MP में आयुर्वेद विश्वविद्यालय खोलेगी सरकार- CM शिवराज
भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आयुर्वेद के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार मध्यप्रदेश में आयुर्वेद विश्वविद्यालय खोलने पर विचार कर रही है और जल्द ही इस पर फैसला किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य की जो विधा आयुर्वेद में है वह एलोपैथी मे नहीं है। अंग्रेजी दवाएं लिखने वाले डॉक्टर एक के बाद एक दवा लिखते रहते हैं। प्रदेश का खुशीलाल आयुर्वेद महाविद्यालय एमपी में ही नहीं देश भर में अपने कामों के चलते चर्चा में है।
सीएम चौहान ने ये बातें राजधानी के आयुर्वेद महाविद्यालय में 50 बिस्तरों वाले अत्याधुनिक पंचकर्म सिस्टम और छात्रावास के लोकार्पण के मौके पर कहीं। सांसद प्रज्ञा ठाकुर, मंत्री रामकिशोर कावरे की मौजूदगी में मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद ऐसी विधा है कि आने वाले दिनों में पूरी दुनिया इसे अपनाएगी। इसमें घायलों के भी त्वरित इलाज की व्यवस्था को बढ़ावा देने की जरूरत बताते हुए सीएम चौहान ने कहा कि आयुर्वेद में रिसर्च खत्म हो रहे हैं। यह काम रुकना नहीं चाहिए। रिसर्च होने से लोगों को स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं मिलने में आसानी रहेगी। इससे आयुर्वेद आगे बढ़ेगा। सरकार इसके लिए सहयोग करेगी और इसके लिए काम करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि यहां छात्राओं के लिए छात्रावास बन गया है तो अब आयुर्वेद छात्रों के लिए भी छात्रावास बनाया जाएगा।
*अंग्रेजी पर तंज, प्रतिभा मारने का काम करती है अंग्रेजी*
छात्रों को संबोधित करते हुए सीएम चौहान ने कहा कि अंग्रेजी प्रतिभा मारने का काम करती है। अंग्रेजी पर तंज कसते हुए इसके जरिये चिकित्सा सेवा देने वाली व्यवस्था पर भी उन्होंने तंज कसा। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी मतलब टैलेंट नहीं होता है। टैलेंट किसी भी भाषा में हो सकता है। आयुर्वेद की पढ़ाई तो हिन्दी में होगी ही, साथ ही इससे संस्कृत भी समृद्ध होगी। उन्होंने कहा कि बच्चों में अंग्रेजी के कारण प्रतिभा खत्म होने से रोकने के लिए ही राज्य सरकार अंग्रेजी में इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई शुरू कर चुकी है।