भोपाल: केंद्र सरकार द्वारा आबादी की भूमि का मालिकाना हक देने के लिए शुरू की गई स्वामित्व योजना में बैंक कानूनी स्वामित्व हासिल करने वालों को लोन देने में आनाकानी कर रहे हैं। राजस्व विभाग ने बैंकर्स के इस रवैये पर नाराजगी जताई है और यह मामला स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी के जरिये सभी बैंकों के क्षेत्रीय प्रमुखों तक भी पहुंचा है लेकिन बैंकर्स यह कहकर केंद्र और राज्य के इस स्वामित्व कार्यक्रम में सहयोग नहीं कर रहे हैं कि उनके हेड आफिस ने इसके लिए कोई निर्देश जारी नहीं किए हैं। ऐसे में अब सभी बैंकों के मुख्यालयों द्वारा निर्देश जारी किए जाने तक इस योजना के पात्र हितग्राहियों को लोन नहीं मिलेगा।
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केंद्र सरकार की स्वामित्व योजना में गांव की आबादी भूमि पर काबिज लोगों को ‘अधिकारों का रिकॉर्ड’ प्रदान करने का काम किया जा रहा है। आबादी क्षेत्रों में ड्रोन तकनीक का उपयोग करके भूमि पार्सल की मैपिंग और ‘रिकॉर्ड’ दिए जा रहे हैं। इसके लिए भारत सरकार के पंचायत राज मंत्रालय के माध्यम से भारतीय सर्वेक्षण विभाग और प्रदेश का राजस्व विभाग संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिकों के लिए वित्तीय स्थिरता लाने और वित्तीय लाभ दिलाने के लिए शुरू की गई इस योजना में बैंकर्स के रोड़े ग्रामीणों को सुविधा से वंचित कर रहे हैं जबकि योजना के मुताबिक यहां के रहवासी ऋण प्राप्त करने के लिए अपनी आवासीय संपत्ति को वित्तीय संपत्ति के रूप में उपयोग करने में सक्षम बन सकते हैं।