Online Cheating : डॉक्टर बनकर व्यापारी से ऑनलाइन ठगी की 

जालसाज ने ठगे 40 हजार, मामला सुलझाने के लिए फिर कमीशन मांगा

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Online Cheating : डॉक्टर बनकर व्यापारी से ऑनलाइन ठगी की

Indore : गांधी नगर थाना क्षेत्र में बिल्डिंग मटेरियल सप्लायर के साथ ऑनलाइन ठगी हो गई। व्यापारी को जालसाज ने परिचित डॉक्टर बनकर कॉल किया और फोन-पे पर रुपए डलवाने का झांसा देकर उनके खाते से 40 हजार रुपए उड़ा लिए। इसकी शिकायत व्यापारी के बेटे ने साइबर सेल, सीएम हेल्पलाइन पर की। इसके बाद पुलिस ने मामले में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया।

पुलिस के अनुसार दिलीप नगर में राजाराम मालवीय बिल्डिंग मटेरियल सप्लायर हैं। राजाराम के बेटे चेतन मालवीय निवासी पंचवटी नगर ने शिकायत में बताया कि 12 सितंबर 2021 को पिता को अज्ञात व्यक्ति ने मोबाइल नंबर 9394772004 से फोन कर स्वयं को फरियादी का फैमिली डॉक्टर होने की जानकारी देते हुए कहा कि मैं आपके फोन-पे पर कुछ रुपए भिजवा रहा हूं, आप निकालकर मुझे दे देना। इस पर उन्होने हां कर दी। इस तरह बातों में उलझाकर एक ओटीपी भेज बोला कि वो मुझे दे दो, कंफर्म हो जाएगा कि पेमेंट आया या नहीं। फरियादी ने जैसे ही ओटीपी दिया, जालसाज ने एचडीएफसी बैंक के खाते से 40 हजार रुपए निकाल लिए।

40 हजार रुपए बैंक से निकलने के तुरंत बाद ही व्यापारी ने ठग को कॉल किया, लेकिन मोबाइल स्विच ऑफ आया। उन्होंने परिचित डॉक्टर को कॉल लगाया, तो उन्होंने आपस में बात होने की बात से ही इनकार किया। व्यापारी के बेटे को इसका पता चला तो उसने बैंक को तुरंत शिकायत की, लेकिन रुपए वापस नहीं मिलें। पीड़ित ने ऑनलाइन शिकायत के साथ सीएम हेल्पलाइन से लेकर अधिकारियों को इस मामले की शिकायतें करते रहे।

गुरुवार को गांधी नगर पुलिस ने मामले में चेतन की शिकायत पर ए.यु. स्माल फाइनेंस बैंक के खाता क्रमांक-2111233834603323 का धारक लखन लाल पटेल-वार्ड क्रमांक 6 पारा पामगढ़ नंन्देली जिला जांजगीर चांपा गोपाल नगर छत्तीसगढ़, मोबाइल सिम नं.-9394772004 का धारक सच्चिदानंद कुमार गांव ततरावा पोस्ट तेतरावा बिहारशरीफ जिला नालंदा बिहार के खिलाफ केस दर्ज किया है।

चेतन ने यह बताया कि शिकायत के बाद उन्हें साइबर सेल दिल्ली के नाम से भी कॉल आने लगे। कॉल करने वाला रुपए वापस कराने के बदले 10% कमीशन मांगने लगा। उनसे पहले 40 हजार के बदले 4 हजार रुपए ऑनलाइन खाते में ट्रांसफर करने की बात कही। लेकिन चेतन ने एक बार ठगी होने के चलते उस नंबर पर रुपए नहीं डलवाए और इसकी जानकारी भी वरिष्ठ अधिकारियों को दी।