Kamalnath’s Allegation : चीता इवेंट के साथ कुपोषित जिले के लिए भी कुछ क्यों नहीं किया!
Bhopal : पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि आज सरकार ने ‘चीता इवेंट’ किया। अच्छा होता कि देश में सबसे ज़्यादा कुपोषित ज़िले श्योपुर के कुपोषण को दूर करने के लिए भी सरकार कुछ करती।
मानस भवन में मीडिया से चर्चा करते हुए कमलनाथ ने कहा कि गुजरात के गिर से जो शेर मध्यप्रदेश आना थे, उस पर आज ये बात क्यों नहीं कर रहे। कांग्रेस छोड़ने वाले अरुणोदय चौबे के सवाल पर उन्होंने कहा कि भाजपा आज दबाव और प्रभाव की राजनीति कर रही है। पर, आप किसी का दिल, मन और आत्मा की आवाज़ नहीं बदल सकते!
इससे पहले जारी एक बयान में कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में निरंतर सामने आ रहे घोटालों से ध्यान हटाने के लिए सरकार ने यह ‘चीता इवेंट’ आयोजित किया है। शिवराज प्रदेश की जनता को बताए कि प्रदेश को गुजरात से आज तक शेर क्यों नहीं मिल पाए! एक बयान में आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में निरंतर सामने आ रहे घोटालों और भ्रष्टाचार के मामलों से ध्यान हटाने के लिए शिवराज सरकार ने यह इवेंट आयोजित किया है। यदि सरकार को चीते ही छोड़ना थे, तो साधारण तरीक़े से भी छोड़े जा सकते थे। तीन लाख करोड़ के कर्जदार प्रदेश में चीता छोड़ने के लिए भी लाखों-करोड़ों खर्च कर ‘मेगा इवेंट’ आयोजित किया गया।
प्रदेश के जिस श्योपुर जिले के कूनो अभयारण्य में यह कार्यक्रम आयोजित हो रहा है, वह जिला देश में कुपोषण के मामले में वर्षों से शीर्ष पर है। मध्यप्रदेश में कुपोषण के बढ़ते आँकड़ो के बीच पोषण आहार घोटाला भी सामने आया। लेकिन, सरकार की चिंता उस जिले से कुपोषण दूर करने की नहीं है। उसकी चिंता तो वहां करोड़ों खर्च कर मेगा इवेंट करने में है। बेहतर होता कि सरकार करोड़ों के इस राशि को इस मेगा इवेंट की बजाए कुपोषण दूर करने में लगाती और चीते को साधारण तरीके से छोड़ने का काम करती।
कमलनाथ ने बताया कि वैसे भारत में चीते लाने की परियोजना की परिकल्पना मनमोहन सिंह सरकार के समय बनी थी। तत्कालीन केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश के कार्यकाल में वर्ष 2008-09 में इसका प्रोजेक्ट तैयार हुआ था और इसकी प्रक्रिया को प्रारंभ किया गया था।प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की बैठक में इस विषय पर चर्चा हुई थी और नामीबिया से बातचीत प्रारंभ हुई थी।
बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2020 में इसकी अनुमति दी। लेकिन, भाजपा की तो शुरु से ही आदत है कि वह कांग्रेस सरकारों के समय किए गए कामों का भी झूठा श्रेय खुद लेती है।
कमलनाथ ने कहा कि सभी जानते हैं कि मध्य प्रदेश के कूनो-पालपुर अभयारण्य में गुजरात के गिर राष्ट्रीय पार्क से एशियाई शेरों को लाने को लेकर मध्य प्रदेश सरकार वर्षों से सिर्फ़ दावे ही कर रही है। करीब 9 साल पहले सुप्रीम कोर्ट भी गुजरात सरकार को यह शेर देने का आदेश दे चुका है। लेकिन, प्रदेश सरकार आज तक गुजरात से इन शेरों को नहीं ला सकी! इसके पीछे शिवराज सरकार की इच्छाशक्ति का अभाव है और इसके पीछे की सारी सच्चाई व वास्तविकता भी सभी को भली भाँति पता हैं। इस मुद्दे से ध्यान हटाने के भी यह ‘चीता इवेंट’ किया गया।
