Neemuch : नीमच नगर पालिका के सहायक प्रभारी लेखापाल महेश जैन को लोकायुक्त की टीम ने 3600 रु की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा। बताया गया कि इसमें नगर पालिका का CMO भी शामिल है।
आवेदक निलेश नागर ने शिकायत की थी कि नीमच शहर में की गई पेंटिंग के बिल पास करने के बदले उससे 7% रिश्वत मांगी गई थी। इसके बाद लोकायुक्त की टीम ने छापामार कार्रवाई की। जानकारी में यह भी सामने आया कि यह 7% की रिश्वत नगर पालिका CMO तक भी पहुंचने वाली थी। पर, अभी इस मामले में जांच चल रही है।
निलेश नागर ने बताया कि उन्होंने नगरपालिका में सरकारी भवनों पर चित्रकारी का ठेका लिया था। जिसका बिल लगभग 72 हजार रु का था। जिसे काटकर 52 हजार कर दिया गया और बिल पास करने के नाम पर 7% के हिसाब से रिश्वत मांगी जा रही थी। यह 7% की राशि ऑडिट अकाउंट और CMO तक पहुंचना बताया गया। नागर ने बताया कि एक बिल और हमने प्रस्तुत किया गया है जिसे पास करने के लिए भी महेश जैन ने मना कर दिया। लेखापाल महेश जैन ने 12 तारीख को पेमेंट मांगा गया था जिस पर आज 3600 कैश पेमेंट मेरे द्वारा दिया गया।
इस मामले में लोकायुक्त अधिकारी बसंत श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि इंदौर निवासी नीलेश नागर ने पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त में 12 सितंबर को शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें बताया गया था कि दीपा फाइन आर्ट के नाम से उनके द्वारा नीमच नगर पालिका में चित्रकारी व पेंटिंग बनाने का ठेका लिया गया था। इसके भुगतान के बदले 7% रिश्वत मांगी गई। जिस पर सत्यापन कर ट्रैप प्लान किया गया और 52 हज़ार के हिसाब से 7% का भुगतान 3600 रु लेते हुए आज लेखापाल महेश जैन को रंगे हाथों पकड़ लिया गया।
इनके खिलाफ धारा 7 भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर आगे की कार्रवाई की गई। जा रही है। यह भी बताया गया कि 7% के हिस्से में AUDIT और CMO भी संलिप्त हैं। मामले में जांच की जाएगी यदि वे लोग भी इस मामले में संलिप्त पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।