Chatarpur News: जिला अस्पताल में मरीज के साथ होती रही झाड़फूंक, तमाशबीन बना अस्पताल प्रशासन

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छतरपुर से राजेश चौरसिया की रिपोर्ट

छतरपुर: बुंदेलखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लोगों मे अंधविश्वास किस कदर भरा हुआ है इसका उदाहरण कल बीती देर रात छतरपुर जिला अस्पताल में देखने को मिला, जब जिला अस्पताल में एक महिला को इलाज के लिए लेकर आए परिजन इलाज से संतुष्ट नहीं हुए तो अस्पताल परिसर में ही बने मंदिर के पास तांत्रिक को बुला कर झाड़-फूंक कराने लगे।

अस्पताल परिसर में लगभग 1 घंटे तक झाड़-फूंक तंत्र-मंत्र का सिलसिला चलता रहा। नारियल और नींबू के जरिए तांत्रिक मंत्र पढ़कर ड्रामा करता रहा और जिला अस्पताल के कर्मचारी अन्य स्टाफ आते -जाते इस तमाशे को होता देखते रहे।

वहीं जिला अस्पताल परिसर में हो रही इस झाड़-फूंक का वीडियो कुछ लोगों के द्वारा बना लिया गया जो अब सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है।

जानकारी के मुताबिक लक्ष्मी अहिरवार पत्नी राजेश अहिरवार जिसकी उम्र 22 वर्ष बताई गई है और यह छतरपुर जिले के ईसानगर के निवासी है जिस की तबीयत खराब थी और परिजन उसे छतरपुर जिला अस्पताल लेकर आए थे।
परिजनों का कहना था कि डॉक्टर ने महिला को रेफर कर दिया है, और क्यों कि उन्हें अंदेशा है कि महिला को कोई बीमारी ना हो कर ऊपरी चक्कर यानी भूत प्रेत बाधा है, जिसके चलते परिजन एक ग्रामीण तंत्र मंत्र वाले गुनियां को पकड़कर जिला अस्पताल ले आए और फिर शुरू हुआ जिला अस्पताल में अंधविश्वास का खेल, तांत्रिक के इशारे पर परिजन कभी महिला को पकड़ कर खड़े हो जाते तो कभी उसे मंदिर की सीढ़ियों में माथा टेकने को कहते, तांत्रिक जोर जोर से मंत्र पढ़कर आडंबर फैलाता रहा।

यह सिलसिला लगभग 1 घंटे तक चलता रहा। वहीं कुछ जागरूक लोगों ने जब इसका वीडियो बनाया तो परिजन उसका भी विरोध करने लगे। बीमार महिला के साथ कि परिजन महिला का कहना था कि यह बीमारी नहीं बल्कि ऊपर ही फेर-फार यानी भूत प्रेत का चक्कर है और इसीलिए वह झाड़ फूंक करा रहे हैं।

ग्रामीण इलाकों में इस तरीके की घटनाएं आज भी आम बात है। तमाम तरह के जागरूकता अभियान महज कागजों में चल रहे हैं, लेकिन आज ही ग्रामीण अंधविश्वास में बुरी तरह से जकड़े हुए हैं।

हैरत की बात तब है जब यह सिलसिला छतरपुर जिला अस्पताल में चलता रहा और अस्पताल प्रबंधन तमाशबीन होकर देखता रहा, यहां ना ही किसी ने उन्हें रोका और ना ही समझाने की कोशिश गई, और अब जब उस समय ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर से बात की गई तो साफ तौर पर उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए यह कह दिया कि उन्हें इस संबंध में कोई भी जानकारी नहीं है।