Karwa Chauth : केवल डेढ़ घंटे रहेगा करवा चौथ का मुहूर्त
New Delhi : करवा चौथ व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को होता है। इस साल करवा चौथ 13 अक्टूबर को है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना के लिए निर्जला व्रत करती हैं। इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान श्री गणेश की पूजा की जाती है। फिर व्रत को चंद्रमा के दर्शन करने व अर्घ्य देने के बाद पारण किया जाता है। करवा चौथ के दिन को करक चतुर्थी भी कहा जाता है।
करवा चौथ शुभ मुहूर्त 2022
13 अक्टूबर को चतुर्थी तिथि देर रात 1 बजकर 59 मिनट से प्रारंभ हो चुकी है, जो कि 14 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 8 मिनट तक रहेगी।
करवा चौथ पूजन मुहूर्त
करवा चौथ पूजन मुहूर्त शाम 05 बजकर 54 मिनट से प्रारंभ होगा, जो कि शाम 07 बजकर 08 मिनट तक रहेगा। करवा चौथ पूजन की अवधि 1 घंटा 15 मिनट की है।
करवा चौथ व्रत समय 2022
करवा चौथ व्रत समय शाम 06 बजकर 20 मिनट से रात 08 बजकर 09 मिनट तक है। शुभ मुहूर्त 13 घंटे 49 मिनट की है।
करवा चौथ के दिन चंद्रोदय
करवा चौथ के दिन चांद निकलने का समय 08 बजकर 09 मिनट है। हालांकि देश के अलग-अलग शहरों में समय में बदलाव हो सकता है।
करवा चौथ व्रत पूजा विधि
करवा चौथ व्रत में सोलह श्रृंगार किया जाता है। महिलाएं दोपहर में या शाम को कथा सुनती हैं। कथा के लिए पटरे पर चौकी में जल भरकर रख लें। थाली में रोली, गेहूं, चावल, मिट्टी का करवा, मिठाई, बायना का सामान आदि रखते हैं। प्रथम पूज्य गणेश जी की पूजा से व्रत की शुरुआत की जाती है। गणेश जी विघ्नहर्ता हैं इसलिए हर पूजा में सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है। इस बात का ध्यान रखें कि सभी करवों में रौली से सतियां बना लें। अंदर पानी और ऊपर ढक्कन में चावल या गेहूं भरें। कथा के लिए पटरे पर चौकी में जल भरकर रख लें।
थाली में रोली, गेहूं, चावल, मिट्टी का करवा, मिठाई, बायना का सामान आदि रखते हैं। प्रथम पूज्य गणेश जी की पूजा से व्रत की शुरुआत की जाती है। गणेश जी विघ्नहर्ता हैं इसलिए हर पूजा में सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है। इसके बाद शिव परिवार का पूजन कर कथा सुननी चाहिए। करवे बदलकर बायना सास के पैर छूकर दे दें। रात में चंद्रमा के दर्शन करें। चंद्रमा को छलनी से देखना चाहिए। इसके बाद पति को छलनी से देख पैर छूकर व्रत पानी पीना चाहिए।
करवा चौथ के लिए 16 श्रृंगार
लाल रंग की साड़ी या लहंगा (या जो भी आप आउटफिट पहनना चाहें), सिंदूर, मंगलसूत्र, बिंदी, नथनी, काजल, गजरा, मेहंदी, अंगूठी, चूड़ियां, ईयररिंग्स (कर्णफूल), मांग टीका, कमरबंद, बाजूबंद, बिछिया और पायल।