खरगोन से आशुतोष पुरोहित की रिपोर्ट
खरगोन: जिले के देवलगांव में पत्नी के वियोग में पति ने भी दम तोड़ा। दोनों की एक साथ अर्थी उठी। इस दौरान लोगों की आँखें नम हो गईं।
जीवन भर साथ निभाने वाले एक बुजुर्ग दम्पति की शव यात्रा भी अनूठी निकली। बैंड बाजे और डीजे के साथ भजन कीर्तन के बीच परिजनों और ग्रामीणों ने अंतिम विदाई देकर बुजुर्ग दम्पत्ति का अंतिम संस्कार किया।
दरअसल खरगोन जिले के गोगांवा थाने के देवलगांव में पत्नि 80 वर्षीय बुजुर्ग सीताबाई की मौत के करीब 8 घन्टे बाद ही बुजुर्ग पति 90 वर्षीय नागू गोस्वामी की भी पत्नी के वियोग में मौत हो गई।
करीब 60 साल पहले विवाह के समय जीवनभर साथ निभाने का वादा करने वाले दंपति ने अंतिम यात्रा तक ऐसे ही साथ निभाया।
इस दौरान दोनों की एक साथ परिजनों और ग्रामीणों ने बैंड बाजे की धुन में डीजे के साथ भक्तिमय भजन के साथ शव यात्रा निकाली।
बेटे कैलाश ने पिता और बेटे श्याम ने मां को मुखाग्नि दी। दोनों की अर्थी एक साथ उठी तो हर समाज के लोग इसमें शामिल हुए।
ग्रामीण मनोज गुप्ता ने बताया कि दोनों में अटूट प्रेम था। एक दूसरे के बिना नहीं रहते थे। बुजुर्ग पत्नी की मौत के करीब 8 घन्टे के बाद बुजुर्ग पति की भी मौत हो गई।
दोनों भाग्यशाली थे। भगवान कम ही लोगों को ऐसे एक साथ बुलाता है। खास बात ये है कि अट्टू प्रेम के चलते दोनों एक साथ मजदूरी पर जाते थे।
गोस्वामी दंपति एक साथ आदिवासी क्षेत्र में जाकर महिलाओं के नाक-कान छेदने का भी काम करते थे। श्रृंगार सामग्री भी बेचते थे।
इसके अलावा दोनों साथ में खेतों पर कपास चुनाई, मिर्च तुड़ाई, निंदाई, गुढ़ाई आदि की मजदूरी के लिए जाकर परिवार का पालन पोषण करते थे।
चार बेटों और दो बेटियों का विवाह किया। नाती-पोतों की भी शादियां हो चुकी है। उम्र की दहलीज पर पहुंचने के बाद दोनों एक साथ पिछले 3 वर्षों से घर पर ही रह रहे थे।
दोनों की हुई मौत के बाद पहली बार गांव में अलग हटकर एक साथ अर्थी उठी और पहली बार पति पत्नी का एक साथ परिजनों ने अंतिम संस्कार किया।