जजिया कर है। इस क्षेत्र में छोटे-छोटे प्लाट पर कच्चे-पक्के मकान बनाकर रहने वाले गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के आर्थिक हितों पर इस शुल्क के माध्यम से प्रहार करने की कोशिश की जा रही है।
दोनों कांग्रेसी विधायकों ने कहा है कि इस सड़क के निर्माण में नगर निगम को बेटरमेंट टैक्स के रूप में नागरिकों के द्वारा एक पैसा भी नहीं चुकाया जाएगा। नागरिकों के हितों की लड़ाई लडने के लिए हम मैदान में आएंगे।
मुआवजा नहीं देते, तो शुल्क कैसा
कांग्रेसी विधायक शुक्ला एवं पटेल ने कहा कि नगर निगम के द्वारा सड़क के निर्माण के लिए सड़क की चौड़ाई की परिधि में आने वाले नागरिकों के स्वामित्व की जमीन के मकान, दुकान तोड़ दिए जाते हैं। उन्हें हटा दिया जाता है। उन्हें न तो जमीन का मुआवजा दिया जाता है और न तोड़े गए निर्माण की लागत दी जाती है। जब नगर निगम कोई मुआवजा नहीं देता, तो फिर उसे बेटरमेंट के नाम पर चार्ज वसूलने का क्या अधिकार है!