हम भारत के लोग आगे भी – पीछे भी
आज़ादी का अमृत महोत्सव देश मना रहा है । विशेष प्रकार का अपूर्व उत्साह देखा जारहा है । आखिर क्यों न हो , स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ जो है । तिरंगे की लहर दौड़ रही है ।
प्रथम जनगणना 1951 में देश की जनसंख्या 36 करोड़ से अधिक थी जो अब बढ़कर 140 करोड़ से अधिक होगई है । इकहत्तर सालों में आबादी 100 करोड़ बढ़ी है । 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित राज्यों में वर्ष दर वर्ष जनसंख्या का आंकड़ा बढ़ रहा है ।
आबादी बढ़ी तो उत्पादन बढ़ा , साक्षरता बढ़ी , जागरूकता बढ़ी , प्रतिस्पर्धा बढ़ी , सुविधाएं बढ़ी , सुरक्षा बढ़ी , आवागमन बढ़ा , परिवहन बढ़ा , स्वास्थ्य और शिक्षा बढ़ी परन्तु साथ-साथ समस्याएं भी बहुत बढ़ी हैं।
भिन्न भाषा – भिन्न जाति , भिन्न धर्म , भिन्न वर्ग के देशवासियों ने मिलकर प्रगति के नए आयाम स्थापित किये हैं । समग्रता में एकता की अवधारणा पर देश का विकास और निर्माण हुआ है ।
अमृत महोत्सव अवसर पर आंकलन भी करना चाहिए और आत्मचिंतन भी । उत्पादन और विकास के धरातल पर देखें तो अवश्य नई ऊंचाई हांसिल की है । कृषि उत्पाद दालें , मसाले , केला , आम , जूट पैदावार में भारत विश्व में अव्वल है , तो चावल , गेहूं , चाय , टमाटर , पपीता , आलू , प्याज , मूंगफली आदि में विश्व नम्बर दो है ।
उद्योगों में हुई प्रगति बड़ी है । निर्यात और आयात दोनों में वृद्धि दर्ज़ हुई है ।
देश में 61 हजार से अधिक स्टार्टअप उद्यमी दर्ज़ हैं , बीते साल में ही 14 हजार से अधिक स्टार्टअप पंजीबद्घ हुए जिनमें लगभग चार दर्ज़न स्टार्टअप्स यूनिकॉर्न में तब्दील हुए हैं ।
देश – दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप्स इको सिस्टम होगया है ।
100 से अधिक यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स की वैल्यू 26 लाख करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है ।
यही नहीं रेल , सड़क , जल और हवाई परिवहन में भी बड़ी छलांग लगाई है ।
सड़क परिवहन नेटवर्क में 62 लाख किलोमीटर निर्माण हुआ है और प्रतिदिन इसमें वृद्धि होरही । यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क है
साल में कोई 9 अरब यात्रियों द्वारा आवागमन होरहा है और लगभग 100 मिलियन टन माल ढुलाई सड़क मार्ग से होरही है ।
रेल परिवहन भी उल्लेखनीय होकर लगभग 70 हजार किलोमीटर का होरहा है जो विश्व मानक पर चतुर्थ स्थान प्राप्त कर चुका है । अब तो तीव्र गामी और बूलेट ट्रेनों का संचालन पर ध्यान है ।
जल परिवहन ( Sea Way ) और हवाई परिवहन ( Aviation ) सर्व सुलभ हुआ है । लगभग 500 हवाई पट्टी और हवाई अड्डे के अलावा कोई 40 इंटरनेशनल नेटवर्क से जुड़े अड्डे भी चौबीसों घंटे सक्रिय हैं ।
अंतरिक्ष की उड़ान में प्रथम प्रयास में मंगल ग्रह पर दस्तक देने वाला एकमात्र देश है भारत । विश्व के केवल चार देश ही मंगल ग्रह तक पहुंचे हैं ।
ऊर्जा के क्षेत्र में रिन्यूएबल एनर्जी उत्पादन में विश्व का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है भारत । न्यूक्लियर रिएक्टर से बिजली पैदा करने वाला एकमात्र देश है , हमारा ।
हर क्षेत्र में उन्नति – प्रगति और विस्तार हुआ है , इसके सहभागी रहे हैं हम भारत के लोग ।
मनोरंजन की दुनिया में हॉलीवुड से मुकाबला कर रहा है बॉलीवुड ।
लगभग 1800 से अधिक फिल्में बन रही हैं और देशवासियों द्वारा मूवी देखी भी जारही है । यह मनोरंजन व्यापार भी विश्व के तीसरे स्थान पर है
खेलो इंडिया के साथ विभिन्न नेशनल – इंटरनेशनल क्रीड़ा टूर्नामेंट में भारत के युवा डंका बजा रहे हैं । हाल में सम्पन्न कॉमनवेल्थ गेम्स में इसकी झलक मिली ।
शतरंज में 5 बार , कबड्डी में 4 बार , क्रिकेट में ( सभी फॉर्मेट में ) 3 बार
वर्ल्ड चेम्पियन रहे हैं ।
हॉकी , बैडमिंटन सहित मुक्केबाजी , एथलेटिक्स , वेटलिफ्टिंग , टेबलटेनिस , कुश्ती , शूटिंग आदि में श्रेष्ठता साबित की है ।
युवाओं की संख्या भारत में सबसे अधिक है और यही देश का उज्जवल भविष्य भी । आज़ाद भारत की 75 वी वर्षगांठ पर यह संयोग है कि देश के तीन प्रमुख शीर्ष निर्वाचित पदों पर
