मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिये निर्धारित दरों पर विभिन्न श्रेणियों में उपभोक्ताओं को 16 हजार 424 करोड़ 18 लाख रूपये की सब्सिडी देने का निर्णय लिया गया। यह प्रदेश के घरेलू उपभोक्ताओं के लिये गृह ज्योति योजना में स्वीकृत 5,584 करोड़ 40 लाख रूपये की सब्सिडी के अतिरिक्त हैं। इसके एवज में विद्युत वितरण कंपनियों को सब्सिडी दी जायेगी।
उपभोक्ता श्रेणी 10 हार्सपावर तक की क्षमता वाले मीटर रहित स्थायी कृषि उपभोक्ताओं से फ्लेट दर पर 750 रूपये प्रति हार्सपावर प्रतिवर्ष लिये जाने के एवज में सब्सिडी के लिए 10,372 करोड़ 17 लाख रूपये, 10 हार्सपावर से अधिक क्षमता वाले मीटर रहित स्थायी कृषि उपभोक्ताओं से फ्लेट दर पर 1500 रूपये प्रति हार्सपावर प्रतिवर्ष लिए जाने के एवज में सब्सिडी के लिए 690 करोड़ 56 लाख रूपये, 10 हार्सपॉवर तक की क्षमता वाले मीटरयुक्त स्थायी कृषि पंप के लिए 43 करोड़ 45 लाख रूपये और 10 हार्सपावर से अधिक क्षमता वाले मीटरयुक्त स्थायी कृषि पंप के लिए 2 करोड़ 96 लाख रूपये की सब्सिडी दी जाएगी।
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साथ ही 10 हार्स पॉवर तक की क्षमता वाले अस्थाई कृषि पंप के संयोजन के लिए 193 करोड़ 81 लाख रूपये, 10 हार्स पॉवर से अधिक क्षमता वाले अस्थाई कृषि पंप के संयोजन के लिए 12 लाख रूपये, 1 हेक्टेयर भूमि वाले 5 हार्सपॉवर तक के एस.सी./एस.टी स्थाई कृषि पंप उपभोक्ताओं को नि:शुल्क विद्युत देने के लिए 4983 करोड़ 33 लाख रूपये और उच्च दाब उद्वहन/समूह सिंचाई उपभोक्ताओं को वार्षिक न्यूनतम प्रभार से छूट और ऊर्जा प्रभार में 190 पैसे प्रति यूनिट की छूट देने के लिए 137 करोड़ 77 लाख रूपये सब्सिडी देने का निर्णय लिया गया हैं।
उत्कृष्ट कार्यों के लिए 3 नवीन पुरस्कार
मंत्रि-परिषद ने 3 नवीन पुरस्कार मध्यप्रदेश गौरव सम्मान, मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार (शासकीय योजनाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु) एवं मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार (नवाचार हेतु) को संचालित किए जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया। यह पुरस्कार प्रतिवर्ष मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस 1 नवम्बर को दिये जाएंगे।
मध्यप्रदेश गौरव सम्मान– प्रदेश के नागरिकों/संस्थाओं को विभिन्न श्रेणियों में उनके द्वारा किये गये असाधारण कार्यों के लिए दिए जाएंगे। प्रतिवर्ष कुल 10 पुरस्कार दिए जाएंगे। प्रति पुरस्कार 5 लाख रूपये सम्मान राशि दी जाएगी। एक ही कार्य क्षेत्र या श्रेणी में एक से अधिक व्यक्ति पात्र होने पर पुरस्कार राशि बराबर-बराबर वितरित की जाएगी। केवल मध्यप्रदेश के मूल निवासी आवेदन कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार (टीम)– शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए जिला प्रशासन की टीम को दिया जायेगा। विभिन्न श्रेणियों में कुल 5 पुरस्कार दिये जायेंगे। प्रत्येक श्रेणी में 10 लाख रूपये की सम्मान राशि दी जाएगी।
मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार (नवाचार)- शासकीय योजनाओं के नवाचार के लिए शासकीय सेवकों को दिया जायेगा। विभिन्न श्रेणियों में कुल 15 पुरस्कार दिए जाएंगे। प्रत्येक श्रेणी में 1 लाख रूपये की सम्मान राशि दी जाएगी। एक ही कार्य क्षेत्र या श्रेणी में एक से अधिक शासकीय सेवक पात्र होने पर पुरस्कार राशि बराबर-बराबर वितरित की जाएगी।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
