नगरीय निकाय चुनावों का दौर पूरे जोर से शुरु हो चुका है। फिर मुद्दे उछलने लगे हैं, फिर मुद्दे हवा में तैरेंगे और फिर मुद्दे ओझल भी हो जाएंगे। पर फिलहाल आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। जोर भी पकड़ेगा, शोर भी होगा और फिर चुनाव परिणाम आने के बाद अगले चुनावों तक के लिए लंबी खामोशी छा जाएगी। पर इस बीच में कुछ नारे और कुछ संकल्प मन को लुभावने जरूर लगते हैं। इसी में से एक वादा जो किया जा रहा है, कि मैं अपने नगर निगम को भ्रष्टाचार मुक्त बनाऊंगी… इस संकल्प की भले ही क्षणिक उम्र हो, लेकिन मन को सुकून देने वाली तो है ही।
भोपाल से महापौर पद की भाजपा प्रत्याशी मालती राय ने नगर निगम को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की बात कही है। भोपाल को स्वच्छता में नंबर वन बनाने का संकल्प लिया है। तो भोपाल से कांग्रेस महापौर प्रत्याशी कह रही है कि राजधानी को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाऊंगी। विकास में आगे ले जाऊंगी। इंदौर से कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी संजय शुक्ला ने सड़क के किनारे कारोबार करने वाले गरीब परिवारों को आश्वस्त किया है कि मैं महापौर बनने के बाद आप लोगों को नगर निगम की पीली गैंग के आतंक से मुक्ति दिलाऊंगा। तो भाजपा के महापौर प्रत्याशी पुष्यमित्र भार्गव विकास की नई इबारत लिखने की बात कह रहे हैं। और वह दस कदम आगे निकलते हुए कांग्रेस महापौर प्रत्याशी संजय शुक्ला के पिता से ही जीत का आशीर्वाद लेकर आ गए।
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बड़े नेता भी आरोप-प्रत्यारोप के दौर में शामिल हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कांग्रेस ने भोपाल को एक कस्बा बना के रखा था, कांग्रेस ने कभी भोपाल का विकास नहीं किया। वह बंटाधार अभी भी कांग्रेस का पीछा नहीं छोड़ रहा है और फिर बंटाधार करेगा। मध्यप्रदेश का किया, भोपाल का किया, तबाह और बर्बाद किया भोपाल को, लेकिन भोपाल को सुंदर शहर बनाया तो भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने बनाया, भारतीय जनता पार्टी की नगर निगम ने बनाया। तो पूर्व मुख्यमंत्री एवं मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ के आरोप हैं कि 15 साल बाद जब मुझे प्रदेश मिला था तो प्रदेश भ्रष्टाचार, गुंडागर्दी और बेरोजगारी में डूबा हुआ था।
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हमने 15 महीने की अपनी सरकार में अपनी नीति और नियत का प्रदर्शन किया। आज बेरोजगारी सबसे बड़ी चुनौती है। शिवराज सिंह की सरकार जनता और उद्योगपतियों में विश्वास पैदा करने में असफल साबित हुई है। वहीं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार के नेतृत्व में नगरपालिका से लेकर ग्रामीण निकाय के सभी क्षेत्रों में सर्वांगीण विकास हुआ है। जब 2003 के पहले प्रदेश में बंटाधार सरकार थी तब मध्यप्रदेश बीमारू राज्य की श्रेणी में आता था। भाजपा सरकार के कार्यकाल में प्रदेश एक बीमारू राज्य से निकलकर देश के विकसित राज्यों की श्रेणी में आकर खड़ा हुआ है। भाजपा नगरीय निकाय चुनाव में हर बूथ पर जीत दर्ज कर इतिहास बनाएगी।
तो आगामी एक माह हर दिन नए-नए दावे और नए-नए वादों से रूबरू होने का है। मतदाताओं को भरोसे में लेने की हर कोशिश होगी और अंततः मतदाता भी किसी न किसी में अपना भरोसा जता ही देगा। इसके बाद आरोप-प्रत्यारोप और वादों का दौर और शोर खत्म हो जाएगा, फिर पांच साल की लंबी खामोशी छा जाएगी। न मतदाता को हिसाब मांगने का समय और अवसर मिलेगा, न महापौरों को हिसाब देने का ही।