जबकि, मध्य प्रदेश सरकार ने इस अभ्यारण से कई गांवो के सेकडो परिवारों का विस्थापन भी किया, करोड़ों रुपए खर्च भी किए लेकिन गुजरात सरकार की ज़िद के कारण आज तक यह शेर मध्यप्रदेश को नहीं मिल पाए।
जब मध्य प्रदेश में हमारी सरकार आई तो हमने दमदारी से व पुरजोर ढंग से मध्यप्रदेश के इस पक्ष को रखा और इस दिशा में प्रयास भी शुरू किए लेकिन हमारी सरकार बीच में गिरा दी गई।
शिवराज जी आज मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट, लेपर्ड स्टेट बढ़-चढ़कर बता रहे हैं, चीता स्टेट बनाने की बात कर रहे है। जबकि, हाल ही में विधानसभा के पटल पर रखी गई ‘केग’ की रिपोर्ट बता रही है कि मध्य प्रदेश में वर्ष 2014 से वर्ष 2018 के बीच 115 बाघों की मृत्यु हुई ₹, वही इसी दौरान 209 तेंदुओ की भी मृत्यु हुई और बिजली के करंट से 16 बाघ और 21 तेंदुओ की मृत्यु हुई।
मध्यप्रदेश में बाघ व तेंदुआ संरक्षण के लिए प्रदेश सरकार ने आज तक कोई योजना नहीं बनाई और न इस दिशा में कोई काम किया, यह शिवराज सरकार की हकीकत है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सरकार प्रदेश में निरंतर सामने आ रहे घोटालों से ध्यान हटाने के लिये यह चीता इवेंट कर रही है।मध्यप्रदेश में हाल ही में 5 हज़ार करोड़ का पोषण आहार घोटाला सामने आया है, 304 करोड़ का धार जिले का कारण डैम का भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है, यूरिया घोटाला सामने आया है।
यह सब घोटाले देशभर में चर्चित हुए हैं ,इन घोटालों से ध्यान हटाने के लिए शिवराज सरकार ने यह चीता इवेंट आयोजित किया है। इस चीता इवेंट के लिए विधानसभा का सत्र भी निर्धारित अवधि से पहले समाप्त कर दिया गया क्योंकि सरकार का ध्यान जनहित के मुद्दों व घोटालों पर चर्चा करने की बजाय चीता इवेंट पर लगा हुआ था।
आज तक कारम डैम के प्रभावितों को कोई राहत नहीं मिली, कोई मुआवजा नहीं मिला है। उनकी फसलें, घर सब बर्बाद हो गए, लेकिन किसी ने उनकी कोई सुध नहीं ली। मुख्यमंत्री एक बार भी प्रभावितों से मिलने तक नहीं गए, वास्तविक दोषियों पर कोई कार्यवाही नहीं की।
मुख्यमंत्री के अधीन आने वाले महिला एवं बाल विकास में 5 हज़ार करोड़ का पोषण आहार घोटाला सामने आया है। किस प्रकार परिवहन, वितरण और उत्पादन के नाम पर करोड़ों का फर्जीवाड़ा किया गया। आज तक दोषियों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। वहीं किसानों के लिए भेजी गई यूरिया बीच रास्ते से ही गायब हो गई, इसमें भी एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया। लेकिन, सरकार ने इन सब मामलों पर सदन में कोई चर्चा तक नहीं की और इन सब घोटालों ,भ्रष्टाचार के मामलों से ध्यान हटाने के लिए ही सरकार पिछले कई दिनों से इस ‘चीता इवेंट’ के प्रचार-प्रसार में लगी हुई है। जनता यह सब सच्चाई देख रही है और समय आने पर इसका जवाब भी माँगेगी।