एक दर्जन मजदूरों को धोखे से गुजरात ले जाकर मारपीट करने वाले यू पी के युवक पर प्रकरण दर्ज
इटारसी से जिला ब्यूरो चीफ चंद्रकांत अग्रवाल की एक्सक्लूसिव खबर
इटारसी। केसला ब्लाक के एक दर्जन से अधिक मजदूरों को धोखे से गुजरात ले जाकर काम कराने और पैसा नहीं देने के मामले में केसला पुलिस ने उत्तरप्रदेश के कटिया निवासी प्रशांत उर्फ अजय पाल पिता गिरीश चंद्र पाल और केसला निवासी भगवतीबाई के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पथरोटा थाना अंतर्गत ग्राम खटामा के रहने वाले रीतेश उईके पिता लखन लाल उईके की शिकायत पर इन दोनों के खिलाफ जबरदस्ती मजदूरी कराने,दस दिन से अधिक बंधक बनाकर रखने और वापस आने की बात पर मारपीट करने, जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा पंजीबद्ध किया गया है।
केसला ब्लॉक में गरीब परिवारों के मजबूर बेरोजगार लोग मजदूरी के लिए दूर-दूर तक जाने को तैयार हो जाते हैं। अतः गांव की एक महिला भागवती बारस्कर ने कुछ युवक-युवतियों को कहा कि भोपाल के पास पिज्जा पैंकिंग का काम है। 300 रुपए रोज मिलेंगे। उसने स्वयं भी साथ चलने को कहा तो इन लोगों को भरोसा हो गया। 6 नवंबर भागवती इटारसी तक साथ लायी। यहां और भी लड़के-लड़कियां थे। यहां से यूपी निवासी अजय पाल को सौंपकर खुद वापस चली गयी। अजयपाल उनको राजकोट वाली ट्रेन से अमरेली ले गया। अमरेली के जिस मकान में उनको ले जाया गया वहां पहले से करीब 25-30 लोग रहते थे। इन सभी 13 लोगों को भी दो कमरों में ठहराया गया। 8 नवंबर से शीतल कंपनी में 9 हजार रुपए प्रतिमाह की नौकरी पर लगा दिया।
यहां आइसक्रीम, बिस्किट पैकिंग का काम करने लगे। 12-12 घंटे खड़े-खड़े काम करना पड़ता था। 8,10 दिन बाद साथ के कुछ लड़के-लड़कियों की तबीयत बिगड़ गई तो वे काम पर नहीं गए । तब अजय पाल ने काम पर जाने के लिए मारपीट की। उनके साथ की एक लड़की को अलग सोने के लिए कहता था। मजदूरी मांगने पर गालियां देने लगा। बमुश्किल से केवल 200-300 रुपए दिए। इन लोगों ने लौटने का मन बनाया लेकिन डर था कि अजय मारपीट करेगा, इसलिए चुप्पी साधकर मौके का इंतजार करते रहे। इसी दौरान एक दिन कंपनी की कैंटीन में काम करने वाले एक व्यक्ति ने मदद का आश्वासन दिया। वह इनको लेकर लोकल पुलिस थाना पहुंचा, लेकिन पुलिस वालों ने कहा कि तुम लोग मध्यप्रदेश के रहने वाले हो। हम मदद नहीं कर सकते। ये बेबस एक दर्जन लोग वापस आये। यहां आकर उन्होंने मीडिया को आप बीती सुनाई और जब खबरें प्रकाशित हुईं तो प्रशासन के कान खड़े हुए। इस बीच टांगना के एक लड़के ने एफआईआर कराने की हिम्मत जुटाई और पुलिस ने अजयपाल के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
