जैसे मृत्यू उस आदमी का चलती ट्रेन में भी पीछा कर रही थी ,और 110 किलोमीटर की प्रति घंटे की रफ़्तार से दौड़ती ट्रेन में भी उसे खिड़की फाड़ कर पकड ले गयी .प्राप्त समाचार अनुसार ट्रैक पर ही सब्बल (रॉड) पड़ा हुआ था। ट्रेन का पहिया जैसे ही उस पर पड़ा, वह उछल गया। स्पीड इतनी तेज थी कि वह खिड़की को चीरते हुए यात्री की गर्दन में जा घुसा और सिर फाड़ कर निकल गया। इसके बाद यात्री के पीछे की चादर को भी सब्बल ने चीर दिया।
शव को ट्रेन से बाहर निकालकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया।रेलवे के मुताबिक हादसे में जान गंवाने वाले यात्री का नाम हरिकेश कुमार दुबे है। वह सुल्तानपुर के गोपीनाथपुर गांव के रहने वाले थे। गुरुवार को घर जाने के लिए दिल्ली से सुल्तानपुर के लिए रवाना हुए थे। ट्रेन अलीगढ़ के सोमना पहुंचने वाली थी, तभी यह घटना हुई। हरिकेश दिल्ली में मोबाइल टॉवर से जुड़ी कंपनी में टेक्नीशियन थे। वह ट्रेन के जनरल कोच में खिड़की के किनारे बैठे हुए थे।इस भयावह हादसे में हरिकेश के पास बैठी एक महिला बाल-बाल बच गई।
महिला अपनी सीट पर बैठी थी। सब्बल उसकी गर्दन को छूकर निकल गया। उस महिला ने रेलवे स्टाफ को पूछताछ में बताया- ट्रेन की स्पीड बहुत तेज थी। पलक झपकते ही यह हादसा हो गया। ट्रेन की तेज आवाज में शायद उसकी चीख भी नहीं सुनाई दी। जब कुछ सेकेंड बाद देखा तो उसके सिर में रॉड घुसी थी।
सीट पर खून बहने लगा था। यह देखकर मेरी व अन्य यात्रियों की चीख निकल गई। कोच में भगदड़ मच गई। आनन-फानन में ट्रेन रोककर पुलिस को घटना की सूचना दी गईयह चौंकाने वाला हादसा कैसे हुआ, इस पर रेलवे अफसर अभी कुछ नहीं बोल रहे हैं। ब