KISSA-A-IPS: इन दिनों चर्चा में हैं बिहार के ‘सुपर कॉप’ अमित लोढ़ा!

वाहवाही महंगी पड़ी इस IPS को

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KISSA-A-IPS: इन दिनों चर्चा में हैं बिहार के ‘सुपर कॉप’ अमित लोढ़ा!

बिहार के आईपीएस अमित लोढ़ा इन दिनों चर्चा में हैं। वे पहले भी ख़बरों में बने रहे हैं। उन्हें पुलिस के ‘सुपर कॉप’ अधिकारियों में गिना जाता है। अमित लोढ़ा निडर आईपीएस अधिकारी हैं, वे जहां भी रहे उन्होंने कई अपराधियों को पकड़ा है। लेकिन, इस बार उनके चर्चा में रहने का कारण कुछ अलग है। वे अपने किसी जांबाज कारनामे की वजह से याद नहीं किए जा रहे, बल्कि एक मामले में उन्हें सस्पेंड किया गया है। कुछ दिन पहले ओटीटी प्लेटफार्म ‘नेटफ्लिक्स’ पर रिलीज़ हुई वेब सीरीज ‘खाकी : द बिहार चैप्टर’ आई थी, जो काफी पसंद की गई। ये वेब सीरीज अमित लोढ़ा के जीवन पर बनाई गई थी। लोगों और क्रिटिक्स को यह वेब सीरीज काफी बेहतरीन और अभी भी देखी जा रही है। मामला ये है कि ये वेब सीरीज अमित लोढ़ा के लिए मुसीबत बन गई। सरकार और पुलिस मुख्यालय का कहना है कि इसके लिए अमित लोढ़ा ने आधिकारिक रूप से अनुमति नहीं ली और इसके निर्माण में लगे करोड़ों रूपए खुद अमित ने दिए हैं।

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2006 में अमित लोढ़ा पहली बार तब चर्चा में आए थे, जब उन्होंने शेखपुरा के गब्बर सिंह कहे जाने वाले अशोक महतो और उनके दोस्त पिंटू मेहतों को पकड़कर जेल में पहुंचाया था। इस बड़े काम के लिए उन्हें वीरता अवार्ड (Gallantry Award) दिया गया। अमित लोढ़ा की गिनती बिहार के टॉप अधिकारियों में की जाती है। वे इस समय आईजी पद पर हैं। अमित को प्रेसिडेंट पुलिस मेडल, पुलिस मेडल और इंटरनल सिक्योरिटी मैडल से भी सम्मान किया गया है। अमित लोढ़ा की पत्नी कौमुदी उनकी सबसे अच्छी दोस्त है एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि सौभाग्य से मेरी पत्नी एक बहुत ही समझदार है। उसे देखकर यह लगता है कि वह साधारण और नाजुक है लेकिन वह अंदर से बहुत मजबूत है।

 इन दिनों चर्चा में हैं बिहार के 'सुपर कॉप' अमित लोढ़ा!

वे 1998 बैच के आईपीएस हैं, जिन्होंने अपने पहले ही प्रयास में UPSC क्रैक किया था। उनकी पुलिस की नौकरी किसी सुपर हीरो से कम नहीं रही। वे जाने-माने पुलिस अधिकारी के साथ लेखक भी है। अमित लोढ़ा ने अपनी जांबाजी के किस्सों पर एक किताब लिखी थी और उसी पर वेब सीरीज ‘ख़ाकी : द बिहार चैप्टर’ बनाई गई। आईपीएस अमित लोढ़ा का जन्म 22 फरवरी 1974 को जयपुर में हुआ था। अमित के पिता डॉ नरेंद्र लोढ़ा है। अमित के भाई आदित्य लोढ़ा शासकीय सेवा में हैं। आईपीएस अमित लोढ़ा की पत्नी तन्नू लोढ़ा हाउस वाइफ है।

 इन दिनों चर्चा में हैं बिहार के 'सुपर कॉप' अमित लोढ़ा!

