अब धर्म की धुरी पर घूमता सियासत का पहिया…

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प्रदेश में पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव के बाद अब सियासत का पहिया धर्म की धुरी पर घूम रहा है। गणेश चतुर्थी का उत्सव बुधवार को शुरू हुआ, तो विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता गणेश के सामने मत्था टेकने और मूर्ति स्थापना का क्रम चलता रहा। इस बीच विंध्य से सियासत ने धर्म का चोला ओढ़कर सियासी मैदान में दौड़ लगा दी थी। तब फिर क्या बात थी, भाजपा ने भी “जहर ही जहर को काटता है”…की तर्ज पर जवाबी हमला कर आइना दिखा दिया।
भाजपा ने गणेश चतुर्थी पर अपने अस्थायी ठिकाने बनने जा रहे दफ्तर में भी गणेश की मूर्ति स्थापित की और पूजा-अर्चना में शिवराज और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा शामिल हुए। अब तय है कि सितंबर के महीने भाजपा अपने अस्थायी कैंप के बतौर पुरानी आरटीओ बिल्डिंग में शिफ्ट हो जाएगी, ताकि हाईटेक बहुमंजिला स्थायी ठिकाना आकार ले सके। जब कांग्रेस ने बयानों का धार्मिकीकरण किया, तो भाजपा ने भी जवाबी हमला करने में देर नहीं की।बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कांग्रेस पर निशाना साधा कि पहले तो आप यह बता दीजिए कि कमलनाथ जी हैं कहां? विष्णु ने कहा कि गणेश उत्सव शुरू हो रहा है…. हमारे माननीय मुख्यमंत्री जी ने गणेश प्रतिमा लेकर घर में पूजा की….. फिर हमने कार्यालय में पूजा की….नया कार्यालय जहाँ हम शिफ्ट कर रहे हैं वहां हमने गणेश जी की स्थापना की। फिर निशाना साधा कि क्योंकि चुनाव नहीं हैं, तो वह धर्म भूल जाते हैं…चुनाव होते तो जरूर कुछ करते। चुटकी ली कि हनुमान चालीसा भी करते…आज चुनाव नहीं है तो विदेश भाग गए। चुनाव नहीं है तो कांग्रेसी धर्म को भूल गए। चुनाव आते ही कांग्रेस को हनुमान चालीसा भी याद आता है। और फिर वार किया कि यदि धर्म के प्रति कांग्रेसियों ने काम किया तो राहुल और सोनिया गांधी नाराज हो जाएंगे।
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ आरोप लगा चुके थे। आरोप है कि सतना जिले में स्थित सिद्धा पहाड़ पर शिवराज सरकार ने खनन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। यह राम वन गमन पथ पर स्थित है,जहां पर प्रभु श्री राम वनवास के समय आए थे। इस भूमि को निशाचरों से मुक्त करने की प्रतिज्ञा ली थी। नाथ ने कहा कि वह भाजपा जो भगवान राम के नाम का उपयोग अपनी राजनीति चमकाने के लिए करती आई है, वह अब सुनियोजित तरीके से उनकी याद से जुड़े अवशेषों को नष्ट करने का काम कर रही है। राम वन गमन पथ के निर्माण को लेकर भी सरकार ने अभी तक कोई कार्ययोजना नहीं बनाई है। तो दावा किया कि राम वन गमन पथ को लेकर भी हमारी कांग्रेस सरकार ने ही योजना बनाई थी। नाथ ने चेतावनी दी कि कांग्रेस धार्मिक आस्थाओं के साथ खिलवाड़ करने वाले भाजपा सरकार के इस निर्णय पर चुप नहीं बैठेगी, हम सड़क से लेकर सदन सदन तक इस लड़ाई को लड़ेंगे और सरकार के जनविरोधी व धार्मिक आस्थाओं के विपरीत वाले इस निर्णय को बदलने के लिए सरकार को बाध्य करेंगे। नाथ के इन आरोपों को संजीवनी दी है पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने।
तो प्रदेश में अब धर्म की धुरी पर सियासत का पहिया घूम रहा है। वैसे यह बादल विधानसभा के मानसून सत्र में बारिश बनकर बरस सकते हैं। तो मिशन 2023 के करीब आते ही मुद्दे बदलेंगे, तब तक वार्म अप रहने के लिए नई-नई कवायदें कर फ्रंट फुट पर खेलने का अहसास भी यह मुद्दे कराते रहेंगे। हालांकि धुरियों की थीम बदलती रहेगी और पहिया चलते-चलते 2023 को पार करते हुए 2024 तक पहुंच जाएगा। उसके बाद आसमान में घिरे बादल छंट जाएंगे और आगे की तस्वीर एकदम साफ नजर आने लगेगी। सियासी धर्म का मर्म समझने में आसानी होगी और दलदल में गया दल एक बार फिर बाहर निकलने की छटपटाहट में धर्म को पकड़ने का उपक्रम करता दिखेगा…।