स्वतंत्रता बाद जन्मी पीढ़ी आसीन है ।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ( 1958 ) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ( 1951 ) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( 1950 ) इनके नेतृत्व में देश और अधिक प्रगति की राह पर होगा ।
लोकमान्य तिलक ने कहा था – महान उपलब्धियां कभी सरलता से नहीं मिलती ।
सच है अनगिनत देशवासियों के त्याग , बलिदान और आजादी की तीव्र ललक से स्वतंत्रता मिली । यह वर्तमान और युवा पीढ़ी को अवश्य ध्यान रखना चाहिए तभी आज़ादी का मूल्य समझ सकेंगे ।
उन्नति और प्रगति के बावजूद बहुत काम किया जाना है ।
लाला लाजपतराय के शब्दों में वास्तविक स्वतंत्रता तभी है , जब दासता , निर्धनता , दुःख , रुग्णता और अज्ञानता पर विजय प्राप्त करलें ।
यकीनन इन बिंदुओं पर बहुत काम किया जाना है ।
75 सालों के उजले पक्ष के साथ स्याह पहलू भी सामने हैं ।
अभी लोगों के स्वास्थ्य , शिक्षा , जल , आवास सहित बुनियादी सुविधाओं को उपलब्ध कराया जाना जरूरी है ।
भ्रष्टाचार एक नासूर बन सारी व्यवस्था को डस रहा है । सरकारें , राजनीतिक दल , नागरिक सब इसके खिलाफ बोलते हैं पर अधिक कुछ हो नहीं पाया ।
हाल के मामले में पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में कथित आरोपियों के ठिकानों पर 50 करोड़ नकदी जब्त हुए हैं । ईडी का आंकलन है कि यह मामला 300 करोड़ तक होगा । ऐसे ही अन्य जगहों के मामले भी हैं ।
नोटबन्दी बाद अनुमान था कि लगाम कसेगी , पर कई गुणक में भ्रष्टाचार बढ़ा है ।
अखंड देश में प्रांतीय सीमा विवाद , जल विवाद , भाषा विवाद वैमनस्यता का रूप धारण कर रहा है । असहिष्णुता तेज़ी से देखने में आरही
अपराध और अपराधियों में इजाफा हुआ है । सायबर क्राईम , ड्रग माफिया , टेररिज्म , ह्यूमेन ट्रैफिकिंग ,
हेट स्पीच , परस्पर दुश्मनी , तस्करी , गुंडागर्दी , कोर्ट केसेज़ आदि बहुत बढ़े हैं । सड़क दुर्घटनाओं में मरने वाले बड़ी संख्या में हैं ।
एक जानकारी के मुताबिक देश की जेलों में दिसंबर 20 में पोने चार लाख कैदी विचाराधीन बन्दी थे । निर्धारित संख्या से अधिक कैदी जेलों में ठूंसे गये मिले ।
पर्याप्त जेलों की व्यवस्था नहीं है ।
शिक्षा में एक उदाहरण बिहार का सामने रखते हैं । महाविद्यालयों में पोने दोसो प्राचार्य पद रिक्त हैं । साढ़े चार हजार से अधिक सहायक प्राध्यापक पद खाली हैं ।
यही स्थिति मध्यप्रदेश , राजस्थान , गुजरात , छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों की है । तकरीबन हर विभाग में हर राज्य में स्वीकृत पदों की तुलना में कर्मचारी – अधिकारी नहीं हैं ।
श्रमिक क्षेत्र का तो ओर भी बुरा हाल है । असंगठित श्रमिकों के स्थायी रोजगार की समस्या बड़ी है । युवा सक्रिय हैं तो वे सकारात्मक भी हैं और नकारात्मक भी ।
पिछले दिनों अंचल में कोई एक दर्ज़न से अधिक अपराधों में चार दर्ज़न आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आये ।
इनमें कुछ आरोपियों पर पुलिस ने इनाम भी घोषित किये हुए थे । पकड़े गए आरोपियों पर हत्या , चोरी , अपहरण , तस्करी , बलवा , साम्प्रदायिक उन्माद भड़काने , लव जिहाद , बलात्कार , पाक्सो एक्ट , लूट आदि के मामले शामिल थे ।
सबसे मुख्य बात यह देखी गई कि सभी आरोपियों की आयु 17 से 28 वर्ष के बीच है । अर्थात किशोरावस्था और युवावस्था के लोग विभिन्न अपराधों में लिप्त पाए गए । यह चिंता का विषय है ।
जल्दी अमीर बनने की ललक , भौतिक उपभोगवादी संस्कृति का आकर्षण , विपरीत सेक्स के प्रति झुकाव , बेरोजगारी और असंतोष , पारिवारिक समस्याओं के चलते युवा वर्ग अपराधों में अग्रसर होरहा है ।
अन्यान्य कारणों से परस्पर विश्वास में कमी आई है समाज में ।
अमृत महोत्सव अवसर पर नीति नियन्ताओं को , समाजशास्त्रियों को , परिवारों को , नागरिकों को बीते 75 वर्षों के साथ आने वाले 25 वर्षों की रूपरेखा तैयार करना होगी ।
आने वाला समय भारत का है , विश्व में इसके महत्व को कोई नकार नहीं सकता पर इसके लिए समग्र चिंतन – मनन के साथ कार्ययोजना पर अमल करना होगा ।
अत्यंत कठिनाई और बहुतेरे बलिदानों और समर्पण से मिली आज़ादी तभी सुरक्षित और संरक्षित रह सकेगी ।
विश्वास करते हैं भारत नेतृत्व करने वाला देश है यह अवश्य करेगा ।
तिरंगे की शान में , भारत माता के
मान में हमें पुनरावलोकन का अवसर दे रहा है । शुभकामनाएं ।
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