राम, गंगा, तिरंगा और अब शराबबंदी मुहिम…!

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TRaisen's Shiva Temple Will Not Openweet
लगता है कि पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की शराबबंदी की मुहिम पर सरकार ने सामंजस्यपूर्ण तरीके से राह निकालने का विचार कर लिया है। तरीका क्या होगा, यह उमा के ट्वीट्स से पता चल रहा है। यह साफ है कि थोड़ा-थोड़ा समझौता दोनों तरफ से होगा और मध्यम मार्ग चुनकर शराबबंदी का विशेष फार्मूला 2023-24 में लागू कर सरकार विधानसभा चुनाव के पहले मतदाताओं का भरोसा इस मुद्दे पर हासिल करेगी। इसीलिए सेवा पखवाड़ा की समाप्ति पर 2 अक्टूबर को उमा के पहले से तय कार्यक्रम में शिवराज ने शामिल होने की हामी भर दी है। उमा यदि मंच पर अकेली नजर आतीं, तो संदेश यही जाता कि शराबबंदी पर मतभेद हैं। और मामला तूल भी पकड़ सकता था। पर अब यह संदेश जाएगा कि शराबबंदी के मुद्दे पर मतैक्य है और शिवराज और उमा की राय एक है। उमा बार-बार यह दोहराती रही हैं कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के साथ शराबबंदी पर वह अपने विचार साझा कर चुकी हैं। ऐसे में सरकार, संगठन और उमा के बीच वैचारिक सामंजस्य संग शराबबंदी का समाधान 2 अक्टूबर को सामने आ सकता है।
उमा भारती ने अपने ट्वीट्स में प्रिय आत्मीयजन संबोधन से सभी को नवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए अपनी बात रखी है। याद दिलाया है कि आपको विदित ही है कि हम सब पिछले डेढ वर्ष से शराब बंदी या नियंत्रित शराब वितरण के लिए प्रयत्नरत हैं। तो पहले ट्वीट में समाधान छिपा है कि शराब का नियंत्रित वितरण हो। जैसा कि शिवराज भी कहते रहे हैं कि जागरूकता के बिना पूर्ण शराबबंदी का फैसला नहीं लिया जा सकता। उमा ने यह याद दिलाया है कि हमारे प्रयासों के परिणाम स्वरूप मेरे बड़े भाई एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह वक्तव्य दिया था कि वह वर्तमान शराब नीति में यथा संभव सुधार करेंगे तथा आने वाली 31 मार्च के बाद की शराब वितरण प्रणाली सभी से परामर्श एवं सभी समस्याओं को ध्यान में रखकर होगी। इसे तर्क सहित साफ भी किया है कि नारी शक्ति तो पूर्ण शराबबंदी चाहती है किंतु शुरुआत तो इसी प्रकार से होगी कि इसको क्रमिक शराबबंदी से पूर्ण शराबबंदी की ओर ले जाएं।
और उमा ने आगे लिखा है कि हमारे इसी प्रयास का परिणाम है कि मध्य प्रदेश की सरकार स्वयं 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर नशा-शराब के खिलाफ पूरे प्रदेश में जागरूकता अभियान का प्रारंभ कर रहे हैं। यह हमारे अभियान की सफलता का पहला कदम है। हमने भी 2 अक्टूबर को अपने कार्यक्रम की घोषणा पहले से ही की हुई थी किंतु अब सरकार के द्वारा स्वयं इस कार्यक्रम को आयोजित करने की घोषणा की गई है एवं मुझे एवं आप सबको इस कार्यक्रम में भागीदार होने के लिए निमंत्रण दिया है। मुख्यमंत्री जी एवं मैं तथा अन्य कई गणमान्य अतिथिगण मौजूद रहेंगे।
तो उमा ने मुद्दे को जिंदा रखने का प्रावधान भी बचा रखा है। उन्होंने लिखा है कि किंतु हमारे अभियान से जुड़े हुए लोगों का यह निर्णय है कि हमारा भी कार्यक्रम होगा ताकि हमारे आंदोलन की धारा अपने स्वतंत्र रूप में पूर्ण शराबबंदी की दिशा में चलती रहे। शराब एवं नशे के खिलाफ धर्म युद्ध हम तब तक जारी रखेंगे जब तक हमें परम लक्ष्य ना मिल जाए। गांधी जी के सपनों का भारत शराब एवं नशा से मुक्त भारत है। मध्य प्रदेश भारत के मध्य में होने के कारण भारत माता की नाभि है, यानि नाभिकीय केन्द्र है। मध्य प्रदेश से किए गए संकल्पों से सारा भारत प्रभावित होगा इसलिए हमें अपने इस अभियान के दृढ़ निश्चय से विचलित नहीं होना है। भारत माता की नाभि में नशा एवं शराब नहीं भर सकते हैं, मध्य प्रदेश को शराब एवं नशे में नहीं बहने देंगे यह हमारा संकल्प है।
उमा ने अपना इरादा साफ किया है कि राम, गंगा एवं तिरंगा के लिए मैंने जैसे अपनी जान की बाजी लगाई, मेरे इस संकल्प में भी मैं दृढ़ हॅूं। हम सब मिलके इस दिशा में आगे बढें। हम इसके खिलाफ अपना संघर्ष निरंतर जारी रखेंगे। तो उमा के हवाले से पूरी तस्वीर साफ है कि संघर्ष की मुहिम पूर्ण शराबबंदी तक चलती रहेगी, तब तक जो राह सरकार दिखाएगी उसका भी स्वागत है। राम, गंगा और तिरंगा के बाद अब शराबबंदी उमा भारती का चौथा संकल्प है, जो मध्यप्रदेश में पूरी तरह से लागू होने तक संघर्ष की राह खुली रहेगी।