Heart Attack Cases : कोविड वैक्सीन से हार्ट अटैक केस बढ़ना बेबुनियाद!

कोविड से दिल कमजोर हो सकता है, उस वजह से हार्ट अटैक संभव

703

Heart Attack Cases : कोविड वैक्सीन से हार्ट अटैक केस बढ़ना बेबुनियाद!

New Delhi : लंबे समय से यह चर्चा की जा रही है, कि कोविड वैक्सीन की बूस्टर डोज की वजह से हार्ट अटैक
के केस बढ़ रहे हैं। लेकिन, एक्सपर्ट्स ने इन अफवाहों को खारिज कर दिया। चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि हार्ट की बीमारियों और बूस्टर डोज के बीच कोई लिंक नहीं है। चिकित्सा एक्सपर्ट्स ने कोविड वैक्सीन को हार्ट के लिए नुकसानदायक नहीं बताया। डॉक्टरों का कहना है कि वैक्सीन से हार्ट अटैक या दिल की बीमारियों में इजाफा होने का अभी तक कोई मेडिकल प्रमाण सामने नहीं आया।

फरीदाबाद के अमृता हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के HOD डॉ विवेक चतुर्वेदी ने कहा कि कोविड के बाद दिल की धड़कन के अनियमित होने के केस देखे जा रहे हैं। लेकिन, ऐसा नहीं कहा जा सकता कि ये टीके की वजह से हुआ है। ऐसा इसलिए, क्योंकि कोविड वैक्सीनेशन से पहले भी हार्ट की ये बीमारियां हो रही थी। वैक्सीन से हार्ट की बीमारी होने का कोई प्रमाण नहीं है। पर, ये जरूर है कि कोविड वायरस की वजह से हार्ट से संबंधित बीमारियां हो सकती है।

कोविड से हार्ट कमजोर हुआ
ऐसे मामले भी देखे जा रहे हैं जहां पहले से लोगों को हार्ट की परेशानी थी और कोविड से संक्रमित होने के बाद ये समस्या और भी बढ़ गई है। ऐसे लोगों को हार्ट अटैक, हार्ट फेल और दिल की धड़कन के अनियमित होने की परेशानी हो सकती है। जिन लोगों को पहले दिल की बीमारी नहीं थी, लेकिन डायबिटीज या बीरी की समय्या थी, कोविड होने के बाद उन्हें भी हार्ट डिजीज होने की आशंका है। यहां तक कि अगर किसी को हार्ट की बीमारी नहीं है, लेकिन वो व्यक्ति कोविड से गंभीर रूप से संक्रमित हुआ, तो दिल की बीमारी होने का खतरा है।

हार्ट अटैक के केस क्यों बढ़े!
इस सवाल के जवाब में डॉ विवेक ने कहा कि कोविड के चरम के दौरान काफी लोगों की घर पर मौत हो गई थी। इसका कारण यह भी था कि वायरस के डर की वजह से लोग अस्पताल जाने से बच रहे थे। कुछ देशों से मिले डेटा बताते हैं कि कोविड की वजह से हार्ट की बीमारियों का खतरा काफी बढ़ गया है।

गुरुग्राम के फोर्टिस हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के डॉ विनायक अग्रवाल का कहना है कि कोरोना से संक्रमित होने की वजह से जो मरीज लंबे समय तक अस्पतालों में भर्ती रहे थे उन्हें रिकवरी के दौरान बेहतर देखभाल की जरूरत होती है। अगर किसी व्यक्ति को कोविड से रिकवर होने के बाद थकान, कमजोरी और छाती में दर्द की परेशानी हो रही है, तो ऐसे मरीज को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

इस तरह की कोई भी परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टरों से सलाह लेने की जरूरत है। मरीज को ब्लड टेस्ट, ईसीजी या फिर कार्डिक MRI करा लेना चाहिए। इससे हार्ट में हो रही किसी भी परेशानी का पता लगाया जा सकता है। समय पर लक्षणों की पहचान और इलाज से दिल की बाीमारियों के खतरे को कम किया जा सकता है। कोविड से रिकवर हो रहे मरीजों के लिए जरूरी है कि वे ज्यादा हैवी वर्कआफट न करें। खानपान का ध्यान रखें और लॉन्ग कोविड की कोई भी परेशानी होने पर इलाज कराएं।á