Gwalior Floods wreak havoc | आदमी से बड़ी भैस, बाढ़ में भी रोजी रोटी की चिंता!

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Gwalior Floods
Gwalior Floods in Madhya Pradesh

Gwalior Floods (M.P.)

भोपाल: मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल क्षेत्र में इन दिनों भयंकर बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। मुरैना जिला भी इससे काफी प्रभावित हुआ है। बताया गया है कि मुरैना में ऐसी ही बाढ़ 22 साल पहले 1999 में भी आई थी जब वहां एसएस उप्पल कलेक्टर हुआ करते थे। इस भीषण बाढ़ को देखते हुए एसएस उप्पल को मुरैना के कलेक्ट्री के उन दिनों का एक वाकया याद आ गया।

वे बताते हैं उस समय चंबल नदी में भीषण बाढ़ आई थी। नदी के किनारे कई गांव जलमग्न हो गए थे । मैने और तत्कालीन पुलिस अधीक्षक श्री पवन जैन ने युद्धस्तर पर बचाव कार्य प्रारंभ करवाए। सेना से अनुरोध कर बचाव कार्य में मदद करने का अनुरोध है, जिसपर उनके द्वारा तत्काल राहत दल भेजे गए।
हमारे द्वारा राहत शिविरों की स्थापना कर प्रभावितों को भोजन आदि की व्यवस्था कराई गई। सेना के द्वारा बचाव कार्य में दो हेलिकॉप्टर भी लगाए गए थे। बचाव कार्य देखने के लिए मैने और पुलिस अधीक्षक द्वारा हेलीकॉप्टर से जलमग्न गांवो में जाने का निर्णय लिया गया।

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Story of a Man and his Cattle during Gwalior Floods

जब हम चंबल नदी के पास के गांव के ऊपर पहुंचे तो एक टापू पर एक गांव वाला एक भैंस के साथ खड़ा था। मैने हेलीकॉप्टर पायलट से कहा कि वे हेलीकॉप्टर को नीचे करके टापू पर खड़े आदमी को झूलारस्सी नीचे डालकर उसे ऊपर खींचे। जब रस्सी नीचे डालकर उस आदमी को कहा कि वोह झूले पर बैठ जाए ताकि उसे ऊपर खींचा जा सके, किंतु उस आदमी ने कहा कि आप मेरी चिंता ना करें मैं तो पानी उतरने पर अपने आप आ जाऊंगा। आप तो मेरी भैंस को सुरक्षित ले जाएं और उसे गांव की खुली जमीन पर ले जाकर छोड़ दें। जब हमने जोर डालकर उसे ऊपर आने को कहा तो उसने कहा कि भैंस से उसकी घर गृहस्थी चलती है, मेरी रोजी रोटी ही यह भैंस है। मेरा क्या है, मैं तो किसी भी तरह से आ जाऊंगा। लेकिन जिस तरह नदी उफान पर थी और लगातार बारिश का उग्र रूप दिखाई दे रहा था, उससे लगा कि अगर इस व्यक्ति को साथ लेकर नही गए तो यह आदमी मुश्किल में फंस सकता है। कुछ डराकर और कुछ मन्नोवल के बाद ही हम उसे किसी तरह से हेलीकॉप्टर में लाने में सफल हुए।

उस दिन और उस दृश्य को याद कर उप्पल बताते है कि हमे पहली बार महसूस हुआ कि भयंकर आपदा में भी गरीब व्यक्ति को अपने परिवार के भरणपोषण की कितनी चिता रहती है? RB