जेल के बंदियों ने अपने पितरों की तृप्ति और सद्गति हेतु सामूहिक श्राद्ध कर्म किया

रतलाम की सर्किल जेल में तीन दिवसीय आयोजन प्रारम्भ

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रतलाम से रमेश सोनी की रिपोर्ट

किन्हीं भी कारणों से जेल में बन्द हुएं बंदी अपने पूर्वजों का श्राद्ध विधि विधान से नहीं कर पाते हैं, उनके अंतर्मन की इसी पीडा को महसूस करते हुए महालय पितृ पक्ष के पावन प्रसंग पर युवा सेवा संघ द्वारा सर्किल जेल रतलाम में श्राद्ध का तीन दिवसीय विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा हैं।इसके लिए 10 से 12 सितम्बर तक आयोजित श्राद्ध के विशेष कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बंदी भाग लेकर विधि विधान से श्राद्ध क्रिया कर रहे हैं।

श्री योग वेदांत सेवा समिति,श्री युवा सेवा संघ तथा मांगल्य मंदिर रतलाम के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित सामूहिक श्राद्ध में विद्वान ब्राहमण श्री सुदामा मिश्रा एवं सच्चिदानंद जी द्वारा क्रिया करवाई जा रही है।श्राद्ध पक्ष के प्रथम दिन अनेकों कैदियों ने अपने पितरों की तृप्ति और सद्गति हेतु श्राद्ध कर्म किया।बता दें कि श्राद्ध हेतु समस्त सामग्री युवा सेवा संघ द्वारा निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है।

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क्या कहते हैं पंडित सुदामा मिश्रा
इस मौके पर श्री सुदामा मिश्रा ने बताया कि श्रद्धा और मंत्र के मेल से अपने पितरों की तृप्ति के निमित्त जो विधि की जाती है उसे श्राद्ध कहते हैं।हमारे जिन संबंधियों का देहावसान हो गया हैं उनकी आत्मा की सद्गति हेतु श्रद्धा के साथ श्राद्ध का विधान है।उन्होंने बताया कि हमारे धर्म ग्रंथो और महापुरुषों ने श्राद्ध की महिमा के बारे में बताया हे कि विष्णु पुराण के अनुसार श्रद्धायुक्त होकर श्राद्धकर्म करने से पितृगण ही तृप्त नहीं होते, अपितु ब्रह्मा,इंद्र,रुद्र,दोनों अश्विनी कुमार,सूर्य,अग्नि,अष्टवसु,वायु, विश्वेदेव,ऋषि,मनुष्य,पशु-पक्षी और सरीसृप आदि समस्त भूत प्राणी भी तृप्त होते हैं।

यमस्मृति के अनुसार जो लोग देवता,ब्राह्मण,अग्नि और पितृगण की पूजा करते हैं,वे सबकी अंतरात्मा में रहने वाले विष्णु की ही पूजा करते हैं।पंडित जी ने बताया कि देवलस्मृति के अनुसार श्राद्ध की इच्छा करने वाला प्राणी निरोग,स्वस्थ, दीर्घायु,योग्य सन्तति वाला,धनी तथा धनोपार्जक होता है।श्राद्ध करने वाला मनुष्य विविध शुभ लोकों को प्राप्त करता है,परलोक में संतोष प्राप्त करता है और पूर्ण लक्ष्मी की प्राप्ति करता हैं।

उन्होंने कहा कि जेल में होने से हमारे कैदी भाई अपने पूर्वजों का विधि विधान से श्राद्ध करने में असमर्थ होते हैं।जबकि सभी को अनिवार्य रूप से श्राद्ध करना ही चाहिए इसी शास्त्र और सद्गुरु देव की आज्ञा को सिरोधार्य करके सर्किल जेल रतलाम में तीन दिनी श्राद्ध कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।इस पुनीत अनुष्ठान के लिए आयोजक संस्था ने जेल अधीक्षक लक्ष्मण सिंह भदोरिया एवं जेलर मकवाना का आभार व्यक्त किया।

निःशुल्क सामूहिक श्राद्ध कर्म 25 को
रतलाम शहर में प्रतिवर्षानुसार इस साल भी 25 सितम्बर को सर्वपितृ अमावस्या के पावन अवसर पर निःशुल्क सामूहिक श्राद्ध कर्म का आयोजन पटरी पार क्षेत्र में किया जाएगा।जिसमे आमजन शामिल होकर सामूहिक रूप से दिवंगत परिजनों का श्राद्ध कर सकेंगे।