Madhya Pradesh में योग आयोग गठित होगा – CM चौहान

शालाओं में योग प्रशिक्षण के साथ-साथ घरों पर भी योग के लिए प्रेरित करने की व्यवस्था की जाएगी

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भोपाल :

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आठवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में योग आयोग गठित करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि योग को जीवन का अभिन्न अंग बनाने के लिए प्रदेश की शालाओं में योग प्रशिक्षण आरंभ किया जाएगा। इसके लिए योग शिक्षकों की भर्ती भी की जाएगी। लोग घर पर सरल योग का अभ्यास निरंतर कर सकें इसके लिए भी आवश्यक व्यवस्था स्थापित की जाएगी। अंतर्राष्ट्रीय योग संस्थान, पतंजलि योग संस्थान, ईशा योग फाउंडेशन, आर्ट ऑफ लिविंग जैसी संस्थाओं से योग साधकों का सहयोग लिया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सभी प्रदेशवासियों से प्रतिदिन योग करने का आव्हान किया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान आठवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर मुख्यमंत्री निवास में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मानवता के लिए योग की थीम पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम को कर्नाटक के मैसूर पैलेस से संबोधित करते हुए कहा कि योग ऊर्जा विश्व स्वास्थ्य को दिशा देगी। भारतीय संस्कृति और अध्यात्म की परंपरा से निकला योग, आज वैश्विक सहयोग का आधार बन रहा है। यह मानव मात्र को निरोग बनाए रखने का साधन सिद्ध होगा। संपूर्ण विश्व द्वारा इतनी बड़ी कोरोना महामारी का सामना करने के उपरांत अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन मानव की जीवटता का प्रतीक है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि योग हम सब के लिए शांति का स्त्रोत है। यह व्यक्तिगत शांति, समाज के लिए शांति, देशों के लिए शांति और ब्रह्मांड के लिए शांति का माध्यम है। योग समस्याओं के समाधान का मार्ग प्रशस्त करता है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि देश अमृत महोत्सव मना रहा है। आजादी के 75वें वर्ष में आज देश के 75 ऐतिहासिक स्थानों पर एक साथ योग के आयोजन से सांस्कृतिक ऊर्जा और चेतना का प्रस्फुटन होगा। दुनिया के अलग-अलग देशों में सूर्योदय और सूर्य की गति के साथ लोग योग से जुड़ रहे हैं। विभिन्न देशों में सूर्य की पहली किरण के साथ बड़ी संख्या में लोग योग कर रहे हैं। इस प्रकार संपूर्ण पृथ्वी के चारों ओर योग की रिंग बन रही है। यह कार्डिनल रिंग ऑफ योगा है। यह प्रयास संपूर्ण विश्व को स्वास्थ्य संतुलन की अद्भुत प्रेरणा दे रहे हैं। योग अब वे ऑफ लाइफ बन रहा है।

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प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि योग से हमारी कार्यक्षमता बढ़ती है। यह आवश्यक है कि हम योग को अतिरिक्त कार्य के रूप में नहीं लें, अपितु इसे जीवन के भाग के रूप में अपनाएं, इससे योग स्वास्थ्य-सुख और शांति का उत्सव मनाने का माध्यम बन जाएगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि युवा, योग के क्षेत्र में नए विचारों के साथ जुड़ रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने केन्द्रीय आयुष मंत्रालय द्वारा आरंभ किए गए स्टार्टअप चैलेंज, इनोवेटिव डिजिटल एग्जीबिशन तथा अन्य नवाचारों की जानकारी भी दी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि योग स्वस्थ रहने का सबसे सशक्त माध्यम है। जिसमें शारीरिक क्षमता नहीं है, वह आत्मा-परमात्मा कुछ प्राप्त नहीं कर सकता। योग से कार्यक्षमता और कर्मठता की प्रवृत्ति में वृद्धि होती है। प्रधानमंत्री श्री मोदी, बाबा रामदेव, परम पूज्य जग्गी वासुदेव जी इसका प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। वे प्रतिदिन योग करते हैं और मानव कल्याण के लिए निरंतर सक्रिय रहते हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्वयं का उदाहरण देते हुए कहा कि वर्ष 1998 में हुई दुर्घटना में उन्हें आठ फ्रेक्चर हो गए थे, परंतु योग और प्राणायाम के अभ्यास से स्वास्थ्य लाभ हुआ और आज भी वे निरंतर 18 घंटे बिना किसी समस्या और थकान के कार्य करने में सक्षम हैं। यह प्रतिदिन योग का ही परिणाम है।

