मप्र में भाजपा ने परिवारवाद (Familyism) के खिलाफ जो मुहिम चलाई है कांग्रेस उसका फायदा उठाने आगे आ गई है। कांग्रेस ने अभी तक जिन तीन महापौर उम्मीदवारों के नाम तय किये, उन सभी का संबंध भाजपा से हैं। कांग्रेस ने इंदौर से कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला का टिकट तय कर दिया है। संजय शुक्ला के पिता विष्णु शुक्ला और बड़े भाई राजेन्द्र शुक्ला अभी भी भाजपा में हैं। सागर से कांग्रेस ने पूर्व विधायक सुनील जैन की पत्नी निधि जैन को टिकट देने के संकेत दिये हैं।
निधि जैन के जेठ शैलेन्द्र जैन फिलहाल सागर से भाजपा के विधायक हैं। ग्वालियर में कांग्रेस ने अपने विधायक सतीश सिकरवार की पत्नी शोभा सिकरवार को टिकट देने का मन बनाया है। शोभा सिकरवार के ससुर गजराज सिंह सिकरवार और उनके देवर नीटू सिकरवार भाजपा से विधायक रह चुके हैं।
पीठाधीश्वर की मार्केटिंग!
मप्र के एक धाम के नवोदित पीठाधीश्वर की मार्केटिंग का ठेका एक धार्मिक टीवी चैनल ने संभाल लिया है। खबर है कि पीठाधीश्वर और धाम को होने वाली कमाई का एक हिस्सा इस टीवी चैनल को मिलेगा। पिछले कुछ दिनों से इस टीवी चैनल के मैनेजरों ने पीठाधीश्वर को पूरी तरह घेर लिया है। चर्चा है कि धाम से 15 लाख लेकर यह चैनल देश के एक बड़े बाबा को इस धाम पर लेकर आया। योजना के तहत इस बड़े बाबा से पीठाधीश्वर की जमकर तारीफ कराई गई। इससे पीठाधीश्वर की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी। इसके बाद पीठाधीश्वर की कुछ जिलों में कथा और दरबार के आयोजन कराये गये। इससे लाखों की कमाई हुई। चैनल ने पीठाधीश्वर की लोकप्रियता को भुनाने उनकी लंदन यात्रा तय कराई हैपीठाधीश्वर और उनके 10 चेलों को एयर टिकट और लंदन में ठहराने, खिलाने, घुमाने की व्यवस्था चैनल ने की है। लंदन में कथा और दरबार से होने वाली कमाई का बंटवारा भी धाम और चैनल के बीच तय हो गया है।
मीडिया फ्रेंडली आईएएस
मप्र में अधिकांश जिम्मेदार आईएएस मीडिया से दूरी बनाते हैं, लेकिन एसीएस होम राजेश राजौरा सबसे अलग हैं। उन्हें मीडिया फ्रेंडली आईएएस का खिताब दिया जा सकता है। राजौरा अपने विभाग की जानकारी छुपाने के बजाय लगभग हर खबर पत्रकारों के साथ शेयर करते हैं। खास बात यह है कि उनकी किसी खबर से सरकार आज तक असहज नहीं हुई है। गृह विभाग से जारी होने वाले लगभग सभी आदेश जनसंपर्क विभाग से पहले राजौरा के मोबाइल से पत्रकारों को मिल जाते हैं। प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर राजौरा देर रात तक जागकर पत्रकारों को अपडेट करते हैं।
खरगौन का दंगा हो या गुना में तीन पुलिस वालों की हत्या का मामला, सरकार की हर कार्रवाई की जानकारी राजौरा ने मीडिया से शेयर की। हनुमान जयंती पर तनाव के बीच राजौरा रात डेढ़ बजे तक पत्रकारों को प्रदेश की पल पल की खबर देते रहे। उत्तरकाशी में बस हादसे को लेकर राजौरा सीएम के साथ देहरादून पहुंचे तो रात दो बजे तक वे मीडिया को वहां से लाईव अपडेट देते रहे।
