अनुकम्पा नियुक्ति को लेकर रिश्वत मांगी,रुपए मांगने की रिकार्डिंग ने आरोपी को पहुंचाया सलाखों के पिछे

पेंट की बांई जेब को रासायनिक घोल में डुबोने पर घोल रंग गुलाबी हुआ था

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अनुकम्पा नियुक्ति को लेकर रिश्वत मांगी,रुपए मांगने की रिकार्डिंग ने आरोपी को पहुंचाया सलाखों के पिछे

रतलाम से रमेश सोनी की रिपोर्ट

मध्यप्रदेश रतलाम जिले की विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) संतोष कुमार गुप्ता द्वारा रिश्वत के मामले में दोषी पाए गए एक लिपिक रामलाल मालवीय को चार वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई, साथ ही 1 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया।

विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त उज्जैन के विशेष प्रकरण क्रमांक 02/2014 में विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) संतोष कुमार गुप्ता द्वारा आज 1 दिसम्बर को पारित अपने फैसले में रामलाल मालवीय उम्र 66 वर्ष तत्कालीन सहायक ग्रेड-2, कार्यालय सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग, रतलाम को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम,1988 की धारा 13 (1) डी सहपठित धारा 13 (2) के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध के लिए 04 वर्ष के सश्रम कारावास तथा 1 हजार रूपए के अर्थ दण्ड की सजा सुनाते हुए आरोपी को जेल भेजा गया।
क्या था मामला
शासन की ओर से पैरवी कर्ता रोजर चौहान,विशेष लोक अभियोजक भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम ने बताया कि 22 अगस्त 2013 को आवेदक गजेन्द्र ररोतिया पिता मदनलाल ररोतिया निवासी पठानटोली जावरा जिला रतलाम ने लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन में उपस्थित होकर शिकायत आवेदन पत्र इस आशय का प्रस्तुत किया कि उसके पिता माध्यमिक विद्यालय पहाडीबंगला सैलाना में शिक्षक थे जिनका 15.अप्रेल.2010 को निधन हो गया था। तथा उसके पिता के स्थान पर उसने अनुकंपा नियुक्ति के लिए 17.जून.2010 को आवेदन दिया था।

तत्कालीन सहायक आयुक्त उसकी अनुकंपा नियुक्ति के लिए अपने अधिनस्थ लिपिक रामलाल मालवीय के माध्यम से 15 हजार रूपए की रिश्वत मांग रही थी। इस पर तत्कालीन डीएसपी पदमसिंह बघेल विपुस्था लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन ने रिश्वत की मांग की जाने की पुष्टि की जाने के लिए आवेदक गजेन्द्र ररोतिया को रिश्वत संबंधी वार्तालाप को गोपनीय रूप से रिकॉर्ड करने के लिए शासकीय डिजिटल वाईस रिकॉर्डर देकर आरोपी रामलाल मालवीय और गजेन्द्र ररोतिया के मध्य हुई रिश्वत संबंधी बातचीत की रिकॉर्डिंग कराई गई।

तत्पश्चात रिश्वत की मांग प्रमाणित पाए जाने पर,विधिवत ट्रैप कार्यवाही की गई।आरोपी को 4 वर्ष के सश्रम कारावास तथा 1 हजार रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित कर आरोपी को जेल भेजा गया।बता दें कि आरोपी के हाथों को सोडियम कार्बोनेट पाउडर के घोल में धुलवाया गया तो घोल का रंग हो गया था गुलाबी।

24 अगस्त 2013 को दोपहर 12:45 बजे ट्रेपदल जिला न्यायालय रतलाम के पास पहुचा। आवेदक कार्यालय सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग में गया और कुछ देर बाद आरोपी रामलाल के साथ बाहर आया और दोनों न्यायालय की बाउण्ड्री के पास स्थित चाय की दुकान पर गए जहा आरोपी रामलाल ने आवेदक गजेन्द्र से 5 हजार रूपए रिश्वत की राशि ली, जो उसने अपनी पहनी हुई पेंट की बाई जेब में रख ली।

चाय की दुकान के पास अत्यधिक भीड हो जाने के कारण डीएसपी पदमसिंह बघेल के द्वारा ट्रेप की कार्यवाहीं कार्यालय सहायक आदिवासी विकास विभाग रतलाम के कक्ष में की गई।
मौके पर आरोपी के हाथों को सोडियम कार्बोनेट पाउडर के घोल में धुलवाया गया तो घोल का रंग गुलाबी हो गया।आरोपी की पहनी हुई पेंट को उतरवाकर उसकी बाई जेब को घोल में डुबोने पर घोल रंग गुलाबी हो गया।आरोपी से जप्त इन करेंसी नोटो के नंबरों का मिलान किए जाने पर ये नोट वही नोट पाए गए,जो लोकायुक्त कार्यालय में फिनाफ्थीलीन पावडर लगाकर आवेदक गजेन्द्र की जेब में रखवाए गए थे।

 

प्रयोगषाला के द्वारा फोरंसिंक परीक्षण में आरोपी के हाथ धुलवाने के घोल एवं आरोपी की पेंट के घोल में फिनाफ्थलीन का परीक्षण धनात्मक पाया था।

विवेचना में आरोपी रामलाल मालवीय के द्वारा अपराध किया जाना पाए जाने पर आरोपी के विरूद्ध अभियोजन स्वीकृति प्राप्त कर विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन द्वारा आरोपी रामलाल मालवीय के विरुद्ध अभियोग पत्र दिनांक 07.मार्च.2014 को विशेष न्यायालय रतलाम में प्रस्तुत किया गया।
प्रकरण में विचारण उपरांत विशेष न्यायालय रतलाम द्वारा आरोपी रामलाल मालवीय को दोषसिद्ध किया गया।