Ujjain News: सोमवती अमावस्या एवं शनि जयंती के दोहरे संयोग से बना सिंहस्थ सा नज़ारा

हर मंदिर में श्रद्धालुओं की अपार भीड़, जगह जगह भंडारे एवं महाप्रसादी के आयोजन

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उज्जैन से सुदर्शन सोनी की रिपोर्ट

उज्जैन। आज सोमवती अमावस्या एवं शनि जयंती पर्व पर सुबह 4 बजे से ही मोक्षदायिनी शिप्रा में स्नान करने वालों भीड़ उमड़ रही हैं। सुबह 2 बजे तक लगभग 2 लाख 50 हजार से अधिक लोगों ने पुण्य की डुबकी लगा ली थी।

रामघाट, बड़ा पूल, छोटा पुल, नरसिंह घाट जहां तक देखो श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आ रही हैं। रविवार शाम से ही ग्रामीण अंचल से लोगों का धर्मनगरी में आना शुरू हो गया था।

सोमवती के साथ ही शनि जयंती के संयोग के चलते बड़े पुल के समीप सोमती कुंड और त्रिवेणी संगम पर भी श्रद्धाुल स्नान के लिए पहुंचे रहे हैं।

कोरोना काल में दो साल सोमवती अमावस्या पर स्नान आदि पर प्रतिबंधों के कारण लोग शिप्रा में स्नान से वंचित रहे थे।

संक्रमण कम होने के बाद अब पुनः छूट मिलने से सभी पर्व उत्साह से मनाए जा रहे हैं। आज पर्व स्नान पर दो साल बाद ऐसी भीड़ दिखाई दी।

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सोमतीर्थ कुंड पर नगर निगम द्वारा स्नान हेतु आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु फव्वारे लगाए गए हैं।

सफाई, पेयजल हेतु टैंकर के साथ ही महिलाओं को वस्त्र बदलने हेतु चेंजिंग रूम की व्यवस्था एवं नियंत्रण कक्ष भी बनाया गया। मगर निगम प्रशासन की व्यवस्थाएं भीड़ के आगे बौनी साबित हुईं।

यहां पर महिलाओं ने स्नान के बाद भगवान सोमेश्वर महादेव का पूजन किया और पीपल वृक्ष की परिक्रमा भी की व दान पुण्य किया।

ज्येष्ठ अमावस्या को भगवान शनिदेव का जन्मोत्सव मनाया जाता है। वहीं आज सोमवती अमावस्या का संयोग भी जुड़ गया है।

त्रिवेणी संगम स्थित प्राचीन नवग्रह मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए सुबह से ही भक्त पहुंच रहे हैं।

इसी के साथ त्रिवेणी संगम पर स्नान भी किया जा रहा है। नई पेठ स्थित श्री शनिदेव मंदिर सहित अन्य शनि मंदिरों में भी लोग भगवान का तेलाभिषेक कर दर्शन लाभ ले रहे हैं।

आज ज्येष्ठ मास की अमावस्या को वट सावित्री का पर्व भी मनाया जाता है।

परंपरानुसार महिलाएं वटवृक्ष पर सूत का धागा लपेटकर परिक्रमा कर अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए पूजन कर रही हैं। श्रद्धा के साथ कथा का श्रवण भी किया।

मान्यता है कि इस व्रत को करने से पति को दीर्घ आयु प्राप्त होती है और घर में सुख-समृद्धि आती हैं।

रात से लोगों का धर्मनगरी में आने का सिलसिला शुरू हो गया था जो आज सुबह तक चलता रहा। उज्जैन आने वाली ट्रेने और बसों में भी काफी भीड़ नजर आई। स्नान के बाद लोगों ने महाकाल सहित अन्य प्राचीन मंदिरों में दर्शन किए।

सराफा कारोबारियों ने कारोबार बंद रख किया महाप्रसादी का आयोजन

उज्जैन के प्राचीन गोपाल मन्दिर क्षेत्र में सर्राफा एसोसिएशन एवं सर्राफ यूथ फेडरेशन पटनी बाजार के समस्त व्यापारियों द्वारा सोमवती अमावस्या एवं शनि जयंती के पुण्य अवसर पर महाप्रसादी का आयोजन किया एवं आगंतुकों को बैठाकर भोजन प्रसादी ग्रहण करवाई।

सर्राफ एसोसिएशन के सचिव शिवनारायण सोनी ने बताया कि प्रतिवर्ष “नरसेवा ही नारायण सेवा” के ध्येय के साथ सराफा व्यापारियों द्वारा यह आयोजन किया जाता है मगर कोरोना के चलते विगत तीन वर्षों से यह धार्मिक आयोजन नहीं हो पाया था, सभी व्यापारियों की मंशा अनुसार इस वर्ष आज सोमवती अमावस्या एवं शनि जयंती पर्व के दोहरे संयोग में यह महाप्रसादी का आयोजन रखा हैं। जो अभी सतत जारी है।

वहीं अन्य बाजारों में खरीदी भी की जा रही है। सतीगेट, गोपाल मंदिर, ढाबा रोड बर्तन बाजार सहित पुराने शहर के गली-बाजारों में भीड़ नजर आ रही है।

भीड़ के बीच वाहन फंस गए है और कई जगह पर जाम लग गया है। वहीं महाकाल मंदिर भी लाखो की संख्या में श्रद्धालुगण पहुंचे हैं। भीड़ अधिक होने से मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है। गोपाल मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते क्षेत्र को नो व्हीकल झोन में तब्दील किया गया है।