पीएस के चैंबर से बाहर नही निकली 5 करोड़ की फाइल
प्रदेश सरकार के बड़े विभाग के प्रमुख सचिव ने एक अफसर की फाइल को अपने कक्ष में 6 महीने से दबाकर रखा है। बताते हैं विभागाध्यक्ष ने अफसर के खिलाफ 5 करोड़ की राशि के भुगतान से जुड़ी फाइल में कार्रवाई की सिफारिश की थीअफसर काफी रसूखदार है और प्रबंधन के लिए मशहूर है। अधिकारी की फाइल जब से पीएस के चैंबर में गई है, तब से बाहर नहीं निकली है। पीएस ने फाइल पर नोट लिख रखा है चर्चा की जाए। जब फाइल ही बाहर नहीं निकली तो चर्चा कौन किससे करेगा।
कांग्रेस में “दिग्विजयी यात्रा” पर मंथन
मप्र कांग्रेस में आजकल पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की 230 विधानसभा क्षेत्रों में प्रस्तावित यात्रा पर मंथन चल रहा है। प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ इस यात्रा से लाभ हानि पर विचार कर रहे हैं। दरअसल कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता चाहते हैं कि 2023 के विधानसभा से पहले “पंगत में संगत” जैसे कार्यक्रम हों। “पंगत में संगत” कार्यक्रम में दिग्विजय सिंह ने प्रदेश भर में घूम घूमकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ सामूहिक भोजन किया और उन्हें एकजुटता की शपथ दिलाई थी।
इसी तर्ज पर दिग्विजय सिंह 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश की सभी 230 विधानसभा क्षेत्र में पहुंचकर कार्यकर्ताओं को सक्रिय करना चाहते हैं। उन्होंने इसी साल विजयादशमी से यह यात्रा शुरू करने का प्रस्ताव कमलनाथ को भेजा है।
महिला आईपीएस ने खरीदी दूकान
मप्र के दो आईपीएस अफसरों ने पिछले कुछ दिनों के भीतर राजधानी में अचल सम्पत्ति का सौदा किया है। एक वरिष्ठ आईपीएस अफसर ने एक साथ तीन प्लॉट खरीदे हैं। खास बात यह है कि प्लॉट की कीमत भी कुछ खास ज्यादा नहीं है। एक प्लॉट करीब 16 लाख का बताया है।
एक अन्य महिला आईपीएस ने राजधानी में एक रेलवे स्टेशन के पास बन रहे बिजनेस कॉम्पलेक्स में एक दुकान का सौदा किया है। ऐसे में सवाल उठता है कि यह आईपीएस आगे चलकर बिजनेस में हाथ आजमाएगे या फिर यह इन्वेस्टमेंट है। इन सौदों का खुलासा तब हुआ, जब इन अफसरों ने विभाग को इसकी सूचना दी।
और अंत में…..!
मप्र लोकायुक्त के रिटायर विशेष पुलिस महानिदेशक राजीव टंडन का एक ही कार्यालय में दो बार विदाई समारोह चर्चा का विषय बन गया। दरअसल उनसे पहले रिटायर हुए महानिदेशक संजय राणा की लोकायुक्त से पटरी नहीं बैठ रही थी, इसलिए लोकायुक्त कार्यालय में उनका विदाई समारोह नहीं हुआ। यही सोचकर लोकायुक्त विशेष पुलिस स्थापना शाखा ने राजीव टंडन को अपने स्तर पर शानदार विदाई समारोह आयोजित कर विदाई दे दी। इसकी भनक लगते ही लोकायुक्त ने भी तत्काल अपने कार्यालय में विदाई समारोह का न केवल आयोजन किया, बल्कि शाॅल श्रीफल से टंडन का सम्मान करके उनके कार्यकाल की जमकर तारीफ भी की।