नर्मदापुरम जिले के केसला थाने में शनिवार शाम को मजदूरों को ले जाने और मारपीट करने वाले ठेकेदार अजय पाल निवासी यूपी और एक महिला भगवती बाई के खिलाफ FIR हुई है। ज्ञात रहे कि गुजरात के राजकोट से लौटे मजदूर लड़के-लड़कियों ने केसला थाने में एक दिसम्बर को लिखित शिकायत की थी। उन्हें नर्मदापुरम पुलिस से उम्मीद है थी कि उनके साथ हुई धोखाधड़ी व मारपीट व प्रताड़ना को लेकर उस महिला और ठेकेदार अजय पाल पर कार्रवाई होगी।। शिकायत को एक सप्ताह हो चुका था। केसला पुलिस ने बयान लेकर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया था। पर जब यह खबर मीडिया व सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई तो पुलिस ने मजदूर रितेश उईके (18) निवासी खटामा की शिकायत पर आरोपी अजय पाल, भगवतीबाई के खिलाफ बंधक बनाने, झूठ बोलकर ले जाने, मारपीट करने के लिए, आईपीसी की धारा 344,374,323,506, 34 के तहत प्रकरण दर्ज किया है। एएसपी अवधेश प्रताप सिंह ने बताया आदिवासी मजदूरों का आरोप है कि उन्हें भोपाल के बजाय गुजरात ले ज्यादा गया। वहाँ काम पर नहीं जाने पर मारपीट की गई, बंधक बना लिया और मजदूरी का भुगतान भी नहीं किया। दो लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। मजदूरों को मजदूरी का भुगतान कराने की कार्रवाई श्रम विभाग द्वारा की गई है।
नर्मदापुरम जिले के नया पोडार की रहने वाली शीतल धुर्वे, मनीषा सेलूकर, खटामा के रीतेश उइके, सुरेश कलमे, कोटमी रैय्यत की बेबी अखंडे, सीमा अखंडे, दूदावानी के सुनील दर्शिमा, सालीमेट की सरस्वती परते को कोटमी रैयत की महिला भागवती बाई बारस्कर और यूपी के अजय पाल ने नौकरी का दिलासा देकर धोखा दिया। इनमें दो की उम्र 18 साल से कम है। पहले आश्वासन दिया कि भोपाल के पास पिज्जा की पैकिंग का काम करना है। 6 नवंबर को लड़के-लड़कियों को इटारसी में एकत्र किया। वहां से भोपाल के बजाय राजकोट की ट्रेन में बैठाकर अमरेली जिला ले गए। केसला ब्लॉक के भाजपा नेता दिनेश मेहता ने बताय जनपद सदस्य सुनील नागले का फोन आया था कि केसला ब्लॉक के भाजपा नेता दिनेश मेहता ने बताया कि जनपद सदस्य सुनील नागले का फोन आया था कि हमारे गांव समेत जनपद के मजदूर गुजरात की एक कंपनी में काम करने गए हैं, वे परेशान हैं। उन्हें बंधक बनाया गया है। फिर वनवासी कृषि एवं ग्रामीण मजदूर संघ नर्मदापुरम महामंत्री सत्यम धुर्वे, मजदूर संघ के नर्मदापुरम संभाग प्रभारी जीतेंद्र उइके, भारतीय मजदूर संघ अध्यक्ष के द्वारा राजकोट जिला मंत्री शिवराज सोलंकी ने रेलवे स्टेशन पहुंचकर मजदूरों की मदद की। मजदूरों के भोजन व रात्रि विश्राम की व्यवस्था राजकोट में की। 30 नवंबर को इटारसी के लिए रवाना किया गया।
एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी ने बताया कि मजदूरों को वापस लाने के बाद मामले की जांच की गई। यूपी के अजय पाल, कोटमी रैयत की महिला और अमरेली राजकोट की शीतल कंपनी द्वारा आदिवासी बच्चों के साथ धोखाधड़ी कर अभद्रपूर्ण व्यवहार किया। कंपनी द्वारा मजदूरों को भुगतान नहीं किया। अजय पाल ने मारपीट की व गलत काम करने के लिए परेशान किया। घटना में शामिल आरोपियों और कंपनी पर केस दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। पत्र थाना प्रभारी केसला और एसडीओपी इटारसी को भेजा है।