पुलिस की मारपीट से क्षुब्ध होकर युवक ने फांसी लगाई

चोरी के आरोप में पकड़ा, 2 दिन बाद छोड़ा

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पुलिस की मारपीट से क्षुब्ध होकर युवक ने फांसी लगाई

छतरपुर से राजेश चौरसिया की रिपोर्ट

छतरपुर: जिले के बड़ामलहरा में पुलिस की मारपीट से क्षुब्ध एक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर लेने के आरोप का मामला सामने आया है। बताया जाता है कि, पुलिस ने मृतक को चोरी के संदेह में पकडा था और सख्ती से पूंछतांछ कर उसकी मारपीट की गई।

जानकारी के अनुसार, धरमदास पिता गोकल लोधी (35) निवासी ग्राम भगुइनखेरा थाना भगवां ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक की पत्नी रंजना लोधी का आरोप है कि, पुलिस द्वारा मारपीट करनें के बाद युवक ने आत्मघाती कदम उठाया है। घटना की खबर लगनें पर पुलिस घटना स्थल पर पहुंच गई परंतु आक्रोशित परिजन शव को फांसी की फंदे से उतारनें के लिए तैयार नहीं हैं। घटना के बाद गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया।

● यह है पूरा मामला..

जानकारी अनुसार जिले के बड़ामलहरा अनुविभाग के थाना भगवा अंतर्गत चौकी घुवारा के बंधा चमोली ग्राम पंचायत अधीन मजरा भगुइयन खेरा मे बीती 1 नवम्बर को रतन लोधी के घर चोरी हुई। पुलिस ने शक के आधार पर गांव के 40 वर्षीय धरमदास लोधी उम्र को हिरासत में लिया और थाने में रखे रखा।

● परिजनों का आरोप..

परिजनों आरोप है कि दो दिन पुलिस ने धरमदास को बेरहमी से पीटा और धरमदास को छोड़ने के एवज में पुलिस ने लेन-देन किया टैब कहीं जाकर फिर 4 नवम्बर की दोपहर उसे छोड़ा गया।

● घर में लगाई फांसी..

पुलिस की बेहरमता से चोटिल धरमदास ने शुक्रवार की रात्रि फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। गांव वालो के अनुसार धरमदास गरीब किसान था और जब चोरी के आरोप में पुलिस ने उसे हिरासत में लिया तब गांव वालो ने भी विरोध किया था पर पुलिस किसी की नहीं सुनी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार फांसी के फंदे पर झूल रहे धरमदास के शरीर पर चोटों के निशान हैं जो बर्बरता की कहानी खुद कह रहे हैं।

● पुलिस बोली..

इधर पुलिस के धर्मेन्द्र कुमार ने व्हाट्सप्प के माध्यम से इन आरोपों को गलत बताया है। उनका कहना है कि यह घटना 03 तारीख को मृतक संदेही चौकी आया था। फरियादी के साथ आया था। पुलिस ने पूछताछ की थी और फरियादी के साथ ही वह वापिस चला गया था आज उसने फांसी लगाकर आत्महत्या की लगाई है।जिसकी जांच की जा रही हैं। पैनल से इसका पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है। जो परिजनों के आरोप आधार पर तथ्य हैं वह निराधार और झूठे हैं। इनमें कोई सत्यता नहीं हैं।