अमित ने अपनी स्कूली पढाई जयपुर के सेंट जेवियर स्कूल से की है। इसके बाद उन्हें आईआईटी दिल्ली में एडमिशन मिला। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि वे जब आईआईटी में थे, काफी तनाव महसूस कर रहे थे। यहां तक कि वे डिप्रेशन में चले गए थे। उन्हें उस दौरान सुसाइड जैसे विचार भी आने लगे थे। लेकिन, बाद में वे संभल गए। आईआईटी के बाद उन्होंने UPSC का विचार बनाया। क्योंकि, अमित अपने नाना से बहुत प्रभावित थे, जो खुद आईपीएस थे। नाना को देखकर वे बचपन से ही पुलिस ऑफिसर बनना चाहते थे। उनसे प्रभावित होकर ही अमित आईपीएस बने। इसके बाद उनकी बिहार में तैनाती हुई। उनका एक अच्छे व्यवहार ने ही उन्हें लोगों के प्रति लोकप्रिय बना दिया। उन्होंने अपने जीवन कई सारे नामी अपराधियों को बिना डरे जेल की हवा खिलाई।

 इन दिनों चर्चा में हैं बिहार के 'सुपर कॉप' अमित लोढ़ा!

क्यों सस्पेंड किए गए सुपर कॉप
अमित लोढ़ा पर लगे आरोपों की प्राथमिक जांच के आधार पर भ्रष्टाचार की पुष्टि करते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार 2 नवंबर 2018 को अमित लोढ़ा और वेब सीरीज निर्माण करने वाली कंपनी ‘फ्राइडे स्टोरीटेलर्स’ के बीच एक रुपए में करार हुआ था। लेकिन, उनके खाते में 12,372 रुपए आना पाया गया। देखा जाए तो यह रकम काफी छोटी है, लेकिन लोकसेवक के लिए इस तरह की राशि लेना भी अपराध की श्रेणी में आता है। आरोप यह भी है कि लोढ़ा ने स्थापित कहानीकार नहीं होते हुए भी बगैर अनुमति के न केवल किताब लिखी, बल्कि प्रोडक्शन हाउस से इस किताब पर ‘खाकी: द बिहार चैप्टर’ वेब सीरीज बनाने के लिए पत्नी कौमुदी लोढ़ा के जरिए 49,62,372 रुपए अर्जित किए।

 इन दिनों चर्चा में हैं बिहार के 'सुपर कॉप' अमित लोढ़ा!

लोढ़ा पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम 1988 की विभिन्न धाराओं और भारतीय दंड विधान 120(बी) और 168 के तहत यह केस दर्ज किया गया है। ये दोनों भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और भारतीय दंड विधान की धाराएं हैं। इन धाराओं में एक से लेकर 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। हालांकि, यह कोर्ट का विशेषाधिकार है कि वह तथ्यों को लेकर पेश सबूतों को कितना विश्वसनीय मानता है। लेकिन, एक सुपर कॉप का ऐसे मामले में फंसना दुर्भाग्यपूर्ण तो है।


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Suresh Tiwari
सुरेश तिवारी

MEDIAWALA न्यूज़ पोर्टल के प्रधान संपादक सुरेश तिवारी मीडिया के क्षेत्र में जाना पहचाना नाम है। वे मध्यप्रदेश् शासन के पूर्व जनसंपर्क संचालक और मध्यप्रदेश माध्यम के पूर्व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहने के साथ ही एक कुशल प्रशासनिक अधिकारी और प्रखर मीडिया पर्सन हैं। जनसंपर्क विभाग के कार्यकाल के दौरान श्री तिवारी ने जहां समकालीन पत्रकारों से प्रगाढ़ आत्मीय रिश्ते बनाकर सकारात्मक पत्रकारिता के क्षेत्र में महती भूमिका निभाई, वहीं नए पत्रकारों को तैयार कर उन्हें तराशने का काम भी किया। mediawala.in वैसे तो प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की खबरों को तेज गति से प्रस्तुत करती है लेकिन मुख्य फोकस पॉलिटिक्स और ब्यूरोक्रेसी की खबरों पर होता है। मीडियावाला पोर्टल पिछले सालों में सोशल मीडिया के क्षेत्र में न सिर्फ मध्यप्रदेश वरन देश में अपनी विशेष पहचान बनाने में कामयाब रहा है।