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मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमें अपनी शारीरिक परिस्थिति और आवश्यकता के अनुरूप योग आसनों की सूची बनाकर प्रतिदिन 40 से 45 मिनिट योग अवश्य करना चाहिए। निरंतर योग और प्राणायाम के परिणामस्वरूप ही कोरोना उन्हें अधिक प्रभावित नहीं कर पाया। वे प्रतिदिन योग, प्राणायाम, ध्यान, गाय को रोटी देने के साथ-साथ तीन पेड़ अवश्य लगाते हैं। यह क्रम उन्हें ऊर्जा, आनंद और सकारात्मकता प्रदान करता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सभी को पौधरोपण के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि वृक्षारोपण से ही हम धरती को जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के खतरे से बचा पाएंगे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने योग के आठ नियमों का उल्लेख करते हुए विद्यार्थियों से नियमित दिनचर्या, स्वास्थ्यवर्धक आहार और अच्छा आचरण तथा व्यवहार रखने की अपील की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जंक फूड स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। हमें संतुलित आहार, भूख से थोड़ा सा कम भोजन लेने, ऋतु के अनुसार भोजन ग्रहण करने और शरीर के लिए हितकारी संतुलित व सात्विक आहार लेने की आदत को अपनाना होगा। यह सुखी और स्वस्थ जीवन का आधार है। हम भोजन के लिए नहीं जीते अपितु हम अपने कार्यों के लिए सक्षम बनें, हम अपने लक्ष्य अर्जित करने में सफल हों, यह क्षमता प्राप्त करने के उद्देश्य से ही हम भोजन ग्रहण करते हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि योग, शरीर-मन-बुद्धि-आस्था का समुच्चय है, योग आत्मा से परमात्मा को जोड़ता है। प्राणायाम श्वास-प्रश्वास की प्रक्रिया है, जिससे हम सांस पर नियंत्रण कर सांस को शरीर के लिए अधिक उपयोगी बना सकते हैं। कोरोना की दूसरी लहर में आरंभ किया गया योग से निरोग कार्यक्रम, कोरोना प्रभावितों के उपचार में सहायक सिद्ध हुआ है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रतिदिन योग करने के लिए अनुशासन और दृढ़ निश्चय आवश्यक है। प्राय: मन आलसी होता है और हम योग की निरंतरता को बनाए नहीं रख पाते। हमें इस ओर सजग रहकर अपने योग, प्राणायाम के क्रम को जारी रखना होगा। इससे हमें स्वस्थ शरीर, प्रखर बुद्धि, सकारात्मकता और ऊर्जा प्राप्त होगी और हम आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में अपना योगदान दे सकेंगे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान के नेतृत्व में लघु फिल्म में प्रदर्शित क्रम के अनुसार विद्यार्थियों ने विभिन्न योग क्रियाएं की। इसके अंतर्गत चालन क्रिया, स्कंध संचालन, स्कंध चक्र, ताड़ासन, वृक्षासन, पादहस्तासन, अर्द्ध चक्रासन, त्रिकोणासन, भद्रासन, वज्रासन, उष्टासन, शशांकासन, उत्तांनमंडूकासन, वक्रासन, मक्रासन, भुजंगासन, शलवासन, सेतुबंधासन, उत्तांनपादआसन, अर्द्ध हलासन, पवन मुक्तासन, शवासन, कपालभांति, अनुलोम-विलोम, शीतली प्राणायाम, भ्रामरी और ध्यान की क्रियाएं की गई।

राज्य स्तरीय कार्यक्रम में भोपाल के स्कूल-कॉलेज के छात्र-छात्राओं के साथ ही भारतीय योग संगठन से जुड़ी संस्थाओं जैसे पतंजलि योग संस्थान, ईशा योग फाउंडेशन, ऑर्ट ऑफ लिविंग, बिहार स्कूल ऑफ योग, ब्रम्हकुमारी आदि के योग साधक भी सम्मिलित हुए। प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरूण शमी, प्रमुख सचिव आयुष श्री प्रतीक हजेला सहित विभिन्न अधिकारी भी योग प्रक्रिया में शामिल हुए।