Kissa-A-IPS:चार बार फेल, घर वाले अकेले बाहर नहीं जाने देते, फिर क्या हुआ कि IPS बने!

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Kissa-A-IPS: चार बार फेल, घर वाले अकेले बाहर नहीं जाने देते, फिर क्या हुआ कि IPS बने!

सफलता और असफलता हर किसी के जीवन के दो पहिए हैं। लेकिन, कई लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें असफलता डरा देती है तो कुछ लोग उससे प्रेरणा लेकर उसी असफलता को सफलता में बदल देते हैं। इसलिए कि वे समझ जाते हैं कि उनकी असफलता और मेहनत मांग रही है। IPS अक्षत कौशल की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। उनकी जगह और कोई युवा होता तो चार बार UPSC में फेल होने से घबराकर पीछे हट जाता, पर अक्षत ने इसे चुनौती समझा और पांचवी बार फिर UPSC की परीक्षा दी और अंततः सफलता का शीर्ष छुआ! ये कहानी है फरीदाबाद के अक्षत कौशल की, जिन्होंने असफलताओं के बीच से सफलता हासिल की। उनकी लगातार असफलता ने उन्हें इतना हताश कर दिया था कि परिवार वाले अनहोनी के भय से उन्‍हें अकेले घर से बाहर तक नहीं जाने देते थे।

Kissa-A-IPS:चार बार फेल, घर वाले अकेले बाहर नहीं जाने देते, फिर क्या हुआ कि IPS बने!

उनकी असफलता के दौरान कुछ दोस्‍तों ने जो टोंट मारे वो अक्षत के दिल को चुभे जरूर, पर उन्होंने उसे निगेटिव रूप में नहीं लिया! एक इंटरव्‍यू में अक्षत ने इस घटना के बारे में बताते हुए कहा कि दोस्‍तों के कमेंट तो उन्‍हें ठीक से याद नहीं! लेकिन, उन कमेंट्स ने मुझे इतना पॉजिटिव बना दिया कि मैंने ठान लिया था कि मुझे ये तो करना ही है। अक्षत कहते हैं कि मैं कभी नहीं चाहता कि जो गलतियां मैंने की, वही दूसरे भी करें! वे पांचवी बार वे नई तैयारी के साथ जुटे और इस प्रयास में उन्होंने UPSC क्रैक करके IPS हासिल किया। असफलता के बाद अक्षत की सफलता की यह कहानी वास्तव में उनके लिए प्रेरणा है, जो असफलता से घबरा जाते हैं। UPSC की सिविल सेवा परीक्षा में हर साल लाखों परीक्षार्थी शामिल होते हैं! सभी को सफलता नहीं मिलती! कुछ को तो कई सालों तक सफलता नहीं मिल पाती! इसके बाद भी वे हार नहीं मानते हैं! फिर कोई सलाह उनकी किस्मत बदल देती है।

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अक्षत ने 2012 में UPSC Exam की तैयारी शुरू की थी। पहली बार साल 2013 में सिविल सेवा की परीक्षा दी, लेकिन फेल हो गए। कोचिंग में दाखिला भी लिया, पर साल वे प्रीलिम्स भी क्‍लि‍यर नहीं कर सके। लेकिन, वे रुके नहीं और फिर से परीक्षा देने का फैसला किया। उन्होंने ज्यादा मेहनत शुरू की, लेकिन दूसरे प्रयास में भी सफलता उनके हाथ नहीं लगी! दो बार असफल होने पर भी अक्षत हताश नहीं हुए और तीसरी बार UPSC दिया! पर, इस बार भी सफलता उनसे दूर रही! इसके बाद भी वे चुके नहीं और चौथी बार फिर UPSC दी! पर अफ़सोस कि अक्षत को इस बार भी सफलता हाथ नहीं लगी!

Kissa-A-IPS:चार बार फेल, घर वाले अकेले बाहर नहीं जाने देते, फिर क्या हुआ कि IPS बने!

चार बार की असफलता ने अक्षत कौशल को निराश जरूर कर दिया। उन्होंने Civil Service में और कोशिश करने का मन बदल लिया। लेकिन, कुछ दोस्तों ने उनका हौसला बढ़ाया और एक बार फिर UPSC देने के लिए तैयार किया। उनके इस फैसले में माता-पिता भी साथ थे। मां ने भी उत्साह बढ़ाया कि एक बार और कोशिश कर लो। लेकिन, तब तक समय निकल चुका था और परीक्षा के लिए सिर्फ 17 दिन बचे थे! पर, अक्षत इससे निराश नहीं हुए और तैयारी में जुट गए। मेहनत के बाद प्रीलिम्स क्लियर किया! उनका इंटरव्यू भी अच्छा रहा और 2017 में अपने पांचवें प्रयास में 55वीं रैंक हासिल करके अक्षत कौशल IPS बन ही गए!


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अक्षत ने अपने कॉन्फिडेंस के बारे में कहते हैं कि मैं हिंदी को लेकर बहुत कॉन्फिडेंट था कि मुझे सब आता है! लेकिन, जब रिजल्ट आया तो पता चला कि मैं हिंदी के कंपल्सरी पेपर में भी पास नहीं हो पाया। तब उन्हें अपने बाकी विषयों के अंक तक नहीं पता चले। अक्षत कहते हैं कोई विषय आता है, यह अच्छी बात है पर इसको लेकर इग्नोरेंट रवैया न अपनाएं। UPSC आपकी क्षमताओं को जिस स्तर पर जांचता है, आप वहां तक सोच भी नहीं पाते।

Kissa-A-IPS:चार बार फेल, घर वाले अकेले बाहर नहीं जाने देते, फिर क्या हुआ कि IPS बने!

दूसरी कोशिश में सिलेक्ट न होने पर अक्षत ने जॉब शुरू कर दी थी। उनके एक दोस्त जो अक्षत के साथ ही UPSC की तैयारी कर रहे थे, उन्होंने कहा कि हम सफलता के बहुत करीब आ गए हैं, अब जॉब करके रिस्क नहीं ले सकते! लेकिन, अक्षत ने अपने उस दोस्‍त की बात नहीं मानी। उसी साल उनके दोस्त का चयन हो गया और जॉब के कारण अक्षत ठीक से तैयारी नहीं कर पाए।


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Suresh Tiwari
सुरेश तिवारी

MEDIAWALA न्यूज़ पोर्टल के प्रधान संपादक सुरेश तिवारी मीडिया के क्षेत्र में जाना पहचाना नाम है। वे मध्यप्रदेश् शासन के पूर्व जनसंपर्क संचालक और मध्यप्रदेश माध्यम के पूर्व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहने के साथ ही एक कुशल प्रशासनिक अधिकारी और प्रखर मीडिया पर्सन हैं। जनसंपर्क विभाग के कार्यकाल के दौरान श्री तिवारी ने जहां समकालीन पत्रकारों से प्रगाढ़ आत्मीय रिश्ते बनाकर सकारात्मक पत्रकारिता के क्षेत्र में महती भूमिका निभाई, वहीं नए पत्रकारों को तैयार कर उन्हें तराशने का काम भी किया। mediawala.in वैसे तो प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की खबरों को तेज गति से प्रस्तुत करती है लेकिन मुख्य फोकस पॉलिटिक्स और ब्यूरोक्रेसी की खबरों पर होता है। मीडियावाला पोर्टल पिछले सालों में सोशल मीडिया के क्षेत्र में न सिर्फ मध्यप्रदेश वरन देश में अपनी विशेष पहचान बनाने में कामयाब रहा है।