Why ADM removed : जनसुनवाई में क्या हुआ जो दिव्यांग पर ADM भड़के, फिर हटाए गए!

मुख्यमंत्री ने कहा कि ADM ने दिव्यांग के साथ दुर्व्यवहार किया!

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Why ADM removed : जनसुनवाई में क्या हुआ जो दिव्यांग पर ADM भड़के, फिर हटाए गए!

कलेक्टर ने क्या कहा जानिए!

Indore : मंगलवार को जिला प्रशासन की जनसुनवाई में अपनी समस्या लेकर पहुंचे एक दिव्यांग को अपर कलेक्टर पवन जैन का कोपभाजन बनना पड़ा। उसकी नाराजी के बाद वहां मौजूद सिपाहियों ने दिव्यांग को थप्पड़ जड़ दिए और अधिकारी ने भी अभद्र व्यवहार किया। यह बात मुख्यमंत्री तक पहुंचने के बाद एडीएम पवन जैन को मुख्यमंत्री ने तत्काल भोपाल अटैच करने के निर्देश दिए।
बताया गया परेशान दिव्यांग कृष्णा पाठक उर्फ़ सोनू ने उसकी समस्या का हल न होने पर एडीएम की टेबल पर फाइल और मोबाइल फोन जोर से पटका, एडीएम को यह अभद्र व्यवहार लगा। बताते है कि एडीएम ने उसे इतने जोर से थप्पड़ मारा कि व्हीलचेयर पर बैठे कृष्णा पाठक फर्श पर गिर गए और फाइल के दस्तावेज बिखर गए। यह न्यूज़ मीडिया के जरिए मुख्यमंत्री तक भोपाल पहुंची। बुधवार सुबह कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री की बैठक में यह मामला सामने आया और मुख्यमंत्री ने सख्त कदम उठाते हुए एडीएम पवन जैन को तत्काल प्रभाव से भोपाल पदस्थ करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री का कहना था कि जनसुनवाई के दौरान एडीएम ने दिव्यांग के साथ संवेदनहीन रवैया रखा, जिस पर उन्हें हटाने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि अधिकारी दिव्यांगों से संवेदनशील व्यवहार रखें।

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ये था मामला
दिव्यांग कृष्णा उर्फ सोनू पाठक की गलती यह थी कि वह अपने मृत दादाजी के मकान को अपने नाम कराना चाहते थे। इसके लिए कई बार कलेक्टर कार्यालय और नगर निगम के कार्यालय चक्कर काट चुके थे। मंगलवार को वे एक बार फिर जनसुनवाई में आए। वह किसी तरह सीढ़ियां चढ़कर ऊपर जनसुनवाई सभागार के दरवाजे तक पहुंचे। यहां सिपाहियों और कर्मचारियों ने सभागार में जाने से रोका और पंजीयन की पर्ची मांगी। उन्हें केवल इसलिए रोका गया कि वे बार-बार जनसुनवाई में आ रहे थे। किसी तरह उन्होंने कर्मचारियों को मनाया। पहले तो कर्मचारी उनके लिए व्हीलचेयर नहीं लाए, लेकिन उनके हल्ला करने पर व्हीलचेयर का इंतजाम किया।

दिव्यांग ने भी गुस्सा किया
दिव्यांग को चलने के साथ ही बोलने में भी समस्या थी। अपर कलेक्टर पवन जैन के सामने पहुंचकर उन्होंने टेबल पर जोर से फाइल और अपना मोबाइल फोन पटका। इससे मोबाइल का कवर खुल गया और बैटरी निकलकर नीचे गिर गई। मोबाइल का कवर अपर कलेक्टर के चेहरे पर जा टकराया। चश्मदीदो ने बताया कि पाठक के व्यवहार से नाराज अपर कलेक्टर जैन ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। जबकि, उनके गार्ड ने दिव्यांग व्यक्ति को दो बार थप्पड़ मारे। थप्पड़ इतने जोर से मारा कि व्हीलचेयर पर बैठे कृष्णा पाठक फर्श पर गिर गए और फाइल के दस्तावेज बिखरे हुए थे। पाठक को बाद में जनसुनवाई कक्ष से बाहर कर दिया गया। इस बारे में पवन जैन ने मीडिया को बताया था कि दिव्यांग अपनी समस्या लेकर आए थे। लेकिन वे पागलों की तरह व्यवहार करने लगे। मोबाइल फेंककर मार दिया, मैंने उनके साथ दुर्व्यवहार नहीं किया, डांटा जरूर था। जनसुनवाई में आने वालों को अपनी बात शांत और शालीन होकर रखना चाहिए, न कि उत्तेजित होकर अधिकारियों के साथ ही दुर्व्यवहार करना चाहिए।