आज बाबा महाकाल और मध्यप्रदेश का दिन है…

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आज बाबा महाकाल और मध्यप्रदेश का दिन है…

मध्यप्रदेश के इतिहास में आज यानि 11 अक्टूबर 2022 का दिन स्वर्ण अक्षरों में अंकित होगा। बारह ज्योतिर्लिंग में तीसरे बाबा महाकाल की महिमा चमत्कारिक है। आज जिस ‘महाकाल लोक’ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकार्पित करेंगे, वह श्रद्धालुओं को उज्जैन की महिमामयी पावन धरा पर वास्तव में महाकाल के लोक में विचरण कराएगा। दिव्य और भव्य मूर्तियां महाकाल की महिमा से भक्तों को ओतप्रोत और भावविभोर करेंगीं। केदारनाथ, काशी और महाकाल की नगरी के प्रति समर्पण के लिए जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को याद किया जाएगा, तो यह संशय भी नहीं है कि महाकाल की शिवराज पर विशेष कृपा है। महाकाल की ही कृपा है कि शिवराज 2016 का सिंहस्थ आयोजित करने के बाद भी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने रहे और उस मिथक पर पानी फिर गया जिसने यह धारणा बना दी थी कि सिंहस्थ कराने के बाद वह मुख्यमंत्री पद पर नहीं रह पाता। और यह भी महाकाल की ही कृपा है कि 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के पंद्रह माह बाद ही एक बार फिर शिवराज को मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला। और ‘महाकाल लोक’ का लोकार्पण भी उनके मुख्यमंत्रित्व काल में हो रहा है। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह अपने साप्ताहिक कॉलम ‘सप्ताह का धागा’ में लिखते हैं कि बाबा केदारनाथ धाम, आद्य शंकराचार्य की प्रतिमा, बाबा विश्वनाथ काॅरिडोर। उज्जैन में दिव्य श्री महाकाल लोक और इसके बाद ओंकारेश्वर धाम। देश के गौरवशाली इतिहास की पुनर्स्थापना की संकल्प यात्रा जारी है। तो वह कॉलम के विभिन्न ट्वीट्स में मोदी को शिवभक्त ठहराते हैं, देवी अहिल्या युग की वापसी बताते हैं, तो दूसरे दलों की संकीर्णता के भाव पर निशाना साधने से नहीं चूकते।
वहीं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा अपने आलेख में विचार व्यक्त करते हैं कि भारतीय संस्कृति का आधार-आदर्श आध्यात्मिकता है। यही वह धुरी है जिससे भारत में व्यक्तिगत जीवन, सामाजिक जीवन, राष्ट्रीय जीवन और आर्थिक जीवन के मध्य सदियों से सामंजस्य रहा है। हमारे शक्ति पीठों, मंदिरों, पुण्यस्थलों की सांस्कृतिक विरासत पर नरेंद्र मोदी जी की गहनदृष्टि से विगत 70 साल से जमी धूल हट रही है और भारत को उसकी प्राणशक्ति की ओर ले जा रही है। इस शक्ति की जागृति से भारत की सांस्कृतिक अस्मिता का पुनर्जागरण संभव हो रहा है और विश्व कल्याण में आध्यात्मिक अभ्युदय का नया दौर शुरु हुआ है। इस दौर का जब भी इतिहास लिखा जाएगा तब नरेंद्र मोदी द्वारा भारत के आध्यात्मिक पुनरुत्थान का योगदान स्वर्ण अक्षरों में दर्ज होगा।
तो पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की पीड़ा है कि भाजपा हर चीज को इवेंट बनाती है, यह एक शासकीय कार्यक्रम है। इसकी नींव हमने रखी थी, भाजपा सिर्फ श्रेय लेने का काम करती है। दावा है कि यह तो फ़ाइलों में प्रमाण के रूप में मौजूद है। पता नहीं अब कब किसान क़र्ज़ माफ़ी का श्रेय लेगी..? लेकिन जनता बहुत समझदार है। जनता को गुमराह करने के लिये यह प्रधानमंत्री को बुला रहे हैं,धार्मिक आयोजन कर रहे हैं। और नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कमलनाथ की बात को आगे बढ़ाते हुए कहा है कि महाकाल मंदिर के विकास और विस्तार के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी उज्जैन आ रहे हैं, तब प्रदेश की जनता को इस बात का संज्ञान है कि विकास के इस क्रम को अमली जामा कमलनाथ सरकार ने पहनाया था। श्रद्धा का श्रेय नहीं लिया जाता, वह तो आत्यामिक ध्येय के लिए होती है। इस आयोजन के लिए अपनी शुभकामनाएं प्रेषित करते हैं।
तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहजता से अपनी बात रखते हैं कि ऐसा लग रहा है जैसे जीवन सार्थक हो गया हो। 2016 में जो कल्पना आई थी कि एक ऐसी शिव सृष्टि जिसमें महाकाल महाराज के दर्शन के बाद भक्तों को शिव लीलाएं देखने को मिलें। 2017 में विद्वानों से विचार-विमर्श हुआ और 2018 में कैबिनेट ने इस प्रकल्प को स्वीकृति दी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत में सांस्कृतिक पुनरुत्थान काम काम हो रहा है। पहले बाबा केदारनाथ धाम का पुनर्निमार्ण हुआ फिर भगवान काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बना और अब महाकाल महाराज के परिसर में श्री महाकाल लोक की अद्भुत रचना हुई है।श्री महाकाल लोक के प्रकल्प के बारे में जो सोचा था उससे कहीं बहुत उत्तम, अद्भुत, अकल्पनीय और एक ऐसा काम जो हमारी सांस्कृतिक अभ्युदय का काम है वह हुआ है। पूरी उज्जैनी अवंतिका, पूरा मध्यप्रदेश आनंद से भरा हुआ है। महाकाल महाराज की इच्छा से ही यह कार्य संपन्न हुआ है और उनकी कृपा बरसेगी। अद्भुत आनंद का विषय यह है कि स्वयं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी अपने हाथों से श्री महाकाल लोक का लोकार्पण करेंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत में सांस्कृतिक पुनरुत्थान का काम हो रहा है। पहले बाबा केदारनाथ धाम का पुनर्निमार्ण हुआ फिर भगवान काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बना और अब महाकाल महाराज के परिसर में श्री महाकाल लोक की अद्भुत रचना हुई है। चारों तरफ आनंद है, उत्सव है, उल्लास है, प्रसन्नता है और पूरा प्रदेश श्री महाकाल लोक के लोकार्पण के इस पुण्य अवसर पर सज रहा है।
तो अब श्रेय, ध्येय, सांस्कृतिक पुनरुत्थान, नींव और इमारत जैसे भारी भरकम शब्दों के बीच सत्य यही है कि आज ‘ ‘महाकाल लोक’ को लोकार्पण हो रहा है। फिलहाल शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकार्पण के लिए अवंतिकापुरी आ रहे हैं। तो आज बाबा महाकाल और मध्यप्रदेश का दिन है, मोदी और शिव सब शरण में हैं…कामना यही कि सांस्कृतिक पुनरुत्थान का यह सिलसिला कभी न थमे।