छोटी दिवाली पर देशवासियों को मिला ‘विराट’ तोहफा…

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विराट कोहली

छोटी दिवाली पर देशवासियों को मिला ‘विराट’ तोहफा…

बहुत समय बाद पूरा टी-20 मैच देखा। और मैच भी था चिर-प्रतिद्वंदी भारत-पाकिस्तान के बीच। मैच कई नजरियों से खास था। भारत-पाक के बीच यह मैच छोटी दिवाली या कहें कि नरक चतुर्दशी को था। अगर मैच भारत हारता, तो कम से कम क्रिकेटप्रेमी भारतवासियों की दीपावली तो फीकी पड़ ही जाती। उसमें फिर खेल भावना का भाव जैसी किसी बात का कोई स्थान नहीं था। क्रिकेटप्रेमी तो दूर क्रिकेट के खिलाड़ियों पर भी यह भाव प्रभावहीन हो जाता। और तो और अयोध्या को दुल्हन की तरह सजाया गया था और लाखों दीपकों से सजी अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शिरकत करना था। भगवान राम को नमन करना था और मां सरयू की आरती उतारनी थी। अगर मैच हारते तो मोदी का मन भी खट्टा जरूर होता। अगर किसी और देश से हारते, तब भी खेल हाजमोला की गोली खाकर खेल भावना जगा लेते देशवासी, लेकिन सामने पाक हो तब तो हार को गोली की तरह ही छाती से पार हो जाना था। और फिर छोटी दिवाली तो क्या बड़ी दीपावली पर भी पटाखे फोड़ने की हिम्मत न हो पाती। और यदि कश्मीर या देश के किसी भी कोने या किसी मोहल्ले में भी मैच के हार के वक्त पटाखे फूट जाते तो मानो पटाखे फोड़ने वाले आंखों में राष्ट्रद्रोही की तरह खटकते। खैर यह सब नौबत नहीं आ पाई और विराट ने सामने खड़ी हार का दिल चीरकर जीत का महाविराट तोहफा सारे देशवासियों को दे दिया। छोटी दिवाली पर पाकिस्तान क्रिकेट टीम का दिवाला निकाल दिया भारत के इस जांबाज बल्लेबाज ने। मैच इतना रोमांचकता था कि अंतिम गेंद तक जीत को तरसाता रहा। और पूरे मैच में चाहे क्रीज पर हों या फिर दूसरी तरफ, पर महापरीक्षा का सामना कर रहे थे विराट कोहली।

 

