सोन घड़ियाल वन्य प्राणी अभ्यारण्य में खनन से जलजीवों को खतरा

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सोन घड़ियाल वन्य प्राणी अभ्यारण्य में खनन से जलजीवों को खतरा

 

भोपाल: सीधी, सतना, सिंगरौली और शहडोल जिले में 209 किलोमीटर में फैले सोन घड़ियाल वन्य प्राणी अभ्यारण्य में अवैध उत्खनन के चलते जलजीवों और वनस्पतियों पर संकट के बादल मंडरा रहे है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक सोन, गोपद और बनास नदियों के दोनो किनारों पर सोन घड़ियाल की चौड़ाई दो सौ मीटर है। यहां वन्य प्राणी अभ्यारण्य, जलीय वनस्पतियों और जीवों की कई अनोखी प्रजातियों जैसे कि इंडियन स्किमर, घड़ियाल, मगर, उद बिलाव, डॉलफिन5 और कछुओं की देखरेख की जाती है। इनमें से कई इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन आॅफ नेचर की संकटग्रस्त या लुप्तप्राय प्रजातियोें में शामिल है। वर्ष 2014 से 2018 के बीच इस वन्य प्राणी अभ्यारण्य में अवैध रेत खनन के 355 मामले दर्ज किए गए। इनमें से 23 प्रतिशत मामलों मे जुर्माना लगाया गया केवल 26 मामले कानूनी कार्यवाही के लिए न्यायालयों में प्रस्तुत किए गए। शेष 86 प्रतिशत मामले वन अधिकारियो के पास जांच के लिए लंबित थे।

खनिज विभाग की इस ढिलाई के चलते जलीय जीवों घड़ियाल की दुर्लभ प्रजातियों पर संकट छा गया । अवैध गतिविधियों पर महालेखाकार की आपत्ति पर सरकार ने उत्तर नहीं दिया।