बीड़ी के टुकड़ों ने हत्या के आरोपियों को पहुंचाया सलाखों के पिछे, दोनों को हुआ आजीवन कारावास

आरोपियों के मुंह की लार का डीएनए और खुन के डीएनए का मेचिंग बना सजा का कारण

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बीड़ी के टुकड़ों ने हत्या के आरोपियों को पहुंचाया सलाखों के पिछे, दोनों को हुआ आजीवन कारावास

रतलाम:“मौके से मिले बीड़ी के टुकड़ों ने हत्या के आरोपियों की पहचान करवाई।इस पर कोर्ट ने परिस्थितिजन्य व वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए दोनों पर दो-दो हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया।हत्या के आरोपी मंगल सिंह उर्फ मंगल बाबा एवं कारुलाल निवासी मुंडला राम हैं।सजा विशेष सत्र न्यायालय एट्रोसिटी एक्ट के न्यायाधीश डीएस चौहान ने सुनाई।

मामले में विशेष लोक अभियोजक (एट्रोसिटी एक्ट) नीरज सक्सेना ने बताया की 2019 में पुलिस थाना औद्योगिक क्षेत्र जावरा के ग्राम नागदी में तीन रुंडी पहाड़ी पर मांगीलाल पिता वीर जी का शव मिला था पुलिस को उसकी पत्नी कुम्हरी बाई ने शव मिलने की सूचना दी थी।

मृतक की पत्नी ने पुलिस को बताया था कि मेरा परिवार पांच साल से ग्राम भूतिया में रह रहा है।पति मांगीलाल की तबीयत खराब रहती थी इसलिए मैं पन्नियां बीनकर घर चला रही थी।शव मिलने से दो दिन पहले पति मांगीलाल ग्राम नागदी में श्मशान घाट में मंगल बाबा के पास गया था जो वापस नहीं आया।मेरे पति और मंगल साथ में शराब पीते थे।मैं बेटे दिनेश साथ शमशान गई तो पता चला कि पहाड़ी पर उनका शव पड़ा हैं,मौके से 6 बीड़ी के टुकड़े व 16 माचिस की अधजली तीलियां जप्त की गई।बीड़ी टुकड़ों पर लगी लार का डीएनए टेस्ट किया और आरोपियों के रक्त से डीएनए टेस्ट किया तो दोनों डीएनए समान निकले।

इससे आरोपियों की मौके पर उपस्थिति स्पष्ट हो गई।न्यायालय ने 16 साक्षियों का परीक्षण करने के बाद परिस्थिति जन्य व वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।