मंत्रि-परिषद ने लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में वर्तमान में स्वीकृत पदों के कार्य अनुरूप चार कैडर/संवर्ग निर्माण कर नवीन ढाँचा निर्माण की स्वीकृति दी। नवीन संवर्ग में चिकित्सक संवर्ग, विशेषज्ञ संवर्ग, लोक स्वास्थ्य प्रबंधन संवर्ग और अस्पताल प्रबंधन संवर्ग का निर्माण किया जायेगा। नवीन (संवर्ग) ढाँचा निर्माण के लिए चिकित्सक संवर्ग, विशेषज्ञ संवर्ग और लोक स्वास्थ्य प्रबंधन संवर्ग में पदोन्नति के पदों को क्रमोन्नत वेतनमान के पद में परिवर्तित करते हुए क्रमोन्नत/ चार स्तरीय वेतनमान अनुसार पदपूर्ति की स्वीकृति प्रदान की गयी।
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क्लस्टर विकास से 4 हजार रोजगार के अवसर
मंत्रि-परिषद ने राज्य शासन की क्लस्टर विकास की मंशा और प्रस्तावित क्लस्टर से बड़ी संख्या में रोजगार सृजन एवं वृहद निवेश के दृष्टिगत एस.पी.व्ही को क्लस्टर विकास के लिए कुल विकास लागत की 60 प्रतिशत की दर से अधिकतम 10 करोड़ रूपये का सहायता अनुदान देने का निर्णय लिया। मेसर्स फेयरडील एक्सपोर्ट कॉपरेटिव सोसायटी द्वारा ग्राम निंबोला जिला बुरहानपुर में टेक्सटाईल क्लस्टर की स्थापना से 4 हजार व्यक्तियों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की संभावना हैं। परियोजना की कुल लागत 19 करोड़ 85 लाख रूपये हैं। क्लस्टर में स्थापित होने वाली इकाइयों द्वारा इकाई स्थापना के लिए बैंक/वित्तीय संस्थाओं से लिए जाने वाले मियादी ऋण (Term loan) पर 2 प्रतिशत की दर से 5 वर्षों के लिये अधिकतम 5 करोड रूपये ब्याज अनुदान, शर्तों के अध्याधीन स्वीकृत किये जाने का निर्णय लिया गया है।
1208 करोड़ रूपये से अधिक की सिंचाई परियोजना
मंत्रि-परिषद ने रामपुरा मनासा सूक्ष्म उदवहन सिंचाई परियोजना के लिए प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की। परियोजना की लागत राशि 1208 करोड़ 89 लाख रूपये है। इस परियोजना की रबी के लिए सिंचाई क्षमता 65 हजार 400 हेक्टेयर होगी। परियोजना से मनासा तहसील के 215 ग्रामों के कृषकों को सिंचाई सुविधा का लाभ प्राप्त होगा।
29 हजार 400 करोड़ रूपये की नि:शुल्क शासकीय प्रत्याभूति
मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में विकेन्द्रीकृत उपार्जन योजना में खाद्यान्न आदि के उपार्जन, सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं अन्य शासकीय योजनाओं के संचालन, डेफिसिट पूर्ति और वर्तमान जारी वित्तीय व्यवस्था की निरंतरता के लिये वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु धन राशि उधार लेने के लिए 29 हजार 400 करोड़ रूपये की निःशुल्क शासकीय प्रत्याभूति की स्वीकृति प्रदान की। शासकीय प्रत्याभूति के संस्थावार पुनर्आवंटन एवं खाद्यान्न साख-सीमा के संचालन की समय-समय पर कार्यवाहियों के लिए खाद्य विभाग को अधिकृत किया गया।
किसानों को वित्तीय सहायता के लिए 17 हजार करोड़ रूपये
