नेता नहीं यह तो बेटा है…. महापौर प्रत्याशी मयंक के संस्कार और भिक्षुक वृद्धा का आशीर्वाद

1073

रतलाम से रमेश सोनी की रिपोर्ट

रतलाम. नगर निगम चुनाव में प्रत्याशी अपने-अपने स्तर पर जनसंपर्क कर रहे हैं, आज सुबह महापौर पद के कांग्रेस युवा उम्मीदवार मयंक जाट शहर के धानमंडी क्षेत्र में जैन मंदिर में दर्शन पूजन अर्चन करने पहुँचे जहां पूजा अर्चना के बाद जैसे ही मयंक मंदिर से बाहर जनसम्पर्क के निकलने लगे तो उनकी नजर मंदिर के बाहर भिक्षावृत्ति के लिए बैठी एक बुजुर्ग महिला पर पड़ी बस अपने संस्कारों को लेकर मयंक जाट ने सहज भाव से वृद्ध महिला के पैर छूते हुए उनका आशीर्वाद लिया।

बस फिर क्या था महिला भावविभोर हो उठीं और उसने मयंक को ढेरों आशीर्वाद दिया। मयंक के संस्कार के इस दृश्य को जिसने भी देखा वह भावविभोर हो गया और वहां उपस्थित लोगों के मुंह से निकल पड़ा कि वास्तव में जननेता इसी को कहते हैं। बता दें कि आजकल के दौर में युवा वर्ग में जहां पाश्चात्य संस्कृति हावी है और संस्कारों को दरकिनार कर दिया है।

ऐसे में पैर छूने की परंपरा को लगभग त्याग सा दिया हैं वहीं कांग्रेस प्रत्याशी मयंक जाट द्वारा एक निर्धन भिक्षावृत्ति करने वाली वृद्ध महिला के पैर छूकर आशीर्वाद लेना उनके उच्च संस्कारों का बखान करते हैं। इस दृश्य ने राह चलते लोगों की खुशी और कईयों की आंखों में आंसू छलकते दिखाई दिए और क्षेत्र के लोग कहने लगे कि नेता नहीं यह तो “बेटा” है।