Corona effect Children : कलेक्टर की अपील पर 300 दानदाता आगे आए

किसी एक परिजन को खोने वाले बच्चों के लिए सब जगह से मदद

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Indore : कोरोना के कहर से प्रभावित बच्चों को इंदौर जिला प्रशासन हर संभव मदद दे रहा है। कलेक्टर इंदौर मनीष सिंह (Collector Indore Manish Singh) की कोशिश एक बार फिर रंग लाई! इसके चलते अब अनाथ हुए बच्चों की मदद के लिए करीब 300 दानदाता आगे आए है। वे इन बच्चों की मदद के साथ इनका भविष्य संवारने में मदद करेंगे। यह काम इंदौर को आने वाले दिनों में बेसहारा बच्चों की मदद के लिए भी देश में एक अलग पहचान दिलाएगा।
इंदौर शहर में 400 से ज्यादा बच्चे ऐसे हैं, जिन पर कोरोना (Corona) का कहर बरपा है। लगभग 50 बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया। 300 से ज्यादा बच्चों के सिर से पिता या फिर मां का साया उठ गया। अपने माता-पिता दोनों को खो चुके लगभग 50 बच्चों को मुख्यमंत्री कोविड कल्याण योजना के तहत जिला प्रशासन के माध्यम से 5000 रुपए की मासिक सहायता दी जा रही है।

इस योजना के तहत सिर्फ उन्हीं बच्चों को मदद मिल सकती है, जो पूरी तरह अनाथ हो चुके हैं। इसलिए योजना के नियमानुसार उन बच्चों को मदद नहीं मिल पा रही थी, जिन्होंने अपने पिता या माता में से किसी को खोया है। इस नियम के चलते 340 बच्चों को महिला बाल विकास विभाग में सहायता के आवेदन के बावजूद सहायता नहीं मिल पाई थी।
यह मामला जब कलेक्टर मनीष सिंह (Manish Singh) के पास पहुंचा तो उन्होंने मीडिया के माध्यम से इंदौर के दानदाताओं, समाजसेवियों, स्वयंसेवी संगठनों से इन बच्चों की मदद करने की अपील की थी। कलेक्टर की अपील का असर हुआ और इंदौर सहित देश-विदेश के कई दानदाता इन बच्चों की मदद के लिए आगे आए। जिला कार्यक्रम अधिकारी के अनुसार कलेक्टर (Collector) की अपील के बाद 300 से ज्यादा बच्चों के लिए कई दानदाता मदद के लिए तैयार हैं, जो एक साल तक इन बच्चों को 2000 रुपए की मदद करेंगे।

इसके अलावा कई ऐसे शैक्षणिक संस्थान, जिनके स्कूल या कॉलेज में सिंगल पैरेंट (Single Parents) वाले बच्चे पढ़ते हैं। उनकी फीस माफ करने के लिए आगे आए हैं। अब प्रशासन ऐसे बच्चों के लिए नियमानुसार बीपीएल कार्ड (BPL Card) बनवाने जा रहा है, ताकि इन्हें भी सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। जिसके लिए देश विदेश से भी सहयोग मिल रहा है।