Navjot Sidhu Sentenced : सुप्रीम कोर्ट ने 34 साल पुराने मामले में सजा सुनाई, आज ही जेल जाएंगे

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New Delhi : पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने एक साल की सख्त सजा देने का फैसला दिया। 34 साल पहले के एक मेल में सिद्धू के हमले में एक बुजुर्ग की मौत हो गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 4 साल पहले दिए अपने फैसले को बदल दिया। तब उन्हें एक हजार रुपए का जुर्माने लगाकर छोड़ दिया गया था। ख़ास बात यह कि सिद्धू को आज ही जेल जाना होगा। उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा या वे सरेंडर करेंगे। सितंबर 2018 में उन्होंने सजा के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दायर की थी।

इस मामले में पंजाब पुलिस को आज ही अदालत के आदेश का पालन करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को सरेंडर या गिरफ्तारी पर रोक के लिए कोई राहत नहीं दी। इसलिए सिद्धू को आज ही जेल जाना होगा। सिद्धू को सजा काटने के लिए पटियाला जेल भेजा जा सकता है। सिद्धू कुछ देर पहले पटियाला स्थित अपने घर पहुंच गए हैं। लेकिन, उन्होंने फैसले को लेकर सिर्फ ‘नो कमेंट्स’ कहा।

कानून का फैसला स्वीकार

नवजोत सिद्धू ने ट्वीट किया कि उन्हें कानून का फैसला स्वीकार है। सिद्धू इस वक्त पटियाला में हैं। जब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई और सजा सुनाई जा रही थी, सिद्धू महंगाई के मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। सिद्धू ने हाथी पर बैठकर प्रदर्शन किया था।

यह 27 दिसंबर 1988 का मामला 

कांग्रेस नेता नवजोतसिंह सिद्धू के खिलाफ यह मामला 1988 का है। पटियाला में गाड़ी पार्क करने को लेकर उनका 65 साल के गुरनाम सिंह से विवाद हो गया था। उनके बीच हाथापाई भी हुई, जिसमें सिद्धू ने कथित तौर पर गुरनाम सिंह को मुक्का मार दिया। बाद में गुरनाम सिंह की मौत हो गई। पुलिस ने नवजोत सिंह सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह सिद्धू के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया।

सेशन से बरी, पर हाईकोर्ट ने सजा सुनाई

मामला अदालत में पहुंचा। सुनवाई के दौरान सेशन कोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्धू को सबूतों का अभाव बताते हुए 1999 में बरी कर दिया था। इसके बाद पीड़ित पक्ष सेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंच गया। साल 2006 में हाईकोर्ट ने इस मामले में नवजोत सिंह सिद्धू को तीन साल कैद की सजा और एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी। लेकिन, आज के सुप्रीम कोर्ट ने फैसले ने उनके राजनीतिक जीवन को भी प्रभावित किया है।