मंत्रि-परिषद ने भारत सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों को फसल हानि/क्षति होने पर वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से 17 हजार 72 करोड़ 30 लाख रूपये का वित्तीय आकार निर्धारित करते हुए निरंतर रखे जाने का निर्णय लिया। इसमें 2020-21 से 2022-23 तक के लिये 8 हजार 410 करोड़ रूपये केन्द्रांश एवं 8 हजार 410 करोड़ रूपये राज्यांश और राज्यांश राशि का 3 प्रतिशत प्रशासनिक व्यय राशि रूपये 252 करोड़ 30 लाख रूपये शामिल है। योजना का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक आपदा आदि अनापेक्षित घटनाक्रम के कारण फसल हानि/क्षति से पीडित किसानों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना एवं किसानों की आय को सुनिश्चित करना है, ताकि वे अपने कृषि कार्य को जारी रख सके। फसल कटाई प्रयोगों के आयोजन में नवीन तकनीकों जैसे स्मार्ट सेम्पलिंग, रेमोट सेंसिंग आदि का उपयोग किया जायेगा।
ग्रीन इनर्जी कॉरिडोर परियोजना
मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा से उत्पादित विद्युत की निकासी के लिए म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा ग्रीन इनर्जी कॉरिडोर परियोजना में किए जा रहे पारेषण कार्यों के वित्त पोषण हेतु मेसर्स के.एफ. डब्ल्यू, जर्मनी से स्वीकृत ऋण राशि 124 मिलियन यूरो का संपूर्ण उपयोग करने की सहमति दी।
सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना (द्वितीय चरण) की पुनरीक्षित लागत का अनुमोदन
मंत्रि-परिषद् द्वारा श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना (द्वितीय चरण), जिला खण्डवा 2X660 मेगावॉट की पुनरीक्षित लागत 7 हजार 738 करोड़ रूपये का अनुमोदन दिया गया। साथ ही यह निर्णय लिया गया कि परियोजना लागत पुनरीक्षण के पूर्व के वित्त पोषण की व्यवस्था यथा 80 प्रतिशत राशि पीएफसी से ऋण के द्वारा तथा 20 प्रतिशत की राशि राज्य शासन की अंशपूँजी से, को समान अनुपात में पुनरीक्षित लागत हेतु जारी रखने का अनुमोदन किया। म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी की 2X660 मेगावॉट क्षमता की श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना (द्वितीय चरण) जिला खण्डवा की दोनों इकाइयों, इकाई क्रमांक 3 एवं 4 दवारा क्रमश: 18 नवम्बर 2018 एवं 28 मार्च 2019 से वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ किया गया है। इन इकाइयों की लागत वर्ष 2011 में 6 हजार 500 करोड़ रूपये आंकलित की गई थी। वर्तमान में विभिन्न कारणों यथा मूल्य संवर्धन (Price Variation), मुद्रा दर परिवर्तन (Exchange Rate Variation), वस्तु एवं सेवा कर में हुई वृद्धि तथा संशोधित पर्यावरण मानकों के पालन में किए जाने वाले कार्यों के कारण परियोजना की लागत 6 हजार 500 करोड़ से बढ़कर अब 7 हजार 738 करोड़ रूपये हो गई है।
24 हजार करोड़ रूपये से अधिक की कार्य-योजना का अनुमोदन
मंत्रि-परिषद् द्वारा रिवेम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) में वितरण कंपनियों की 24 हजार 170 करोड़ रूपये की कार्य-योजना को स्वीकृति प्रदान की गई। इसमें प्रदेश की तीनों विद्युत् वितरण कंपनियों द्वारा प्रीपेड स्मार्ट मीटरिंग एवं सिस्टम मीटरिंग के लिए 8 हजार 736 करोड़ रूपये, वितरण हानियों में कमी के लिए 9 हजार 265 करोड़ रूपये तथा वितरण प्रणाली सुदृढ़ीकरण एवं आधुनिकीकरण के लिए 5 हजार 909 करोड़ रूपये के कार्य किये जायेंगे। इसके अतिरिक्त परियोजना की मॉनिटरिंग के लिए 260 करोड़ रूपये का प्रावधान भी कार्य-योजना में किया गया है।