समाचार तो बस इतना है कि टी-20 वर्ल्ड कप के अपने पहले मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को 4 विकेट से हरा दिया है। टॉस भारत ने जीता और बॉलिंग पहले करने का फैसला किया। पाकिस्तान क्रिकेट टीम ने पहले खेलते हुए 20 ओवर में 8 विकेट पर 159 रन बनाकर भारत को जीत के लिए 160 रन का लक्ष्य दिया। बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय क्रिकेट टीम की शुरुआत बेहद खराब रही और एक के बाद एक चार महान बल्लेबाज पवेलियन वापस लौट गए। इसके बाद दूर-दूर तक जीत नजर नहीं आ रही थी। दूसरे ओवर में केएल राहुल चार रन बनाकर लौटे और मैदान में पहुंचे विराट कोहली। उसके बाद चौथे ओवर में कप्तान रोहित शर्मा भी चार रन बनाकर पवेलियन लौट गए। उनकी जगह मैदान संभाला सूर्य कुमार यादव ने। दबाव इतना था कि पांच ओवर के बाद दो विकेट खोकर भारतीय टीम ने महज 22 रन बनाए थे। गेंदबाज नसीम, रउफ, अफरीदी, नवाद का खौफ मैदान में पसर चुका था। विराट बड़ी मुश्किल से क्रीज पर अंगद की तरह पैर जमाने का संघर्ष कर रहे थे। चौके से खाता खोलने वाले सूर्य कुमार पर निगाहें जम गई थीं। वह अच्छे शॉट लगा रहे थे, तो सूर्य का दिन भी था। लगा आज कुमार ही पार लगाएंगे। पर चौथे ओवर में आए सूर्य कुमार छठें ओवर में दूसरा चौका लगाकर पवेलियन लौटे और उनकी जगह मैदान में आए अक्षर पटेल भी महज खाता खोलकर वापस लौट गए। उनकी जगह मैदान में आए हार्दिक पंड्या ने एक बार फिर हार रूपी अंधेरे को चीरने की उम्मीदें जगाईं थीं। सात ओवर के बाद चार तीरंदाज बल्लेबाज वापस लौट गए थे और झोली में सिर्फ 33 रन ही जमा थे। और दस ओवर तक विकेट तो चार ही रहे, पर रन केवल 45 थे। बाकी दस ओवर में विकेट बचाते हुए 11.5 प्रति ओवर की दर से रन जुटाने की बड़ी चुनौती थी। ग्यारहवां ओवर राहत देने वाला रहा, तो बारहवां ओवर सिक्स की बरसात संग महाराहत भरा रहा। पर चिंता जिंदा थी क्योंकि कभी भी ढेर होने का दृश्य सामने पसर सकता था। पर विराट-पंड्या ने 19वें ओवर तक चिंता पाट सी ही दी थी। पर अंतिम ओवर ने भी चैन से नहीं रहने दिया। जीत के लिए 6 गेंद में 16 रन बनाने थे। पहले पंड्या आउट हुए और फिर मेहनत पर पानी फिरने का अंधेरा पसर गया। उनकी जगह दिनेश कार्तिक मैदान पर पहुंचे। कोहली ने सिक्स मारा, पर जीत तब भी दूर थी। पर सूर्यदेव विराट के यश के सारथी बने। वह बॉल नो बॉल बनी। फिर दूसरी बाइड बॉल हुई। फिर फ्री हिट में कोहली ने तीन रन लिए। और आखिर मामला पहुंच गया दो बॉल पर दो रन जैसी आसान जीत तक। पर अगली ही गेंद पर कार्तिक आउट और एक गेंद पर दो रन की चुनौती ने फिर हरा सा दिया। पर विराट की मेहनत ऐसे ही जाया नहीं होनी थी। क्रीज पर कार्तिक की जगह अश्विन पहुंचे। अगली गेंद बाइड हुई और क्रिकेट प्रेमियों ने राहत की सांस ली कि कुछ भी गड़बड़ हुआ तो सुपर ओवर तो हिस्से में आ ही गया। पर अंतिम गेंद पर अश्विन खरे उतरे, क्योंकि पाकिस्तान मन से पहले ही हार चुका था और एक रन बनाकर भारत ने चार विकेट से जीत हासिल कर ली।

 

पर यह जीत साधारण नहीं थी, एक विराट खेल व्यक्तित्व की महापरीक्षा के बाद मिली महाजीत थी। वरना विराट की आंख से आंसू निकलना आसान नहीं था। विराट रोए, रोहित रोए और हर खेलप्रेमी की आंख नम हो गई। विराट ‘चेजर किंग’ के बतौर अपना ताज बचाने में कामयाब रहे। विराट ‘क्रिकेट किंग’ के रूप में प्रशंसकों के दिल में अपनी जगह कायम रखने में सौ फीसदी सफल रहे। विराट आलोचकों और निंदकों के गाल पर विराट तमाचा मारने में सफल रहे। विराट देश-दुनिया में फैले अरबों भारतीयों को छोटी दिवाली पर महातोहफा देने में सफल रहे। और एक दिन पहले मिला दीपावली का यह विराट तोहफा सारे देशवासियों के दिलों को रोशनी से जगमग करने में सफल रहा है…। पूरा देश झूम उठाया और मानो दीपावली एक दिन पहले ही मन गई।