भोपाल: प्रदेश के प्रत्येक जिले में युवा प्रतिभाओं को सीखने के उद्देश्य से भारतीय मानक ब्यूरो स्टेंडर्ड क्लब का गठन करेगा।
भारतीय मानक ब्यूरो ने प्रदेश के प्रत्येक जिले में गुणवत्ता के क्षेत्र में युवा प्रतिभाओं को सिखाने के उद्देश्य से स्टेंडर्ड क्लब बनाए जाने का निर्णय लिया है। मानक क्लबों के द्वारा छात्रों के स्कूली अनुभवों को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा प्रचारित वस्तुओं के मानकीकरण व बीआईएस गतिविधियो के ज्ञान को बढ़ाने के अवसर को प्रदान करता है। शैक्षिक संस्थन जो स्टेंडर्ड क्लब बनाएंगे उनमें कक्षा 11वी और 12 वी के मेंटर, विज्ञज्ञन शिक्षक, विज्ञान या इंजीनियरिंग विषयोें के व्याख्याता , छात्र नेता, मेंटर द्वारा स्टैंडर्ड क्लब सदस्यों में से एक चयनित छात्रा, संस्थान के नियमित छात्रों में से न्यूनतम पंद्रह सदस्यों के साथ इन क्लबों का गठन किया जाएगा।
मेंटर को दो साल की अवधि के लिए प्राधानाचार्य या संस्थान के प्रमुख द्वारा नामित किया जाएगा और संस्थान के निर्देश पर आगे फिर से नामित किया जा सकेगा। छात्र नेता सहित छात्रों को उनकी योग्यता और इच्छा के आधार पर मेंटर द्वारा चुना जा सकता है और जब तक संस्थान में उनका नामांकन जारी रहता है तब तक उन्हें क्लब में रखा जा सकता है।
ये गतिविधियां होंगी-
स्टेंडर्ड क्लब गुणवत्ता औश्र मानकीकरण के विषयों पर रचनात्मकता के अवसर प्रदान करने वाले छात्रों को शामिल करते हुए कई तरह के कार्यक्रम चला सकता है। गतिविधियों को संस्थान के भीतर और बाहर स्टेंड अलोन कार्यक्रमों या संस्थानों के अन्य कार्यक्रम जैसे वार्षिक दिवस, स्कूल मेला, प्रदर्शनियों, शिक्षक दिवस के हिस्से के रुप में प्रदर्शित किया जा सकता है। प्रत्येक स्टेंडर्ड क्लब को भारतीय मानकों पर सेमिनार और कार्यशालाएं उनकी जीवन की गुणवत्ता और आर्थिक विकास के उत्थान में जागरुकता कार्यक्रम, मानक लेखन प्रतियोगिता, मानक और गुणवत्ता के मुद्दों पर प्रतियोगिताएं, प्रश्नोत्तरी, निबंध लेखन और वाद विवाद प्रतियोगिताओं का आयोजन करना होगा।
वित्तीय सहायता-
स्टेंडर्ड क्लब की गतिविधियों के लिए बीआईएस अपनी ओर से उपयुक्त बजट शीर्ष के तहत वित्तीय सहायता देगा। प्रत्येक तीन गतिविधियों के लिए दस हजार रुपए और अधिकतम की वित्तीय सहायता स्टेंडर्ड क्लब को प्रदान की जाएगी।