बड़वानी से सचिन राठौर की रिपोर्ट
बड़वानी: हर युवा का सपना होता है कि वह पढ़ लिख कर अपने जीवन स्तर को बेहतर करें और बेहतर से बेहतर जॉब करें लेकिन मध्य प्रदेश में पढ़े लिखे युवाओं के हालत देख शायद आपको उन पर तरस आ जाएगा।
वजह मध्य प्रदेश में लगातार सरकारी नौकरी की वैकेंसियों का अभाव, चयनित शिक्षकों को नियुक्ति में देरी, विभिन्न परीक्षाओं के पेपर लीक होने से रद्द हुई परीक्षाएं, रिजल्ट मे हुई देरी के चलते शिवराज सरकार पर कई तरह के सवाल तो खड़े हो रहे हैं वही पढ़े-लिखे युवा पेट्रोल पंप पर जॉब और बैंक में सिक्योरिटी गार्ड बनने को मजबूर हैं।
हम बात कर रहे हैं बड़वानी जिला मुख्यालय पर पेट्रोल पंप पर गाड़ियों में पेट्रोल भरने का काम करने वाले एमए पास युवा मनीष नरगावे और एमएसडब्ल्यू जैसी उच्च शिक्षा प्राप्त प्राप्त करने के बाद निजी बैंक में सिक्योरिटी गार्ड का काम करने वाले धीरेंद्र नरगावे की।
पेट्रोल पंप पर काम करने वाले युवा मनीष नरगावे कहते हैं कि उन्होंने 2016 में एम ए पास किया था| वह कहते हैं कुछ वैकेंसियों में मैंने कई बार अप्लाई भी किया| पिछले कुछ साल से तो वैकेंसी निकल नहीं रही है और अगर निकलती भी हैं तो कुछ ना कुछ गड़बड़ी हो जाती है। घर परिवार पालने के लिए भरण-पोषण के लिए मजबूरी में यह काम करना पड़ा है। मुझे 7 हजार रुपये महीना मिलता है।
निजी बैंक में सिक्योरिटी गार्ड का काम करने वाले धीरेंद्र ने एमएसडब्ल्यू तक शिक्षा प्राप्त की है। धीरेंद्र कहते हैं वैकेंसी कम आ रही है इसलिए बेरोजगारी चरम पर है। मजबूरी के चलते सिक्योरिटी गार्ड बनना पड़ा। वह सरकार से चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा वैकेंसी निकले ताकि पढ़े-लिखे युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सके। दो युवा ही बल्कि प्रदेश में कई पढ़े-लिखे युवा है जो इस तरह काम करने को मजबूर है।
अब जरूरत इस बात की है कि सरकार ज्यादा से ज्यादा सरकारी वैकेंसी निकालें ताकि युवाओं को रोजगार मिल सके और उनका पढ़ा लिखा होना कामयाब हो सके।