अब पुराने स्क्रैप चार पहिया वाहन का नंबर नये वाहन के लिए ले सकेंगे वाहनस्वामी

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भोपाल: यदि आपका कोई पुराना चार पहिया वाहन स्क्रैप हो चुका हो और वह नंबर आपके लिए लकी हो और इसे आप अपने पास बनाए रखना चाहते हो तो तो इस नंबर का उपयोग आप अपने नये खरीदे जाने वाले वाहन के लिए भी कर सकें गे। परिवहन विभाग ने इसके लिए नियमों में प्रावधान कर दिया है।

वाहन मालिक पुराने 4 पहिया वाहनों को आवंटित नंबर का उपयोग अपने नए वाहनों के लिए करना चाहते है तो इसके लिए वाहन मालिक को पुराने नंबर के लिए दी गई राशि अथवा न्यूनतम 15 हजार रुपए में जो भी अधिक होगा, भुगतान करना होगा। इसके बाद उसे नये वाहन के लिए भी पुराने वाहन का नंबर ही आबंटित कर दिया जाएगा।

अभी ब्लॉक हो जाते है नंबर-

वर्तमान में यदि किसी पुराने वाहन को कंडम घोषित किया जाता है और स्क्रैप कर दिया जाता है तो उपयोग में नहीं आने वाले इन वाहनों के स्क्रेप के साथ ही उसका नंबर भी ब्लाक कर दिया जाता था। इस व्यवस्था में वीआईपी नंबर लेने वाले वाहन मालिक को नया नंबर लेना पड़ता था। राज्य शासन द्वारा की गई नवीन व्यवस्था में अब सीधा लाभ वीआईपी नम्बर लेने वाले वाहन मालिकों को मिल सकेगा।

नीलामी प्रक्रिया में लगता है भारी शुल्क-

मई 2014 के पहले प्रथम आओ, प्रथम पाओ के आधार पर वाहन नंबर आवंटित किये जाते थे, जिसमे 01 से 09 नंबर का शुल्क 15 हजार, 10 से 100 का 12 हजार, विशिष्ट नंबरों के लिए 10 हजार एवं शेष नंबरों का शुल्क 2 हजार रुपए था। इस अवधि के बाद वीआईपी नंबर के लिए ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया प्रारंभ की गई। चूँकि नीलामी प्रक्रिया के द्वारा मूल वाहन स्वामी द्वारा विशिष्ट नंबरों का काफी बड़ी राशि देकर क्रय किया जाता था। अब नई पालिसी में उनके या उनके परिवार वाला व्यक्ति उसी श्रेणी का वाहन खरीदने पर पूर्व वाहन के नंबर का उपयोग कर सकेगा।

लाइसेंस के लिए अब ऑनलाइन मेडिकल सर्टिफिकेट-

कोई भी आवेदक लर्निंग लाइसेंस, नवीन ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदन, नवीनीकरण अथवा ड्राइविंग लाइसेंस में अन्य श्रेणी के आवेदन के साथ रजिस्टर्ड चिकित्सक द्वारा पोर्टल पर ऑनलाइन फॉर्म 1ए में मेडिकल सर्टिफिकेट जारी कर सकेंगे। एक अप्रैल 2021 के पहले मेडिकल सर्टिफिकेट मैनुअल तरीके से जारी किए जाने का प्रावधान था। मेडिकल काउंसिल में रजिस्टर्ड चिकित्सक पोर्टल पर ऑनलाइन फॉर्म 1ए में मेडिकल सर्टिफिकेट जारी कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें एनआईसी के सारथी पोर्टल पर पंजीयन कराना आवश्यक है।