वितरण प्रणाली सुदृढ़ीकरण एवं आधुनिकीकरण से संबंधित बुनियादी अधो-संरचना के निर्माण / विकास कार्यों के लिए केंद्र सरकार द्वारा 60 प्रतिशत राशि (लगभग 9 हजार 261 करोड़ रूपये) तथा प्रीपेड मीटर एवं सिस्टम मीटरिंग हेतु 15 प्रतिशत राशि (लगभग 1 हजार 462 करोड़ रूपये) अनुदान के रूप में विद्युत् वितरण कंपनियों को प्रदान की जाएगी। शेष राशि राज्य शासन द्वारा ऋण के रूप में विद्युत् वितरण कंपनियों को उपलब्ध कराई जाएगी।
वनों का संरक्षण
मंत्रि-परिषद ने वनों के संरक्षण एवं विकास हेतु जन-सहयोग प्राप्त करने के लिए राज्य शासन के संकल्प दिनांक 22 अक्टूबर, 2001 की कण्डिका 11.1.3 को प्रतिस्थापित करते हुए राज्य शासन के काष्ठ के विदोहन से प्राप्त होने वाली काष्ठ की बिक्री से प्राप्त राजस्व की 20 प्रतिशत राशि संयुक्त वन प्रबंधन समिति को देने के निर्णय को वित्तीय वर्ष 2022-23 से उक्त संकल्प में समाविष्ट किया है। अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों को मान्यता) अधिनियम, 2006 के तहत अधिकारों का विनिश्चयन करते हुए वन प्रबंधन का अधिकार समुदाय / ग्राम सभा को जिन स्थानों पर दिया जाता है, उन स्थानों पर इस अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार वनों का प्रबंधन होगा।
विधेयक एवं अध्यादेश
मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश ग्रामीण (सीमान्त, छोटे किसान तथा भूमिहीन कृषि श्रमिक) ऋण विमुक्ति विधेयक, 2022 के प्रारूप का अनुमोदन किया। विधेयक को विधानसभा में प्रस्तुत करने के पूर्व राष्ट्रपति से अनुमति प्राप्त करने और विधानसभा से पारित कराने की कार्यवाही के लिए राजस्व विभाग को अधिकृत किया गया।
मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता (संशोधन) अध्यादेश, 2022 का अनुमोदन किया। अध्यादेश को राज्यपाल से प्रख्यापित कराने की कार्यवाही के लिए राजस्व विभाग को अधिकृत किया गया। राजस्व मण्डल से संबंधित सभी मामले 2 या 2 से अधिक सदस्यों से मिल कर बनने वाली खण्डपीठ द्वारा सुने जा सकेंगे।
संपत्ति का निर्वर्तन
मंत्रि-परिषद ने म.प्र. सड़क परिवहन विभाग की वार्ड क्र. 5, गोरतरा रोड जिला शहडोल स्थित शहडोल बस डिपो परिसम्पत्ति कुल क्षेत्रफल 19 हजार 140 वर्गमीटर के निर्वर्तन के लिए H-1 निविदाकार की निविदा बोली मूल्य 9 करोड़ 23 लाख 12 हजार रूपये का अनुमोदन किया। H-1 निविदाकार द्वारा निविदा राशि का 100% जमा करने के बाद अनुबंध/रजिस्ट्री की कार्यवाही जिला कलेक्टर द्वारा की जायेगी।
मंत्रि-परिषद ने राजस्व विभाग की वार्ड नं. 6, छत्रसाल, वाणिज्यिक कर कार्यालय के पास जिला दमोह स्थित भूमि परिसम्पत्ति कुल रकबा 668.90 वर्गमीटर के निर्वर्तन के लिए H-1 निविदाकार की उच्चतम निविदा राशि 2 करोड़ 18 लाख 12 हजार रूपये का अनुमोदन किया। H-1 निविदाकार द्वारा निविदा राशि का 100% जमा करने के बाद अनुबंध/रजिस्ट्री की कार्यवाही जिला कलेक्टर द्वारा की जायेगी।
मंत्रि-परिषद ने राजस्व विभाग की वार्ड नं. 23, रानी दुर्गवाती चौक, प्लॉट नंबर 21, जिला बालाघाट स्थित परिसम्पत्ति कुल रकबा 449.74 वर्गमीटर के निर्वर्तन के लिए H-1 निविदाकार की उच्चतम निविदा राशि 3 करोड़ 21 लाख 20 हजार रूपये का अनुमोदन किया। H-1 निविदाकार द्वारा निविदा राशि का 100% जमा करने के उपरांत अनुबंध/रजिस्ट्री की कार्यवाही जिला कलेक्टर द्वारा की जायेगी।
अन्य निर्णय
मंत्रि-परिषद ने नव गठित जिला-निवाड़ी में स्थानीय निर्वाचन कार्यालय के लिए 5 अस्थाई पदों का सृजन 28 फरवरी 2023 तक करने और वित्तीय भार के प्रस्ताव पर अनुमोदन किया।