देश में आजादी के 75 साल पूरे होने पर मनाया जा रहा अमृत महोत्सव और चलाया जा रहा हर घर तिरंगा अभियान हर नागरिक का सिर गर्व से ऊंचा कर रहे हैं। इस महोत्सव की खूबी यही है कि बिना दलीय भेदभाव के हर दल के नेता तिरंगा यात्रा निकाल रहे हैं। यह अभियान मन मोह लेता है, जब शहर-शहर में गली-गली में लहलहाते तिरंगा को हजारों हाथ थामे हुए कहीं पैदल चलते नजर आते हैं, तो कहीं बाइक रैली पर निकलते दिखते हैं, तो कहीं ट्रैक्टर पर तिरंगा लहलहाता दिख रहा है। घरों पर तिरंगा लहलहा रहा है और देशभक्ति का जज्बा जगा रहा है। पर मध्यप्रदेश का ध्यान इस समय कारम डैम ने खींच लिया है। पहली ही बारिश में डैम में लीकेज से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चौकसी बरतकर 18 गांवों के लोगों को विस्थापित कर पशुधन सहित सुरक्षित स्थान पर भेजने के काम में लगा दिया था। अब दो नहरें बनाकर डैम के अतिरिक्त पानी के सुरक्षित निकास का बंदोबस्त किया जा रहा है और इसमें सफलता मिल गई। संभागीय आईजी-कमिश्नर और आला अधिकारियों के साथ जल संसाधन मंत्री तुलसी राम सिलावट और मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव मौके पर मौजूद रहे। व्यवस्थाएं चाक-चौबंद हो रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्थिति से अवगत करा दिया गया है।
इंदौर से जनसंपर्क विभाग ने सरकार की कोशिशों का एक ब्यौरा जारी किया है कि प्रशासन द्वारा किये जा रहे आपदा प्रबंधन के कार्यों से प्रभावितों में जगा विश्वास…। इंदौर संभाग के कारम डैम में जल रिसाव की स्थिति के बाद प्रशासन आपदा प्रबंधन के कार्यों में तेजी से जुटा हुआ है। प्रशासन द्वारा किये जा रहे आपदा प्रबंधन के कार्यों से प्रभावितों में विश्वास जग रहा है। उनमें एक नई और अच्छी सुबह की उम्मीद मन में बैठ रही है। उनमें थोड़ा भय जरूर है लेकिन एक अच्छा होने का आत्मविश्वास भी। सार यही है कि प्रशासन द्वारा अच्छी व्यवस्थाएं की गई हैं
तो हर पल कारम डैम की गतिविधि पर पैनी नजर रखे मुख्यमंत्री शिवराज ने भी अपनी बात साझा की है कि मैंने जनप्रतिनिधियों से भी चर्चा की है। दोनों क्षेत्र के सांसद गण, धरमपुरी के विधायक से भी मेरी बात हुई। राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं से मेरी बात हुई, संघ के स्वयंसेवकों से मेरी बात हुई, मैंने सब से अपील की है कि इस समय कोई भी व्यक्ति भाई-बहन गांव में ना जाए, इसमें सहयोग करें। प्रभावित भाइयों-बहनों और बेटे-बेटियों के भोजन की और बाकी सारी व्यवस्था की जा रही है। हम लगातार कोशिश कर रहे हैं कि हर जिंदगी सुरक्षित रहे और पानी बाहर निकल जाए। ताकि बाद में निश्चिंत होकर लोग अपने अपने गांव में वापस आ पाएं। इसमें हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। क्योंकि यह जनता की जिंदगी का मामला है। मैं मेरे सभी 18 गांव और उन गांव की टोली मजरे भी हैं उनके भाई बहनों से प्रार्थना करना चाहता हूं कि कृपया कर सहयोग करें, किसी भी हालत में अपने गांव अभी ना जाएं। मैं भी कंट्रोल रूम में बैठा हूं। हर परिस्थिति पर नजर रखे हुए हूं। मुझे विश्वास है कि हम सब मिलकर इन कठिन परिस्थितियों से बाहर निकलेंगे।
बहुत खूब है मुख्यमंत्री, सरकार और प्रशासन की कर्तव्यपरायणता। निश्चित तौर पर इस सजगता के लिए सरकार का साधुवाद भी। पर मन में आजादी के अमृत महोत्सव की पावन वेला में यह सवाल भी कौंध रहा है कि आखिर क्या जनता की गाढ़ी कमाई के सैकड़ों करोड़ रुपए पहली बारिश में ही बहना हमें आइना नहीं दिखा रहा है कि 75 साल की हमारी क्या उपलब्धि है? आरोप-प्रत्यारोप के झंझट से दूर डैम के एक छोर पर बैठकर सुकून से यह सोच-विचार करने का हक तो हमें अमृत महोत्सव देता ही है कि आखिर चूक कहां हो रही है और यह सिलसिला कब तक चलता रहेगा? आज ही एक वीडियो मुझे एक वरिष्ठ सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी ने भेजा था, जिसमें जार्जिया के वर्ष 2002 से पहले भ्रष्टाचार में डूबे होने और भ्रष्ट छवि और फिर भ्रष्टाचार मुक्त होने पर बीबीसी की रिपोर्ट थी। पहले आलम यह था कि ट्रैफिक में दस डॉलर की नौकरी पाने के लिए भारी भरकम रिश्वत देनी पड़ती थी। फिर नौकरी करते रहने के लिए हर सप्ताह रिश्वत देनी पड़ती थी। पर भ्रष्टाचार से उकता गए जार्जिया में फरिश्ता बनकर आए कानून मंत्री मिखाईल साकाश विली ने नया दल बनाया और मतदाताओं ने 96 फीसदी मत देकर उन्हें चुना और फिर उन्होंने आमूलचूल बदलाव कर जार्जिया को भ्रष्टाचार मुक्त बना दिया। दो कार्यकाल पूरा होने के बाद जनता ने उन्हें भी नकार दिया, लेकिन जैसी कि उनकी चिंता थी वह नहीं हुआ। और विली के बदलावों पर ही आने वाली सरकारों ने भी अमल किया। आज यूरोपीय देश जार्जिया रहने के लिए एक अच्छा देश है। लब्बोलुआब यही है कि कारम डैम हमें भी यही बता रहा है कि भ्रष्टाचार मुक्त होना देश की मूलभूत जरूरत है, तभी हम अमृत महोत्सव मनाने के सही हकदार होंगे और कारम डैम हमें आइना नहीं दिखा पाएंगे ? क्या आपकी राय भी यही है …?