विशेष ख़बर:  वेतन के लिये नो माह से तरस रहे जनपद पंचायतकर्मी, सफाईकर्मी भी वंचित

मानव अधिकारआयोग ने मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव से सात दिन में मांगा जवाब

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विशेष ख़बर:  वेतन के लिये नो माह से तरस रहे जनपद पंचायतकर्मी, सफाईकर्मी भी वंचित

वरिष्ठ पत्रकार डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट

*रायसेन जिले के एक मामले में* मप्र मानव अधिकार आयोग ने राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारियों सहित जिले अधिकारियों से सात दिन में जवाब मांगा है।

मामला कुछ यूं है कि *रायसेन जिले की जनपद पंचायत सांची* 83 ग्राम पंचायतों में राज्य शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन तथा विकास के लिये सरकारी राशियों का आवंटन करने की जिम्मेदारी उठा रही है। परंतु जनपद पंचायत कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों सहित सफाईकर्मी भी लगभग नौ माह से वेतन की बाट जोह रहे हैं, परंतु इन्हें वेतन नहीं मिलने से इनके सामने परिवार का पालन पोषण करने का संकट आ गया है।

बताया गया है कि जनवरी 2022 से ही जनपद कर्मचारियों और सफ़ाई कामगारों को वेतन नहीं मिला है । ज्ञापन , मांग पत्र और प्रत्यक्ष प्रतिवेदन भी दिये गए पर अबतक समाधान नहीं हो पाने से भारी आर्थिक समस्याओं का सामना करने को विवश हैं ।

प्राप्त जानकारी के अनुसार सांची जनपद पंचायत के अधीन 83 ग्राम पंचायतें आती हैं। यहां शासन की योजनाओं का क्रियान्वयन कराने का जिम्मा इसी जनपद पंचायत के उपर है, परंतु इस कार्यालय में कई कम्प्यूटर आॅपरेटर, भृत्य, सफाईकर्मी एवं दैनिक वेतनभोगी के रूप में लगे हुये हैं, इन्हें वेतन नहीं मिला है। जबकि यह कर्मचारी शासकीय समय से भी अधिक समय तक अपने कार्य में जुटे रहते हैं। इतना ही नहीं जब-जब इन कर्मचारियों की आवश्यकता पड़ती है, तब-तब चाहे दिन हो या रात, इन्हें काम पर बुला लिया जाता है। यह कर्मचारी भी अधिकारियों के आदेश का पालन करते हुये कार्य में जुटे रहकर वेतन का इंतजार ही करते रहते हैं। जबकि यहां कार्यरत स्थाई अधिकारी-कर्मचारी बड़ी शान-शौकत से अपना व अपने परिवार का पालन करते हैं और संविदा व दैनिक वेतनभोगी वेतन के लिये तरसते रहते हैं।

इस बारे में सीईओ, जनपद पंचायत, सांची का कहना है कि अभी हमारे पास राशि नहीं है जिस कारण यह वेतन लंबित है। तत्कालीन सीईओ द्वारा जनपद पंचायत की लगभग सवा करोड़ रूपये की धनराशि राज्य शासन को सरेंडर कर दी गयी, जिससे यह समस्या खड़ी हुई है। यदि वह धनराशि रहती, तो हम उसके ब्याज से ही इन कर्मचारियों का वेतन भुगतान कर देते। हम प्रयास कर रहे हैं कि शीघ्र ही राज्य शासन से राशि आवंटित करवाकर अगले दस-पंद्रह दिन में इन सभी कर्मचारियों का वेतन भुगतान कर देंगे।

लगभग नौ माह से संविदा व दैनिक वेतनभोगियों को वेतन न मिलने के इस गंभीर मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री नरेन्द्र कुमार जैन ने *मुख्य सचिव, मप्र शासन, प्रमुख सचिव, मप्र शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग सहित कलेक्टर, रायसेन एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत सांची से सात दिन में तथ्यात्मक जवाब मांगा है।*