Collector Abuses in Meeting : कलेक्टर के व्यवहार से परेशान 13 डॉक्टरों का इस्तीफ़ा!
Mathura (UP) : कलेक्टर पुलकित खरे के व्यवहार और गाली-गलौज से परेशान होकर स्वास्थ्य विभाग के 13 ब्लॉकों के केंद्र प्रभारियों (डॉक्टर्स) ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया। इन केंद्र प्रभारियों का आरोप है कि कलेक्टर मीटिंग में उनसे अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं, गालियां देते हैं। उनका तीन महीने का वेतन भी रोक रखा है। डॉक्टरों का आरोप है कि हम चिकित्सा अधीक्षक के तौर पर काम नहीं करेंगे। अब हम एक नॉर्मल डॉक्टर की तरह कार्य करेंगे। जब तक हमारी मांगों को नहीं माना जाएगा हम केंद्र प्रभारी का चार्ज नहीं लेंगे।
बताया जा रहा है कि बीते लगभग दो माह से सरकारी योजनाओं को पूरा करने के लिए डॉक्टरों पर दबाव की स्थिति बनी हुई है। योजनाओं में कमी के बाद उनका वेतन काटा जा रहा है। ऐसे में डॉक्टरों को मानसिक और आर्थिक परेशानी झेलनी पड़ रही है।
जिले के 13 ब्लॉकों के स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सा अधीक्षक ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। स्वास्थ्य विभाग के केंद्र प्रभारियों द्वारा दिए गए इस्तीफ़े से हड़कंप मच गया है। स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारी केंद्र प्रभारियों को मनाने में लगे हैं। लेकिन, अभी तक कोई हल नहीं निकल सका। चौमुहां सीएचसी प्रभारी डॉ संदीप चौधरी से सामूहिक रूप से दिए गए इस्तीफे के बारे में बताया कि हमारे साथ उच्च अधिकारियों से भी कलेक्टर (डीएम) साहब अभद्र भाषा में बात करते हैं, गाली गलौज करते हैं। हम सरकार की सभी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नवागत डीएम पुलकित खरे ने निर्देशित किया था कि जो लोग सरकार की योजनाओं में पीछे चल रहे हैं, वह लक्ष्य को प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि कलेक्टर का व्यवहार ठीक नहीं है। महिला जिला अस्पताल की सीएमएस काफी उम्रदराज हैं, उनसे अभद्र भाषा में बात की और ब्लॉकों पर कार्यरत एमओआईसी से भी अभद्र भाषा में बात करते हैं। कलेक्टर साहब को जो प्रगति चाहिए थी, हमने 60-70 से 95 तक का लक्ष्य पूरा कर लिया। तीन तीन महीने से हमारा वेतन रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि इतना काम करने के बाद भी हमें यह धमकियां दी जा रही हैं की काम 100% तक नहीं हुआ तो आपकी रेड एंट्री कर दी जाएगी।
फील्ड से हटकर काम
उन्होंने कहा कि हमारी मांगे यह है कि अनुचित दबाव न बनाया जाए। अभद्र भाषा में जो हमसे बातें की जाती हैं, वह ना की जाएँ। सभी का मासिक वेतन दिया जाए, ताकि हम अपने परिवार का भरण पोषण समय से कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि आधार कार्ड एक चिकित्सा अधिकारी कैसे बनवा सकता है, जो काम करने के होते हैं उनको भी हम लोग कर रहे हैं। चौधरी ने बताया कि अपनी फील्ड से हटकर भी हम लोगों को काम दे दिया जाता है, जो कि बहुत ही गलत है।
मथुरा के सीएमओ डॉ अजय कुमार वर्मा से जब सामूहिक रूप से एमओआईसी के द्वारा दिए गए इस्तीफ़े के बारे में जानकारी की तो उन्होंने बताया कि कुल मिलाकर तेरे केंद्र प्रभारियों ने इस्तीफा दिया है। उन लोगों से बातचीत चल रही है कि वह अपना अस्तित्व वापस ले लें। उन्होंने कहा कि प्रभारियों द्वारा सौंपा गया पत्र अभी उन्होंने पढ़ा नहीं है, पत्र को पढने के बाद तय करेंगे कि क्या किया जाना है।