मनावर से स्वप्निल शर्मा की रिपोर्ट
Manawar : नर्मदा नदी में चल रहे अवैध रेत खनन पर अंकुश लगाने और अवैध रेत ले जाने वाले वाहनों को राजसात करने के लिए ‘नर्मदा बचाओ आंदोलन’ के कार्यकर्ताओं ने SDM भूपेन्द्र रावत को ज्ञापन सोंपा। ज्ञापन में कहा गया कि अवैध रेत खनन से नर्मदा नदी खोखली होकर पानी विहीन हो रहीं है।
इस ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि ग्राम रतवा में पूर्व में अवैध रेत खनन करने वालोें के 3 ट्रैक्टर, एक JCB जब्त की गई थी। लेकिन, ग्राम उरदना में कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहां आज भी रेत खनन लगातार जारी है। इनमें नर्मदा किनारे के ग्राम गोपालपुरा, गांगली, पेरखड़, बड़ाबड़दा, गोगावां आदि क्षेत्र में बड़ी मात्रा में अवैध रेत खनन जारी है। ज्ञापन में कहा गया कि लगातार शिकायत करने के बाद भी शासन, प्रशासन, खनिज विभाग आदि का रेत के अवैध खनन कर्ताओं पर कोई असर नहीं हो रहा है। 22 जून को भी ग्राम उरदना में 5 पटवारी व राजस्व निरीक्षक को मौके पर अवैध रेत से भरे ट्रैक्टर और भारी मात्रा में रेत का संग्रह मिला था। लेकिन, न तो कार्रवाई की गई और न वाहनों को जब्त किया गया।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि अवैध रेत खनन से नर्मदा और उसकी सहायक नदियों की स्थिति दिन ब दिन गंभीर होती जा रही है। नर्मदा नदी में जून माह में ही पानी भी कम हो रहा है और किनारे के कई गांवों में जल संकट पैदा हो गया है। इसलिए अवैध रेत खनन करने वालों पर रोक की तथा रेत से भरें वाहनों को राजसात करने की कार्रवाई शीघ्र की जाए। ज्ञापन देने वालों में नर्मदा बचाओं आंदोलन के मुकेश भगोरिया, कैलाश गोस्वामी, गेंदालाल उचवारे, शोभाराम पटेल, गुलाममीर मंसूरी आदि शामिल थे।