MP: दुग्ध सहकारी समितियों के दो लाख से अधिक सदस्यों को मिले क्रेडिट कार्ड

जबलपुर में गोबर से CNG उत्पादन संयंत्र के लिए कार्यवाही पूर्ण,CM शिवराज ने पशुपालन एवं डेयरी विभाग के कार्यों की समीक्षा की

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भोपाल : प्रदेश में दुग्ध सहकारी समिति के सदस्यों को 2 लाख 19 हजार 603 किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं। प्रदेश में 716 दुग्ध सहकारी समितियां गठित की जा चुकी हैं। इनमें से 336 समितियों में स्वचालित इकाईयों की स्थापना की जा चुकी है। नाना जी देशमुख पशुचिकित्सा विश्वविद्यालय के अंतर्गत जबलपुर और डॉ अम्बेडकर नगर (महू)में डेयरी साइंस और फूड टेक्नॉलाजी पाठ्यक्रम की मंजूरी दी गई है। जबलपुर में गोबर से सीएनजी उत्पादन संयंत्र के लिए कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है।यह जानकारी आज मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में पशुपालन एवं डेयरी विभाग की गतिविधियों की समीक्षा बैठक में दी गई। बैठक में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव श्री अजीत केसरी, श्री शैलेंद्र सिंह और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि गरीब परिवारों के आर्थिक उन्नति के लिए पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा बकरी पालन कार्य के लिए अधिक से अधिक सहयोग देने के प्रयास किए जाएं। कम स्थान में, कम लागत के साथ चारे की उपलब्धता के कारण बकरी पालन आर्थिक रूप से फायदेमंद है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि योजनाओं को क्रियान्व्यन पारदर्शिता से किया जाए। पशुओं के रोगों के नियंत्रण के लिए विभाग का अमला सजग रहे। बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में बकरी पालन के प्रोत्साहन के लिए हितग्राहियों को आवश्यक सहयोग दिया जा रहा है। उज्जैन, सिवनी, ग्वालियर और टीकमगढ़ में बकरी प्रक्षेत्र के संचालन में व्यवस्थाएं बेहतर की गई हैं। इन प्रक्षेत्रों में कृत्रिम गर्भाधान और वत्सोत्पादन के कार्य में सफलता मिली है।

स्वसहायता समूह की बहनें बना रहीं गोबर और गौ मूत्र के उत्पाद

मुख्यमंत्री गौ सेवा योजना में मनरेगा के अंतर्गत 3 हजार 241 गौशालाएं मंजूर की गई थीं। इनमें से 1033 गौ शालाएं शुरू हो गई हैं। महिला स्वसहायता समूह की बहने 530 गौशालाओं का संचालन कर रही हैं। इन्हें गोबर गौमूत्र के विभिन्न उत्पाद जैसे गोबर के गणेशजी, दिए, हवन के कंडे और विभिन्न प्रकार की जैविक खाद के साथ ही अन्य सामग्री तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जा चुका। गौ वंश के संरक्षण के साथ ही गौ शालाएं आजीविका का साधन भी बन गई हैं।

जबलपुर में गोबर से सीएनजी उत्पादन संयत्र

बैठक में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना के प्रभाव का विश्लेषण करने के लिए पूर्व में लिए गए निर्णय और की गई कार्यवाही की भी जानकारी प्राप्त की। बैठक में जानकारी दी गई कि योजना का विभागीय अधिकारियों की समिति ने आकलन कर विश्लेषण प्रतिवेदन प्रस्तुत किया है। गोबर से सीएनजी एवं जैविक खाद उत्पादन के लिए लगभग बीस करोड़ रुपए की लागत से पायलट आधार पर जबलपुर में संयंत्र प्रारंभ किया जा रहा है। इस कार्य में जबलपुर स्मार्ट सिटी मिशन का सहयोग प्राप्त किया जाएगा। है। आगर मालवा जिले के गौ अभ्यारण सालरिया में संचालन के लिए निजी क्षेत्र की प्रतिष्ठित संस्था को दायित्व सौंपा गया है।

बैठक में प्रदेश में आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना और कुक्कुैट प्रदाय योजना, भोपाल के केंद्रीय वीर्य संस्थान में सीमन उत्पादन क्षमता बढ़ाने और सीमन बैक के सुदृढ़ीकरण, प्रयोगशाला भवन निर्माण, नाना जी देशमुख पशुचिकित्सा विश्वविद्यालय में ज्ञान पोर्टल विकसित करने, पशुओं के लिए टीकाकरण की व्यवस्था कर उन्हें रोगों से बचाने पर भी चर्चा हुई। बैठक में जानकारी दी गई कि वर्तमान वित्त वर्ष में मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना के अतंर्गत 14 हजार 157 हेक्टेयर में चारा उत्पादन कार्य के लिए योजना मंजूर की गई है। इसका लाभ 55 हजार से अधिक हितग्राहियों को मिलेगा। इसी योजना में वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 के लिए 60 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की गई है। डिंडोरी में मुख्यमंत्री दुधारू गाय प्रदाय कार्यक्रम के लिए इस वर्ष 19.10 करोड़ रुपए राशि का अनुमोदन हुआ है। इसका लाभ 2 हजार से अधिक हितग्राहियों को मिलेगा।